Kurukshetra University के पूर्व छात्रों के लिए एल्यूमनी पंजीकरण पोर्टल शुरू

CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal Khattar) ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के पूर्व छात्रों से आह्वान किया है कि वे विश्वविद्यालय की प्रगति में योगदान करें और साथ ही वर्तमान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर उनके कैरियर को आगे बढ़ाने में मदद करें।

मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के ‘प्रतिस्मृति: पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021’ कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर ऑनलाइन माध्यम से संबोधन कर रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व छात्रों के लिए एल्यूमनी पंजीकरण पोर्टल Kukaa.kuk.ac.in,  बहु-उद्देशीय खेल हाल के साथ-साथ विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों का लोकार्पण किया। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा एल्यूमनी पंजीकरण पोर्टल पर सबसे पहला पंजीकरण मुख्यमंत्री का किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जापानी भाषा के कोर्स में प्रथम छात्र के रूप में पंजीकरण हेतु सहमति भी दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिस्मृति एल्यूमनी रि-कनेक्ट स्मारिका के साथ-साथ आजादी का अमृत महोत्सव से सम्बन्धित जिंगल का विमोचन भी किया।

उन्होंने कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान के पूर्व विद्यार्थी अपनी उपलब्धियों से न केवल संस्थान का नाम रोशन करते हैं बल्कि उसकी प्रगति में भी योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी उपलब्धियों से न केवल आप सब ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेष पहचान बनाई है बल्कि इस विश्वविद्यालय के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का पहला विश्वविद्यालय है जो कि हरियाणा बनने से भी 10 साल पहले स्थापित हुआ था। आज के विकसित हरियाणा को बनाने में इस विश्वविद्यालय से निकली प्रतिभाओं का बहुत बड़ा योगदान है।

उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) की स्थापना महान स्वतंत्रता सेनानी, विधिवेता, विभिन्न भाषाओं के विद्वान, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के कर कमलों से हुई थी। उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इसकी स्थापना के समय इस शिक्षण संस्थान से जो उम्मीद की थी अपने 65 साल के इतिहास में यह उन पर खरा उतरा है।

मुख्यमंत्री (CM Manohar Lal Khattar) ने कहा कि विश्वविद्यालय ने देश को अनेक शिक्षाविद, अनुसंधानकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी, तकनीशियन, इंजीनियर, और उद्यमी दिए हैं जिन पर हमें गर्व है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश की एक महान पूंजी है।

मुख्यमंत्री ने पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सभी अपनी बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियों को संभालते हुए भी अपनी तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद इस सम्मेलन से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से जुड़े हैं इस बात की उन्हें खुशी है।

उन्होंने कहा कि अपने पूर्व विद्यार्थियों की उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) को ए-प्लस ग्रेड का दर्जा प्राप्त हुआ है।  हमारा कर्त्तव्य बनता है कि जिस संस्थान ने हमें जीवन की उंचाइयों पर पहुंचाया है हम गुरुदक्षिणा के रूप में उसकी प्रगति में भागीदार रहें क्योंकि इनमें नई पीढ़ी का भविष्य बनता है, जिनके कंधों ने अंततः देश की जिम्मेदारी का भार उठाना होता है।

मुख्यमंत्री (CM Manohar Lal Khattar) ने कहा कि कुरूक्षेत्र की धरा ज्ञान की धरा है, जिससे सबसे बड़ी षिक्षा गीता ज्ञान, सबसे बड़े गुरू कृष्ण और सबसे जिज्ञासु छात्र अर्जुन का नाम जुड़ा है।

मुख्यमंत्री की प्रेरणा से विश्वभर की विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने कार्यक्रम के दौरान ही लगभग 39 लाख रुपये एल्यूमिनी एसोसिएशन और विष्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिये अनुदान दिये।

इस अवसर पर विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सोमनाथ सचदेवा ने मुख्यमंत्री का इस कार्यक्रम में जुड़ने तथा पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021’ कार्यक्रम के लिये प्रेरित करने के लिये धन्यवाद किया।

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