CHANDIGARH: हरियाणा में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और पांच लाख रोजगार सृजित करने के लक्ष्य से नई ‘हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति- 2020’ लागू की गई है, जो राज्य की औद्योगिक विकास गाथा को आगे बढ़ाएगी। साथ ही, कारोबार की सहुलियत बढ़ाने, भौतिक आधारभूत संरचना उपलब्ध करवाने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि सुविकसित बुनियादी सुविधाओं, बेहतर सडक़ संयोजिता, कुशल मानवशक्ति और गुणवत्तापरक शिक्षा से लैस हरियाणा को हमेशा ही देश की औद्योगिक शक्ति माना गया है। बजट अनुमान 2021-22 में उद्योग एवं व्यापार के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा चिह्निïत किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, हरियाणा लॉजिस्टिक्स, भंडागार एवं खुदरा नीति, हरियाणा टेक्सटाइल नीति और हरियाणा फार्मास्युटिकल पॉलिसी जैसी क्षेत्र विशिष्टï नीतियां लागू की गई हैं। इनमें से प्रत्येक नीति क्षेत्र विशिष्ट परिणामों को प्राप्त करने और उद्योग विशेष की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर विशेष बल देते हुए सूक्ष्म लघु मध्यम नीति (एमएसएमई) 2019 लागू की गई है जो हरियाणा में गुणवत्तापूर्ण कलस्टर विकास पहलों, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार विकास, ऑन लाइन मार्केट लिंकेज और एमएसएमई की निर्यात तत्परता को बढ़ाने पर बल देती है। यह नीति कारोबार की सहुलियत बढ़ाने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और कौशल विकास में सक्षम है। उल्लेखनीय है कि राज्य एमएसएमई के संस्थागत सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक समर्पित निदेशालय की स्थापना की गई है जो हरियाणा के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों एवं व्यापारियों के विकास और उन्नति के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। बहुत ही कम समय में, प्रदेश सरकार ने बाजारों एवं वित्त तक एमएसएमई की पहुंच को त्वरित करने और बढ़ाने के लिए उदाहरण के तौर पर, एसआईडीबीआई, ईबे जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेयर्स के साथ रणनीतिक सहयोग करने जैसे कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कलस्टर विकास नीतियों के माध्यम से राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर अधिक ध्यान दिए जाने के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के लिए एक सक्षम और समावेशी वातावरण प्रदान करने हेतु मजबूत हैंड होल्डिंग समर्थन के साथ जमीनी स्तर पर केंद्रित पहल की जा रही हैं। एमएसएमई की क्षमताओं एवं योग्यताओं को और बढ़ाने के लिए, यह निदेशालय पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों यानी एयरोस्पेस एवं रक्षा, खिलौना उद्योग, सेवा क्षेत्र, निर्माण एवं औद्योगिक पार्क में हरियाणा की उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में कार्य करेगा, जिसके चलते हरियाणा भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में अग्रणी राज्य बनेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘हरियाणा एमएसएमई पुनरोद्धार ब्याज लाभ योजना’ शुरू की गई है ताकि वे अपनी मजदूरी/वेतन देने और अन्य संबंधित खर्चों को पूरा कर सकें। प्रदेश सरकार द्वारा तीन लाख लोगों को अपने लघु उद्यम/आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए दो प्रतिशत की ब्याज दर पर 15000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सोनीपत में खरखौदा के निकट लगभग 3,300 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक औद्योगिक एवं वाणिज्यिक टाउनशिप और सोहना में लगभग 1400 एकड़ भूमि पर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विकसित किया जा रहा है। ये टाउनशिप गुरुग्राम-सोहना-अलवर राजमार्ग को जोडऩे वाले केएमपी एक्सप्रेसवे के निकट होंगे। नांगल चौधरी, नारनौल में 886.78 एकड़ क्षेत्र पर 4000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब को पीपीपी मोड में उत्तर भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें माल की आवाजाही के समय को 14 दिन से कम करके 14 घंटे करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि मेसर्स एटीएल द्वारा आईएमटी सोहना में 7083 करोड़ रुपये के निवेश और 7000 रोजगार सृजित करने की क्षमता वाला एक मेगा प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए एचएसआईआईडीसी ने 178 एकड़ भूमि आवंटित की है। कम्पनी की आगामी कुछ वर्षों में स्मार्ट फोनस, दो एवं तिपहिया ई-वाहनों सहित उद्योगों के लिए बैटरियों की आपूर्ति करने हेतु 7000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।
उन्होंने कहा कि राज्य की अनुकूल नीतियों के चलते हरियाणा को निवेशकों के लिए भरोसेमंद गंतव्य स्थल बन गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित 495 समझौतों में से 188 समझौते 24,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ क्रिन्यान्वित किये गये हैं या प्रक्रियाधीन है और 32,030 लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य में 4119 स्टार्ट अप पंजीकृत हुए हैं, जो पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में पंजीकृत ‘स्टार्ट अप’ की तुलना में काफी अधिक हैं।
प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बंदरगाहों से दूर स्थित होने के बावजूद निर्यात क्षेत्र में राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 91701 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ भारत के कुल निर्यात में हरियाणा का लगभग 3.79 प्रतिशत योगदान रहा। राज्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।