माल गाडिय़ों को यात्री गाडिय़ों के साथ जोडऩेे के रेलवे के फैसले को अनुचित और तर्कहीन बताया
CHANDIGARH: राज्य में माल गाडिय़ों के यातायात को मुसाफिऱ गाडिय़ों के साथ जोडऩे वाले रेलवे के फ़ैसले को पूर्ण तौर पर अनुचित और तर्कहीन बताते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी रेलवे के इस फ़ैसले की पुष्टि के कारण किसानों के गुस्सा को और भडक़ा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों ने अपने नागरिकों के प्रति भाजपा की अपेक्षा अधिक संजीदगी दिखाई है।
भाजपा प्रांतीय इकाई के प्रधान अश्वनी शर्मा की तरफ केंद्र की हाथ मरोडऩे के लगाऐ गये दोषों को नकारते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा लीडरशिप ही है जो इस मामले पर पंजाब विरोधी पैंतरों के साथ किसानों को भडक़ा रही है।
उन्होंने कहा कि रेलवे को सवाल करने और केंद्र से माल गाडिय़ां चलाने की माँग के लिए राज्य सरकार की की जा रही कोशिशों का समर्थन करने की बजाय भाजपा नेता पंजाब और पड़ोसी राज्यों के लोगों के भले की कीमत पर निरंतर गंदी राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘सबसे बुरी बात यह है कि भाजपा को लद्दाख़ और कश्मीर में तैनात हमारे सैनिकों के बारे भी चिंता नहीं है जो बर्फबारी के सीजन से पहले ज़रूरी वस्तुओं की सप्लाई का बेसब्री से इन्तज़ार कर रहे हैं।
सर्दी के महीनों के दौरान वह देश के बाकी हिस्सों के साथ टूटे हुए हैं।’
शर्मा की तरफ से लगाऐ दोषों, कि राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों को रेल सेवाएं रोकने से हटाने में असफल रही, संबंधी बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविकता यह है कि यह उनकी ही सरकार है जिसने ज़रूरी सप्लाई को ले जाने के लिए किसानों को रोकें हटाने के लिए मनाया है।
यहाँ तक कि उनके कई मंत्री किसान यूनियनों को पूर्ण नाकाबंदी हटाने के लिए मनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह करना उनकी सरकार के हित में है क्योंकि वह राज्य के लोगों प्रति जि़म्मेदार है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि माल गाडिय़ों के यातायात को यात्री गाडिय़ों के साथ जोडऩा बिल्कुल तर्क नहीं रखता जिस पर कि रेलवे की तरफ से माल गाडिय़ों की सेवाएं निरंतर बंद रखने का बहाना बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब आने वाले मुसाफिऱ आसानी से राज्य के स्टेशनों जैसे कि चण्डीगढ़ और हरियाणा में अम्बाला में आ सकते हैं जहाँ से वह सडक़ रास्ते के द्वारा अपने पहुँच स्थानों पर आसानी से जा सकते हैं जहाँ से कुछ घंटों का ही रास्ता बनता है। उन्होंने कहा कि यह माल गाडिय़ों के यातायात के लिए विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों समेत पंजाब के लोगों को इसी तरीके से ज़रूरी वस्तुओं से वंचित रखा गया तो स्थिति गंभीर बन जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे का अडिय़ल रवैया, जिसको भाजपा भी धड़ल्ले से प्रोत्साहन दे रही है, माल गाडिय़ों के मुद्दे की पेचीदगी को सुलझाने में इरादे की कमी दर्शाता है। उन्होंने कहा,‘किसानों की तरफ से माल गाडिय़ों के यातायात के लिए सभी ट्रैक खाली करने और उन (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) की तरफ से माल गाडिय़ों की सुरक्षा के लिए निजी तौर पर गारंटी देने और यहाँ तक कि जी.आर.पी. रेलवे की सुरक्षा के लिए होने के बावजूद रेलवे की तरफ से पंजाब में रेल सेवाओं मुअत्तल करने के लिए एक से एक बहाना क्यों बनाया जा रहा है? उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने रेलवे के इस अनुचित फ़ैसले का समर्थन क्यों किया और समूचे मामले पर झूठ क्यों फैला रही है?’
श्री शर्मा की तरफ से टिप्पणी कि राज्य सरकार ‘दावा कर रही है कि कोयले जैसी वस्तुओं की सप्लाई न होने के कारण पंजाब संकट में से गुजऱ रहा है’, पर चुटकी लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको ‘दावा’ बता कर भाजपा के पंजाब प्रधान ने बहुत ही गंभीर रूप धारण कर चुकी ज़मीन स्थिति संबंधी पूर्ण तौर पर अज्ञानता होने का प्रगटावा किया है। उन्होंने इस तथ्य पर हैरानी ज़ाहिर की कि भाजपा नेता को यह नहीं दिखता कि रेल गाडिय़ों की मुअत्तली से पंजाब में हालत कैसे बने हुये है जबकि समूचा देश इसको देख सकता है।
शर्मा की तरफ से टिप्पणी कि राज्य सरकार मुसाफिऱ रेलों की सुरक्षा यकीनी क्यों नहीं बना सकती तो इसके जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि भाजपा नेता को या तो समस्या की गंभीरता का पता नहीं और या फिर जानबूझ कर इससे अनदेखा किया हुया हैं। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो रेलवे की सुरक्षा राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती।
दूसरा, किसानों ने मुसाफिऱ रेलें चलाने की आज्ञा देने में अभी तक सहमति नहीं दी।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देजऩर स्थिति नाजुक है और इसको ध्यान से निपटने की ज़रूरत है जो उनकी सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों पर कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार को उकसाने की बजाय शर्मा को आम आदमी, कारोबारियों, व्यापारियों, किसानों और उद्योगों के हित में काम करना चाहिए क्योंकि वह इन भाईचारे के कल्याण के प्रति चिंतित होने का दावा भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ तक कि अदालतें भी राज्य और केंद्र सरकारों को लोक हित में संकट सुलझाने के लिए इकठ्ठा होकर काम करने के लिए कह चुकी हैं। उन्होंने भाजपा लीडरशिप को स्थिति सुखद बनाने के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर उनकी सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की है।