चंडीगढ़ में अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी बाजार को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान, ज्वैलर्स मायूस, प्रशासन से मांगा राहत पैकेज

CHANDIGARH: कोरोना महामारी के बीच पिछले कई दिन से चल रहे लॉकडाउन के कारण जहां गैर जरूरी सामान के तमाम दुकानदारों को भारी आर्थिक घाटा उठाना पड़ रहा है, वहीं अच्छे कारोबार के लिए सालभर अक्षय तृतीया जैसे खास मौके का इंतजार करने वाले ज्वैलर्स आज काफी मायूस दिखे। शुक्रवार को अक्षय तृतीया व ईद पर लॉकडाउन के चलते अकेले चंडीगढ़ के ज्वैलरी बाजार को करीब सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो जाने का अनुमान है। ऐेसे में चंडीगढ़ सर्राफा एसोसिएशन ने प्रशासन से राहत पैकेज की मांग की है।

ज्वैलरी बाजार के लिए अक्षय तृतीया का महत्व

गौरतलब है कि शुक्रवार को देशभर में अक्षय तृतीया और ईद का त्यौहार मनाया गया। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीय़ा को ऐेसे अबूझ मुहूर्त का दिन माना जाता है, जिसमें किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग या शुभ घड़ी देखने की जरूरत नहीं होती। अक्षय यानी कि जिसका कभी क्षय न हो। इसलिए मान्यता यह भी है कि अक्षय तृतीय के दिन सोने-चांदी की खरीददारी घर में समृद्धि को बढ़ाती है। लिहाजा, लोग अक्षय तृतीया के दिन विशेष तौर पर सोने-चांदी की खरीद करते हैं। यही कारण है कि ज्वैलरी बाजार को सालभर इस दिन का खास इंतजार रहता है लेकिन इस बार चंडीगढ़ के ज्वैलरी व्यापारियों में बेहद मायूसी का आलम देखा गया। कोरोना के चलते लॉकडाउन में केवल गैर जरूरी सामान की दुकानें बंद रखने के प्रशासन के आदेश के कारण आज शहर में पूरा ज्वैलरी बाजार भी बंद रहा तथा ज्वैलरी कारोबारी अक्षय तृतीया के साथ आए ईद के त्योहार का भी लाभ नहीं उठा पाए।

सूरज चौहान, डायरेक्टर, चंडीगढ़ सर्राफा एसोसिएशन

एक दिन में हुआ दोहरा घाटाः सूरज चौहान

चंडीगढ़ सर्राफा एसोसिएशन के डायरेक्टर सूरज चौहान ने बताया कि ईद का त्यौहार होने के कारण ईद पर भी होने वाले सोने के आभूषणों के व्यापार का अतिरिक्त नुकसान भी ज्वेलरी व्यापारियों को अक्षय तृतीया पर हुआ है। यानी ज्वैलरी कारोबारियों को एक दिन में दोहरा घाटा उठाना पड़ा है। चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया के दिन ज्वेलरी व्यापारी अच्छा व्यापार नहीं कर पाए थे।

2019 में अक्षय तृतीया पर हुआ था 100 करोड़ का कारोबार

चंडीगढ़ सर्राफा एसोसिएशन के डायरेक्टर सूरज चौहान ने कहा कि इस वर्ष चंडीगढ़ के ज्वैलरी व्यापारियों ने अक्षय तृतीया पर ईद भी होने के कारण अच्छे व्यापार की बड़ी उम्मीदें लगा रखी थीं, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। चौहान ने बताया कि 2019 में चंडीगढ़ में सिर्फ अक्षय तृतीया पर ही लगभग 100 करोड़ रुपए के सोने-चांदी की बिक्री हुई थी, किंतु 2020 में अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन में सोने की बिक्री शगुन के रूप में केवल 5% यानी लगभग 5 करोड़ के आसपास हुई थी। उन्होंने कहा कि लगातार दो साल लॉकडाउन में अक्षय तृतीया का त्यौहार आने के कारण चंडीगढ़ में ज्वैलरी व्यापार की कमर ही टूट गई है।

हजारों परिवार जुड़े हैं ज्वैलरी व्यापारियों सेः चौहान

सूरज चौहान ने कहा कि अन्य व्य़ापारियों की तरह ज्वैलरी व्यापारियों से भी हजारों परिवार जुड़े हुए हैं, जिनका घर ज्वैलरी व्यापारियों की दुकानों पर निर्भर है। ज्वैलरी की दुकानें बंद होने से इन दुकानों पर काम करने वाले हजारों लोगों व ज्लैलरी कारीगर आज भारी आर्थिक संकट में घिरे हुए हैं। चौहान ने कहा कि ज्वैलरी कारोबार को भी लगातार हो रहे घाटे को देखते हुए प्रशासन को चाहिए कि वह ज्वैलरी कारोबारियों, उनकी दुकानों पर काम करने वालों व कारीगरों के लिए कोई राहत पैकेज घोषित करे, ताकि उन्हें जीवन यापन में कोई परेशानी न हो।

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