पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में सबकुछ ठीक नहींः पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने PCA के सभी हितधारकों को पत्र लिखकर चिंता जताई

अवैध गतिविधियों को तत्काल रोकने की अपील की

CHANDIGARH, 7 OCTOBER: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार क्रिकेटर व आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह भज्जी ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) में चल रहे गड़बड़झाले को लेकर चिंता जताते हुए PCA  के सभी हितधारकों को सम्बोधित करते हुए एक पत्र लिखा है। हरभजन सिंह PCA  के मुख्य सलाहकार भी हैं।

भज्जी ने लिखा है कि उन्हें PCA  द्वारा अवैध गतिविधियों के बारे में पता चला है और एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार के रूप में इन गतिविधियों के बारे में संस्था के हितधारकों को अवगत कराना उनका कानूनी और नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें पंजाब में क्रिकेट प्रेमियों और कई हितधारकों से अनेक शिकायतें मिल रही हैं कि वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में बहुत सारी अवैध गतिविधियां चल रहीं हैं जो कि  पारदर्शिता और क्रिकेट प्रशासन की भावना के खिलाफ है।

भज्जी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि कल इस संबंध में लोकपाल के पास शिकायत भी दर्ज कराई गई है।हरभजन सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि मामले की जड़ यह है कि पीसीए की वर्तमान कार्यकारिणी के सदस्य अपने पक्ष में संतुलन को झुकाने के लिए लगभग 150 सदस्यों को मतदान के अधिकार दिला कर शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं और ये सब शीर्ष परिषद् या सामान्य निकाय की सहमति के बिना या मुख्य सलाहकार से परामर्श किए बिना किया जा रहा है। हरभजन सिंह ने कहा कि ये बीसीसीआई के संविधान, पीसीए के दिशा-निर्देशों और खेल निकायों के प्रशासन में पारदर्शिता और नैतिक मानदंडों के उल्लंघन के खिलाफ हैं। अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए वे पीसीए की औपचारिक बैठकें आयोजित नहीं कर रहे हैं, और सभी निर्णय अपने आप ही ले रहे हैं जो उनके स्वार्थी उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।

पत्र में हरभजन सिंह ने पीसीए के हित में और नैतिकता, वैधता और पारदर्शिता के हित में पीसीए के सभी हितधारकों से अनुरोध किया है कि मुख्य सलाहकार के परामर्श के बिना और शीर्ष परिषद् एवं सामान्य निकाय की सहमति के बिना मतदान के अधिकार के साथ नए सदस्यों को शामिल करने सहित ऐसी सभी अवैध गतिविधियों को तत्काल रोकने के लिए आगे आना चाहिए ताकि संस्था की गरिमा पर कोई आंच ना आए।

हरभजन सिंह के इस पत्र के बाद पीसीए के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी काफी सुगबुहाटें व चर्चाएं चल रही हैं।  

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