CHANDIGARH: अभिव्यक्ति साहित्य संस्था और गाँधी स्मारक भवन के सौजन्य से साहित्यकार और रंगकर्मी डॉ आहलूवालिआ की अध्यक्षता में कवि और व्यंगकार अश्वनी कुमार ‘भीम’ के व्यंग्य-उपन्यास ‘ आदमी, श्वान और राजनीति का विमोचन हुआ।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे कवि, कहानीकार और व्यंगकार, प्रेम विज और और माननीय अतिथि रहे गाँधी समारक भवन के डायरेक्टर डॉ. देव राज त्यागी। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार और रंगकर्मी विजय कपूर ने किया। पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए डॉ कैलाश आहलूवालिआ का कहना था ‘ अश्वनी ने श्वानो के ज़रिये भावों को तंज़ में व्यक्त करते हुए आदमीयत पर गहरी चोट की है। कथ्य को तथ्य में तौल कर व्यंग्य एक नई विधा में ढाल दिया है।
प्रेम विज ने इसे ‘ कुत्तों की आदमियों पर बौखलाहट का सजीव चित्रण बतलाया। साहित्यकार रंगकर्मी विजय कपूर का कहना था ‘ अश्वनि ने मनुष्यता के फैले भ्रष्ट तंत्र जाल को श्वानो के जबड़ों और पंजों से, व्यंग्य के ज़रिये काटने की चेष्टा की है। ‘ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के स्पेशल सेक्रेटरी दलबीर कहना था ‘ उपन्यास का तंज़ सामने आईने के तरह आता है।’ अश्वनी कुमार भीम ने ‘ अपनी उपन्यास लिखने की यात्रा में सबसे अधिक योगदान के लिए डॉ. कैलाश आहलुवालिया का विशेष धन्यवाद किया। डॉ. देवराज त्यागी ने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उपन्यास पर बात करते हुए कहा कि मनुष्य को अन्य प्राणियों और प्रकृति से स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए। इस कार्यक्रम में कई साहित्यकारों ने भाग लिए जिनमें प्रमुख थे , डॉ सत्यभामा, डॉ विमल कालिया , सीमा गुप्ता और दर्शना सुभाष पाहवा।