पंजाब पुलिस की एजीटीएफ ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के प्रमुख गुर्गे को किया गिरफ्तार

छह जिंदा कारतूसों के साथ एक .30 कैलिबर चीन निर्मित पिस्तौल भी बरामद की

CHANDIGARH, 27 JAN: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) को  शुक्रवार को एक बड़ी सफलता मिली है, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक प्रमुख सदस्य को .30 कैलिबर चीन निर्मित पिस्तौल बरामद करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव द्वारा दी गई।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान खन्ना जि़ले के राजगढ़ गांव निवासी राजवीर सिंह उर्फ रवि राजगढ़ के रूप में हुई है। आरोपी पिछले 13-14 साल से लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा के आतंकी गोल्डी बराड़ के संपर्क में था और उन्हीं के इशारे पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। उसका आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ राज्य में हत्या, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम आदि से संबंधित मामले दर्ज हैं।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एडीजीपी प्रमोद बान के नेतृत्व में एजीटीएफ ने विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीएसपी राजन परमिंदर और डीएसपी दीपिका सिंह के नेतृत्व में एआईजी एजीटीएफ संदीप गोयल की निगरानी में एक पुलिस टीम भेजी और एसएएस नगर के सेक्टर-79 से राजगढ़ को तब सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया जब वह एक महँगी कार चला रहा था।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी रवि राजगढ़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों को ठिकाने, रसद सहायता, हथियार और वाहन प्रदान कर रहा था, उन्होंने कहा कि आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सहयोगियों को विदेश भागने के लिए फर्जी विवरणों पर पासपोर्ट हासिल करने में मदद की।

डीजीपी ने कहा कि आरोपी रवि राजगढ़ से पूछताछ और इस मामले की विस्तृत जांच से पंजाब और आसपास के राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह द्वारा रची गई आपराधिक गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।

इस बीच, आरोपी रवि राजगढ़ को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384, 392, 465, 466, 467, 468, 471 और 120-बी और भारतीय दंड संहिता की धारा 12 पासपोर्ट एक्ट और आम्र्स एक्ट की धारा 25 के तहत 20 जून, 2022 को पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम, मोहाली में दर्ज एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि आरोपी अप्रैल 2022 में दोराहा थाने में दर्ज आम्र्स एक्ट के एक मामले में भी वांछित था।

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