मुख्य सचिव ने संदिग्ध मामलों की जांच, सैंपलिंग और निगरानी को बढ़ाने के दिए आदेश, राज्य में अब तक किसी भी एवियन इन्फ्लूएंजा मामले की पुष्टि नहीं
CHANDIGARH: हालांकि एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू का कोई भी मामला राज्य में अभी तक सामने नहीं आया है, फिर भी पंजाब सरकार ने राज्य में इस संबंधी अलर्ट जारी कर दिया है और यह अपने पड़ोसी राज्यों में यह बिमारी फैलने के कारण पंजाब को इस प्रकोप के संभावित प्रभाव से सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार है।केंद्र ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश सहित कम से कम चार राज्यों में बर्ड फ़्लू के मामलों की रिपोर्ट 12 स्थानों से मिली है।
इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला जिले में 4 लाख मुर्गों की मौतें हुई हैं।इस बात की पुष्टि करते हुए कि राज्य के किसी भी हिस्से में इस तरह के मामले या पक्षी की मौत की सूचना नहीं मिली है, मुख्य सचिव विनी महाजन ने संदिग्ध बर्ड फ्लू के मामलों के नमूने, परीक्षण और निगरानी को बढ़ाने का आदेश दिया है।उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति से लडऩे के लिए सभी आवश्यक लॉजिस्टिक और फंड उपलब्ध हैं।
महाजन गुरुवार को यहां अन्य राज्यों, विशेष रूप से पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में यह बीमारी फैलने के कारण राज्य में इसे फैलने से रोकने हेतु इसकी स्थिति और तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं।ऐसे मामलों की रोकथाम और इलाज में शामिल दस संबंधित विभागों के प्रमुखों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि वे राज्य में किसी भी पक्षी की असामान्य मौत का पता लगाने के लिए पूरी तरह अलर्ट रहें और कड़ी निगरानी रखें।
महाजन ने कहा कि राज्य सरकार देश में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और तैयार है और राज्य को इस बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने सभी संबंधित विभाग प्रमुखों को राज्य में बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए।
सुश्री महाजन ने पशुपालन विभाग को जालंधर में एनआरडीडील में कोविड परीक्षण बंद करके पक्षी नमूनों के परीक्षण के लिए वहां उपलब्ध सुविधाओं का पूरी तरह से उपयोग करने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया ‘‘संदिग्ध बर्ड फ्लू परीक्षणों के परिणाम बिना किसी देरी के उपलब्ध कराए जाएं।’’बैठक के दौरान, उन्होंने सभी संबंधित विभागों से कहा कि वे राज्य में उत्पन्न होने वाली संकट की स्थिति से निपटने के लिए तालमेल बनाकर काम करें।पुलिस और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को अपने-अपने क्षेत्रों में पैनी नजऱ रखने के लिए कहा गया है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि यदि पोल्ट्री या अन्य पक्षियों की सामूहिक मौत का मामला सामने आता है तो उनको इस सम्बन्धी तुरंत अपने जि़ले के डिप्टी डायरैक्टर पशु पालन विभाग के पास रिपोर्ट करें। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि किसी भी तरह की अफ़वाहों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मुहिम चलाएं।पशु पालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.के. जंजूआ ने मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव को बताया कि एन.आर.डी.डी.एल. जालंधर में एक दिन में 1200 नमूनों की जांच करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि एन.आर.डी.डी.एल. लैब जालंधर उत्तरी भारत के 5 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के सैंपलों की जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक लैब को पंजाब के तरन तारन से बत्तखों के 4 सैंपल प्राप्त हुए हैं। इससे पहले हरियाणा ने 4 नमूने भेजे थे परन्तु कोई स्पष्ट नतीजा प्राप्त न होने के कारण हमारी टीमों ने हरियाणा से 57 और नमूने एकत्रित किये हैं और यू.टी. द्वारा सुखना झील से 2 नमूने भेजे गए हैं।
यह सभी नतीजे कल शाम तक उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश से भेजे गए पक्षियों के सिफऱ् 2 नमूने ही पॉजि़टिव पाए गए हैं।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ग्रामीण विकास, जल सप्लाई और सेनिटेशन, राजस्व और पुनर्वास, वन एवं वन्य जीव, पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारी, डायरैक्टर सी.पी.डी.ओ., चण्डीगढ़ और गुरू अंग देव वैटीनरी एनिमल साईंसिस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मीटिंग में शामिल हुए।