कांग्रेस में वाल्मीकि समाज को एक और झटका: उपेक्षा पर आवाज उठाने वाले ओमप्रकाश सैनी से छीना चेयरमैन पद, जानिए किसको दी उनकी जगह

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में वाल्मीकि समाज की उपेक्षा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को पार्टी ने एक और झटका दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस में वाल्मीकि समाज के अधिकार की मांग करने वालों की अगुवाई कर रहे ओमप्रकाश सैनी को पार्टी के असंगठित कामगार सैल के चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया है। कांग्रेस ने उनकी जगह राम मिलन गौड़ को इस सैल का चेयरमैन नियुक्त किया है। जले पर नमक छिड़कने जैसी मानी जा रही इस कार्रवाई से कांग्रेस में अब वाल्मीकि समाज का गुस्सा और भड़कने के आसार बन गए हैं।

पांच जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद उठी थी नाराजगी
बता दें कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करते हुए गत 12 जून को 5 नए जिलाध्यक्षों की नियुुक्ति की थी। इसको लेकर कांग्रेस से जुड़े वाल्मीकि समाज के लोगों ने भारी नाराजगी जाहिर की। उनका आरोप था कि नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के नेतृत्व में वाल्मीकि समाज की लगातार अनदेखी की जा रही है। पांच नए जिलाध्यक्षों में भी वाल्मीकि समाज के किसी व्यक्ति को तवज्जो नहीं दी गई। उन्होंने आशंका जताई थी कि अब पुनर्गठित होने वाली चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी वाल्मीकि समाज को सम्मानजनक स्थान नहीं मिलेगा।
उनका कहना था कि वाल्मीकि समाज की उपेक्षा का यह आलम तब है जब शहर में वाल्मीकि समाज का सबसे ज्यादा करीब 40 फीसदी वोट है और इसमें अधिकांश कांग्रेस के समर्थक हैं।

सैनी की अगुवाई में हुई थी नाराज लोगों की मीटिंग
प्रदेश कांग्रेस में उपेक्षा के मुद्दे को लेकर वाल्मीकि समाज के प्रमुख लोगों ने अगले ही दिन 13 जून को बड़ी मीटिंग भी की। यह मीटिंग पूर्व मेयर हरफूल चंद कल्याण और भगवान वाल्मीकि शोभायात्रा कमेटी के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी की अगुवाई में हुई थी। इसमें फैसला किया था कि वाल्मीकि समाज इस मामले को पार्टी हाईकमान तक ले जाएगा। इससे पहले चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से मिलकर बात की जाएगी। वाल्मीकि समाज अपने इस निर्णय की दिशा में प्रयासरत ही था कि पार्टी ने इस समाज के नाराज लोगों का नेतृत्व कर रहे भगवान वाल्मीकि शोभायात्रा कमेटी के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी को ही लपेटे में ले लिया।

तीसरे ही दिन छीन लिया चेयरमैन पद
ओमप्रकाश सैनी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के असंगठित कामगार सैल के चेयरमैन भी थे। लिहाजा, वाल्मीकि समाज के नाराज लोगों की 13 जून की मीटिंग के तीसरे दिन ही यानी 16 जून को पार्टी ने ओमप्रकाश सैनी को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के असंगठित कामगार सैल के चेयरमैन पद से भी हटा दिया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के असंगठित कामगार सैल के चेयरमैन पद पर राम मिलन गौड़ की नियुक्ति की घोषणा की है।

सैनी के बहाने छाबड़ा पर निशाना!
उल्लेखनीय है कि ओमप्रकाश सैनी को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के असंगठित कामगार सैल का चेयरमैन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने बनाया था। ऐसे में माना जा रहा है कि ओमप्रकाश सैनी की इस पद से छुट्टी करके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने छाबड़ा पर भी निशाना साधा है और इस कदम से छाबड़ा समर्थकों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि प्रदेश नेतृत्व सैनी के जैसी गतिविधियों को अब बर्दाश्त करने के मूड में कतई नहीं है। छाबड़ा व चावला के बीच का शीतयुद्ध पहले से ही जग जाहिर है लेकिन इस गुटीय लड़ाई में ओमप्रकाश सैनी पर हुई कार्रवाई वाल्मीकि समाज की नाराजगी को और बढ़ा सकती है।

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