अमृतसर-कोलकाता इंटिग्रेटिड कॉरिडोर प्रोजैक्ट में करोड़ों का गबन और अनियमितताएं

ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने एफ.आई.आर दर्ज करने की सिफारिश की 

CHANDIGARH, 01 JUNE: ब्लॉक शंभू कलां की ग्राम पंचायतों सेहरा, सेहरी, अकड़ी, पबरा और तखतू माजरा द्वारा अमृतसर कोलकाता इंटिग्रेटिड कॉरिडोर प्रोजैक्ट के अधीन बनने वाले कोरीडोर के लिए शामलात ज़मीन से प्राप्त हुई राशि को ख़र्च करने में बड़े स्तर पर करोड़ों रुपए का गबन और अनियमितताएं पाई गई हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने एफ.आई.आर दर्ज करने की सिफ़ारिश की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जोभी इस जाँच-पड़ताल में दोषी पाए गए हैं, उनके पासपोर्ट ज़ब्त किए जाएँ, जिससे कोई भी दोषी विदेश ना भाग सके। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि इनकी जायदाद भी केस के साथ अटैच की जाए, जिससे गबन के पैसे इनसे रिकवर किए जा सकें।

जि़क्रयोग्य है कि ब्लॉक शंभू कलां की ग्राम पंचायतों सेहरा, सेहरी, अकड़ी, पबरा और तखतू माजरा द्वारा अमृतसर कोलकाता इंटिग्रेटिड कॉरिडोर प्रोजैक्ट के अधीन बनने वाले कोरीडोर के लिए शामलात ज़मीन को बेचकर प्राप्त रकम से और पंचायत समिति शंभू कलाँ द्वारा सचिव वेजिज के साथ करवाए गए असल कार्यों की पड़ताल विभाग के चार सीनियर अधिकारियों की समिति द्वारा की गई थी, जिसमें सरबजीत सिंह वालीया संयुक्त डायरैक्टर चेयरमैन और जतिन्दर सिंह बराड़ डायरैक्टर आई.टी शामिल थे। इस पड़ताल में बड़े स्तर पर करोड़ों रुपए की अनियमितताएं पाई गई हैं।

इस प्रोजैक्ट के अधीन बनने वाले कोरीडोर के लिए ब्लॉक शंभू कलाँ, जि़ला पटियाला की पाँच ग्राम पंचायतों सेहरा, सेहरी, पबरा, तखतू माजरा और अकड़ी की 1104 एकड़ ज़मीन साल 2020 में पंजाब हाऊसिंग और अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पुडा) द्वारा 285 करोड़ में खरीदी गई थी। इसमें गाँव पथरा की 177 एकड़ 3 कनाल 10 मरले, अकड़ी 183 एकड़ 12 मरले, सेहरा 492 एकड़ 4 कनाल 15 मरले, तखतू माजरा 48 एकड़ 3 कनाल 18 मरले और सेहरी 201 एकड़ 7 कनाल ज़मीन शामिल थी।

विभागीय समिति द्वारा की गई पड़ताल के अनुसार ज़मीन के बदले मिली इस बड़ी राशि सीधे तौर पर सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के एच.डी.एफ.सी बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। पड़ताल में पाया गया कि प्राप्त हुई राशि का बड़ा हिस्सा सम्बन्धित पंचायतों ने अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के साथ विभाग द्वारा हिदायतों और नियमों की अनदेखी करते हुए कार्यों पर ख़र्च कर ली है। 

पड़ताल समिति द्वारा दी गई पड़ताल रिपोर्ट के अनुसार:

ग्राम पंचायत पबरा: ग्राम पंचायत पबरा को 43.82 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी और 1.42 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर प्राप्त हुए। इस तरह कुल राशि 45.24 करोड़ रुपए बनती है। विभाग द्वारा असेसमेंट करने पर पाया गया कि इस राशि में से ग्राम पंचायत द्वारा 13.14 करोड़ रुपए बतौर सचिव वेजिज पंचायत समिति शंभू कलाँ को दिए गए और 27.28 लाख रुपए के काम करवाए गए हैं। इस ग्राम पंचायत की 31.82 करोड़ रुपए की राशि पंचायत एफ.डी. के रूप में और बैंक खातों में पड़ी है। इस पंचायत और उस समय के अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं की गई हैं, विभाग की हिदायतों के अनुसार राशि को फिक्स डिपॉजि़ट नहीं करवाया और पंचायत ने प्रशासनिक मंजूरी नहीं ली है, जिसके लिए वह दोषी हैं। 

ग्राम पंचायत तखतूमाजरा: ग्राम पंचायत तखतूमाजरा को 14.24 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी और 0.25 लाख रुपए ब्याज के तौर पर प्राप्त हुए। इस तरह कुल राशि 14.49 करोड़ रुपए बनती है। इस कुल राशि में से 10.68 करोड़ रुपए की राशि विकास के कामों पर ख़र्च की गई। 3.97 करोड़ रुपए की राशि पंचायत के खाते में बकाया पड़ी है। इस पंचायत ने प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी नहीं ली है। पंचायत और उस समय के अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं की गई हैं, जिसके लिए वह दोषी हैं। विभाग की हिदायतों के अनुसार राशि को फिक्स डिपॉजि़ट नहीं करवाया। पंचायत ने तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी समर्थ अधिकारी से नहीं ली है। सरकार की हिदायतों के अनुसार पंचायत सचिव वेजिज की 30 प्रतिशत राशि बिना घटाए, बची हुई अतिरिक्त राशि के काम करवाए गए हैं। पंचायत द्वारा दुर्भावना के साथ अनावश्यक काम करवाए गए, जिससे पंचायत को वित्तीय नुकसान हुआ है। ज़्यादातर खरीद चुनिन्दा फर्मों से ही बार-2 की गई और अप्रत्यक्ष तरीके से ठेकेदारों के द्वारा ही काम करवाया गया, जोकि सरकारी हिदायतों का उल्लंघन है। 

ग्राम पंचायत अकड़ी: ग्राम पंचायत को 51.08 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी और 1.52 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर प्राप्त हुए। इस तरह कुल राशि 52.60 करोड़ रुपए बनती है। 2.56 करोड़ रुपए की राशि पंचायत समिति शंभू कलाँ बतौर पंचायत सचिव वेजिज के तौर पर तबदील की गई है और 17.66 करोड़ रुपए कामों पर ख़र्च किए गए दिखाए गए हैं। टैक्निकल टीम की असेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा कुछ कामों पर केवल खर्चा ज़रूर किया है, परन्तु मौके पर काम नहीं करवाया गया। इस ग्राम पंचायत ने सूए की बरमां, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कब्रिस्तान, पंचायत घर और जंझ घर और 5.84 करोड़ रुपए की राशि का खर्चा किया दिखाया गया परन्तु मौके पर कोई काम नहीं करवाया। इस तरह यह सारी राशि का सीधे तौर पर गबन किया गया है। इसी तरह 77.25 लाख रुपए के सबमरसीबल लगाने का नाजायज और अनावश्यक ख़र्च किया गया है। इन सभी कामों की असेसमेंट और पाया गया कि 12.24 करोड़ रुपए की राशि का वित्तीय नुकसान हुआ है और यह राशि वसूलने योग्य है। इस ग्राम पंचायत द्वारा भी बिना प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी लिए ख़र्च किया गया है। पंचायत द्वारा जो खर्च किए गए हैं, वह अनावश्यक किये गए हैं और एक ही लक्ष्य रखा लगता है। जो राशि प्राप्त हुई है, उसे किसी तरह ख़र्च किया दिखाया जाये। यहाँ यह बताना भी योग्य है कि गाँव के प्राथमिक स्कूल में 25 बच्चे पढ़ते हैं, जिनके लिए रसोई/मैस समेत 8 कमरे नये बना दिए गए हैं, जोकि साझे पैसों का दुरुपयोग किया गया है। पंचायत और उस समय के अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं की गई हैं, जिसके लिए वह दोषी हैं। पंचायत द्वारा नकली बिलों के द्वारा 1.87 करोड़ रुपए का गबन किया गया है। विभाग की हिदायतों के अनुसार राशि को फिक्स डिपॉजि़ट नहीं करवाया। पंचायत ने तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी समर्थ अधिकारी से नहीं ली है। सरकार की हिदायतों के अनुसार पंचायत सचिव वेजिज की 30 प्रतिशत राशि बिना घटाए, बची हुई अतिरिक्त राशि के काम करवाए गए हैं। पंचायत द्वारा दुर्भावना के साथ अनावश्यक काम करवाए गए, जिसके साथ पंचायत को वित्तीय नुकसान हुआ है। ज़्यादातर खरीद चुनिन्दा फर्मों से ही बार-बार की गई और अप्रत्यक्ष तरीके से ठेकेदारों के द्वारा जोकि सरकारी हिदायतों का उल्लंघन है। 

ग्राम पंचायत सेहरी: ग्राम पंचायत को 47.93 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी और 1.23 करोड़ रुपए ब्याज डालकर कुल राशि 49.16 करोड़ रुपए बनती है। इस कुल राशि में से 14.42 करोड़ रुपए पंचायत समिति शंभू कलाँ को बतौर पंचायत सचिव दिए गए और 13.96 करोड़ रुपए की राशि विकास कामों के ख़र्च की दिखाई है। पड़ताल टीम ने असेसमेंट करके रिपोर्ट की है कि मौके पर हुए कामों और कामों पर ख़र्च की गई राशि में 7.32 करोड़ रुपए में अंतर है। पंचायत के खाते में 20.80 करोड़ रुपए की राशि जमा है। इस ग्राम पंचायत सेहरी द्वारा भी कोई प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी नहीं ली है। सारा खर्चा बिना जरूरत के किया गया है। पंचायत और उस समय के अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं की गई हैं, जिसके लिए वह दोषी हैं। पंचायत द्वारा नकली बिलों के द्वारा 78.53 लाख रुपए का गबन किया गया है। विभाग की हिदायतों के अनुसार राशि को फिक्स डिपॉजिट नहीं करवाया। पंचायत ने तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी समर्थ अधिकारी से नहीं ली है। सरकार की हिदायतों के अनुसार पंचायत सचिव वेजिज की 30 प्रतिशत राशि बिना घटाए, बची हुई अतिरिक्त राशि के काम करवाए गए हैं। पंचायत द्वारा दुर्भावना से अनावश्यक काम करवाए गए, जिससे पंचायत को वित्तीय नुकसान हुआ है। ज़्यादातर खरीद चुनिन्दा फर्मों से ही बार-बार की गई और अप्रत्यक्ष तरीके से ठेकेदारों के द्वारा जोकि सरकारी हिदायतों का उल्लंघन है। 

ग्राम पंचायत सेहरा: ग्राम पंचायत को 127.97 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी और 3.60 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर प्राप्त हुआ और 6.88 करोड़ रुपए की राशि बैंक से ओवरड्राफ्ट करवाए गए। कुल राशि 138.46 करोड़ रुपए बन गई। 38.40 करोड़ रुपए की राशि पंचायत समिति शंभू कलाँ को बतौर पंचायत सचिव वेजिज तबदील की और 22.23 करोड़ रुपए की राशि विकास कामों पर ख़र्च किए दिखाऐ गए हैं। तकनीकी टीम असेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार इस ग्राम पंचायत ने 2.65 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्चा दिखाया है। इस ग्राम पंचायत ने सबमरसीबल पंप के लगाने के नाम पर 44.84 लाख रुपए का नाजायज खर्चा पाया है। यह सारी राशि वसूलने योग्य है। पंचायत और उस समय के अधिकारियों द्वारा पंचायत ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के साथ एक नई किस्म की घोर लापरवाही करते हुए कुछ की गई एफ.डी. के विरुद्ध 6.88 करोड़ रुपए की ओवरड्राफटिंग की है, जोकि भ्रष्टाचार करने की भावना के साथ की गई है। विभाग की हिदायतों के अनुसार जिस राशि का फिक्स डिपॉजिट करवाना बनता था, वह नहीं करवाया गया। पंचायत ने तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी समर्थ अधिकारी से नहीं ली है। सरकार की हिदायतों के अनुसार पंचायत सचिव वेजिज की 30 प्रतिशत राशि बिना घटाए, बची हुई अतिरिक्त राशि के काम करवाए गए हैं। पंचायत द्वारा दुर्भावना के साथ अनावश्यक काम करवाए गए जिससे पंचायत को वित्तीय नुुकसान हुआ है। ज़्यादातर खरीद चुनिन्दा फर्मों से ही बार-बार की गई और अप्रत्यक्ष तरीके से ठेकेदारों के द्वारा ही काम करवाया गया, जोकि सरकारी हिदायतों का उल्लंघन है। 

इस रिपोर्ट को पढऩे पर पाया गया कि पथरा और तखतूमाजरा गाँवों द्वारा विभाग की हिदायतों का उल्लंघन किया गया है, यह राशि इन ग्राम पंचायत द्वारा फिक्स डिपॉजिट नहीं करवाई और काम करवाए गए, परन्तु करवाए कामों की प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी नहीं ली गई। अकड़ी, सेहरी और सेहरा गाँव की पंचायतों को जो राशि प्राप्त हुई है उसमें ग्राम पंचायतों द्वारा विभाग के फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़ा गबन किया गया है। ग्राम पंचायत अकड़ी 5.84 करोड़ रुपए और सेहरी ने 78.37 लाख रुपए का सीधा गबन किया है। सभी पंचायतों ने उस समय के अधिकारियों/कर्मचारियों और प्राईवेट फर्मों के साथ मिलकर सरकारी हिदायतों की धज्जियाँ उड़ाई हैं। समिति की तकनीकी जाँच टीम के अनुसार पंचायतों द्वारा किए गए कार्यों पर ख़र्च और मौके पर जालसाज़ी करके पंचायती फंड का गलत-प्रयोग करके बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है और जो अतिरिक्त ख़र्च किया गया है, उसके अनुसार ग्राम पंचायत अकड़ी से 12.24 करोड़ रुपए, सेहरी से 7.32 करोड़ रुपए और सेहरा से 2.65 करोड़ रुपए वसूलने योग्य है, यह कुल राशि 22.21 करोड़ रुपए बनती है। 

जाँच समिति की रिपोर्ट के अनुसार उस समय के जि़ला विकास एवं पंचायत अफ़सर सुुरिन्दर सिंह ढिल्लों, बी.डी.पी.ओ श्रीमती दिलावर कौर, धर्मेंद्र कुमार ए.ई (पर), जसवीर चंद पंचायत सचिव (ग्राम पंचायत सेहरा, तखतूमाजरा, पबरा), लखमिन्दर सिंह पंचायत सचिव (ग्राम पंचायत सेहरी), जसविन्दर सिंह पंचायत सचिव (ग्राम पंचायत अकड़ी), हरजीत कौर सरपंच ग्राम पंचायत अकड़ी, हाकिम सिंह सरपंच ग्राम पंचायत सेहरा, हरसंगत सिंह सरपंच ग्राम पंचायत तखतू माजरा, राकेश रानी सरपंच ग्राम पंचायत पबरा और मनजीत सिंह सरपंच ग्राम पंचायत सेहरी और इन गाँवों के पंचों और बिल जारी करने वाली फर्में इस सभी घपले के लिए कसूरवार हैं और इनका दोष सिद्ध होता है।

उपरोक्त के अलावा जहाँ तक पंचायत समिति शंभू कलां की सैक्रेट्री वेजिज की राशि रिलीज़ करने का सम्बन्ध है, उस सम्बन्धी यह राशि उस समय तैनात दिलावर कौर बी.डी.पी.ओ और गुुरमेल सिंह बी.डी.पी.ओ द्वारा जारी की गई है, जोकि दुर्भावना के साथ जारी की गई है। यह राशि दिलावर कौर बी.डी.पी.ओ, रूप सिंह, सचिव जि़ला परिषद अतिरिक्त प्रभार बी.डी.पी.ओ शंभू कलां और गुुरमेल सिंह के समय ख़र्च हुई है। समिति ने इनके खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है। 

इस रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस मामले में दोषियों के खि़लाफ़ एफ.आई.आर दर्ज करके दोषियों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की है।

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