CHANDIGARH: पंजाब विधानसभा के आगामी बजट सत्र में स्व-वित्तपोषित प्राइवेट एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए बिल को कानूनी रूप देने के लिए सदन में पेश किया जाएगा। यह यूनिवर्सिटी आई.टी. सिटी मोहाली में इसी वर्ष कार्यशील हो जाएगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि म्यूनिसिपल चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता के अमल में होने के कारण पहले यूनिवर्सिटी की स्थापना का आर्डीनैंस लागू नहीं हो सका जिस कारण बिल को कानूनी रूप देने के लिए सदन की मंजूरी की ज़रूरत है।
‘पंजाब प्राइवेट यूनिवर्सिटी पॉलिसी-2010’ के अंतर्गत स्वीकृत हुई यह यूनिवर्सिटी 40.44 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगी और पाँच सालों में 664.32 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसमें सालाना 1500-2000 विद्यार्थी दाखि़ला लेंगे।बिल और नियम व शर्तों के मुताबिक पंजाब सरकार ने यूनिवर्सिटी में पंजाब के विद्यार्थियों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया है। इसके साथ ही कुल संख्या में से 5 प्रतिशत विद्यार्थियों को मुफ़्त शिक्षा देना अनिवार्य होगा। यूनिवर्सिटी यू.जी.सी. के दिशा निर्देशों के अंतर्गत टीचिंग और नॉन-टीचिंग के अमले की भर्ती कर सकेगी।
मोहाली में मानक शिक्षा और इस क्षेत्र के सर्वपक्षीय विकास की उम्मीद के साथ यह यूनिवर्सिटी ऐसी बहुविषयक संस्था होगी जिसमें विभिन्न विभाग जैसे कि इंजीनियरिंग, कंप्यूटर /आई.टी., कम्यूनिकेशन, कॉमर्स, मैनेजमेंट, साईकोलॉजी, लिबरल आर्ट, इंग्लिश लिटरेचर आदि होंगे।
जि़क्रयोग्य है कि रितनन्द बलवेद एजुकेशन फाउंडेशन, नयी दिल्ली की तरफ से एस.ए.एस. नगर (मोहाली) की आई.टी.सिटी के सैक्टर-82 अल्फा के डी ब्लॉक में ऐमिटी यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव मिला था। प्रस्ताव को विचारने और ‘पंजाब प्राईवेट यूनिवर्सिटीज पॉलिसी-2010’ के उपबंधों मुताबिक अपेक्षित प्रक्रिया को अपनाने के बाद 18 फरवरी, 2020 को सम्बन्धित संस्थान को सहमति पत्र जारी किया गया था। मोहाली और इसके साथ लगते इलाकों को शिक्षा और आई.टी. केन्द्र के तौर पर स्थापित करने के लिए पंजाब सरकार का यह सार्थक प्रयास है।