भाजपा सरकारों का किसानों के प्रति तानाशाही एवं निर्दयी रवैया निंदनीयः राजीव शर्मा
CHANDIGARH, 3 MARCH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल से अपील की है कि वह चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए 4 मार्च को होने वाले चुनाव के दौरान भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन न करे।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने भाजपा पर किसान विरोधी मानसिकता रखने वाली पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज चण्डीगढ़ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष जतिंदरपाल मल्होत्रा ने ट्वीट करके कहा कि हमारे देश के किसान किसी मदद के अधिकारी नहीं हैं। मल्होत्रा का यह बयान भाजपा के किसान विरोधी रवैये को दर्शाता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के इशारे पर ही हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए पंजाब-हरियाणा सीमा पर बैठे लाखों किसानों पर बेरहमी से हमले किए। भाजपा सरकार द्वारा उनको हरियाणा से निकल कर दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और उन् पर आंसू गैस के गोले तथा रबड़ की गोलियां बड़ी बेरहमी से बरसाई जा रही हैं, जिससे किसानों का बहुत जानी एवं माली नुक्सान हो चुका है। राजीव शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकारों का किसानों के प्रति ऐसा तानाशाही एवं निर्दयी रवैया निन्दनीय है।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि अकाली दल को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि 2021 में भाजपा के प्रधानमंत्री की जिद के चलते एक साल से अधिक लंबे चले आंदोलन में 700 से ज़्यादा किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिसकी परिणति मोदी सरकार द्वारा अमीर कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए काले कृषि कानूनों की वापसी के रूप में हुई। अब प्रधानमंत्री मोदी किसानों से किए गए उन सभी वायदों से मुकर गए हैं, जिनका आश्वासन उन्होंने किसानों के पिछले आन्दोलन को स्थगित करवाते समय दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज प्रधानमंत्री द्वारा अपने वायदों से मुकरने पर किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और ऐसे में चण्डीगढ़ अकाली दल के पार्षद द्वारा भाजपा उम्मीदवारों को सर्मथन नहीं दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि ऐसी स्थिति के बावजूद अगर अकाली दल का पार्षद चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में भाजपा जैसी किसान विरोधी पार्टी को वोट देता है तो यह किसानों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा होगा। अकाली दल से भाजपा के साथ सभी संबंध तोड़ने का आग्रह करते हुए कांग्रेस ने कहा कि अकाली दल ने किसानों के बीच अपनी प्रासंगिकता को तभी खोना शुरू कर दिया था, जिस दिन उसने भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन किया था।