विधानसभा सदन में बिलों का समर्थन करने के बाद आलोचना करने पर दोनों पार्टियों को आड़े हाथों लिया
कहा- केजरीवाल भी किसानी बचाने के लिए ऐसे बिल लाकर पंजाब के रास्ते पर चलें
नवजोत सिंह सिद्धू के सदन में आने और खेती बिलों को लेकर अच्छी बहस करने पर जताई खुशी
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज तीन संशोधन बिलों के सम्बन्ध में शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी द्वारा शर्मनाक ढंग से दोगले किरदार का प्रदर्शन करने की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि ये दोनों राजनैतिक पक्ष विधानसभा में इन बिलों का समर्थन करने के कुछ घंटों बाद ही इनकी निंदा करने लग पड़े।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि विरोधी पक्षों के नेता विधानसभा में बिलों के हक में बोले और यहाँ तक कि राज्यपाल को मिलने के लिए भी उनके साथ गए परन्तु अब बाहर कुछ और ही बोली बोल रहे हैं।
सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने इन बिलों के खि़लाफ़ कुछ भी नहीं कहा जिनके हितों की सुरक्षा और राज्य के कृषि क्षेत्र को बचाने के लिए यह बिल बनाए गए हैं।बीते दिन विधानसभा में बिलों का पक्ष लेने का ढकोसला करने के लिए अकाली दल और आप की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इन पार्टियों की किसानों के भविष्य की रक्षा और राज्य की कृषि और अर्थचारे को बचाने में कोई रूचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीते दिन सदन में बिल पास होने के बाद इन पार्टियों के नेताओं द्वारा की गई बयानबाज़ी ने किसानों के मुद्दे के प्रति इनकी ओर से गंभीर न होने का सच सामने लाया है।
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और आप की लीडरशिप के बयानों पर प्रतिक्रया देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि वह सोचते हैं कि मैं और मेरी सरकार लोगों को मूर्ख बना रहे हैं तो फिर उन्होंने सदन में यह बात क्यों नहीं कही? उन्होंने हमारे बिलों का समर्थन करते हुए वोट क्यों दिया? इन दोनों राजनैतिक पक्षों के नेताओं ने मुख्यमंत्री पर बिलों को राज्यपाल/राष्ट्रपति द्वारा दस्तख़त न करने की संभावना बारे की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए लोगों को गुमराह करने का दोष लगाया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि मैने लोगों को मूर्ख ही बनाना होता तो मैं इमानदारी के साथ उनके साथ अपनी आशंकाएं साझा क्यों करता? मैं उनको झूठ परोसने की बजाय आगे आने वाली पस्थितियों बारे खुलकर बात क्यों करता जबकि अकाली और आप झूठ बालने के पहले से ही आदी हैं?अकाली दल और आप नेताओं की तरफ से मीडिया /सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के हवाले के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों विरोधी पक्षों ने राज्य सरकार के किसान पक्षीय प्रयासों की अहमीयत को घटाने की कोशिश करके अपना असली रंग दिखा दिया है जबकि इन दोनों पार्टियों ने पहले सदन में बिलों के समर्थन का दिखावा किया।
उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों के नेताओं ने केंद्र सरकार के खेती कानूनों को प्रभावहीन बनाने के लिए इन कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव पास करने में उनकी सरकार का साथ दिया और यहाँ तक कि राज्यपाल को कापियां सौंपने के लिए भी साथ गए और बाद में किसानी को बचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की निंदा करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर इनमें कोई शर्म बाकी नहीं रही।एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अन्य राजनैतिक पार्टियाँ ख़ास तौर पर आप, जिसकी दिल्ली में सरकार है, को पंजाब जैसे कानून लाने चाहिएं ताकि केंद्रीय खेती कानूनों के घातक प्रभावों को प्रभावहीन बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल को भी पंजाब के रास्ते पर चलना चाहिए।मुख्यमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार उनकी सरकार बखऱ्ास्त कर देती है तो उनको इसकी कोई परवाह नहीं परन्तु वह आखिरी दम तक किसानों के हकों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सोचता है कि मैने कुछ गलत किया है तो वह मुझे बर्खास्त कर सकते हैं। मैं डरने वाला नहीं हूँ। मैं पहले भी दो बार इस्तीफ़ा के चुका हूँ और दोबारा भी दे सकता हूँ।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कानूनी तौर पर बहुत से रास्ते मौजूद हैं परन्तु उनको उम्मीद है कि राज्यपाल लोगों की आवाज़ सुनते हुए अपनी जि़म्मेदारी निभाएंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब की आवाज़ राज्यपाल के पास पहुँच चुकी है और वह भारत के राष्ट्रपति को बिल भेजेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति राज्य के लोगों की भावनाओं और अपील को दरकिनार नहीं कर सकते।
इससे पहले आज सदन में मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर मजीठिया के बयानों वाले अखबारों की कापियां लहराईं और चुटकी लेते हुए कहा कि ये लोग सदन में कुछ और कहते हैं और बाहर कुछ और।
उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि इस तरह का रवैया अपनाने से लोग राजनीतिज्ञों की इमानदारी पर संदेह प्रकट करना शुरू कर देंगे।इस दौरान मीडिया के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह खुश हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू बीते दिन सदन में आए और खेती बिलों पर अच्छी बहस की।