आप ने चंडीगढ़ निगम चुनाव में कांग्रेस के सफाए की ‘सुपारी’ दी पूर्व कांग्रेसी कद्दावर को

चंडीगढ़ को लेकर आम आदमी पार्टी ने बदली अपनी रणनीति, 2014 में बनाए स्थान को पुन: हासिल करने का लक्ष्य

CHANDIGARH: पहली बार चंडीगढ़ नगर निगम आम चुनाव-2021 में उतरने का मन बना चुकी आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर कांग्रेस है। यहां एक झटके में पहले नंबर की पार्टी बनने के बजाय आप दूसरे नंबर की लड़ाई के लिए रणनीति बना रही है और इसके लिए आप ने जिम्मेदारी सौंपी है पूर्व कांग्रेसी दिग्गज चंद्रमुखी शर्मा को। हालांकि चंद्रमुखी शर्मा का कहना है कि आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों का विकल्प बनकर लोगों के बीच उतरेगी और नगर निगम चुनाव में बहुमत हासिल करेगी।

अब तक निगम चुनाव से रखा था खुद को अलग
गौरतलब है कि अब तक आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव से खुद को अलग ही रखा है। यह भी उसका एक रणनीतिक फैसला था। आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उसके सामने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव पहली बार 2016 में हुआ था। उससे पहले 2014 में आप चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव हार गई थी। तब अभिनेत्री गुल पनाग ने आप की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि इस लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने यहां पहली बार में ही अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज की थी। आप के कारण कांग्रेस के प्रत्याशी और लगातार तीन बार के सांसद पवन कुमार बंसल को हार का मुंह देखना पड़ा था। भाजपा की किरण खेर यह चुनाव जीत गई थीं। आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ में पहले चुनाव से ही दूसरे नंबर की पार्टी बन गई थी लेकिन इसके दो साल बाद यानी 2016 में होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में न उतरने के आप हाईकमान के फैसले ने शहर में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों को ठप्प कर दिया। आप हाईकमान का तब मानना था कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का परिणाम अगले साल यानी 2017 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में आप के प्रदर्शन पर असर डाल सकता है। आप हाईकमान चाहता था कि इस रीजन के तमाम आप नेता अपना ध्यान केवल पंजाब विधानसभा चुनाव पर केंद्रित रखें। लिहाजा, चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी दोबारा 2019 के लोकसभा चुनाव के मौके पर सक्रिय हुई। पांच साल की निष्क्रियता का नतीजा यह हुआ कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दूसरे से तीसरे नंबर पर खिसक गई। इस चुनाव में आप ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन को टिकट दिया था।

कांग्रेस सॉफ्ट टारगेट
इस बार आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ को लेकर अपनी रणनीति बदलती दिख रही है। माना जा रहा है कि आप हाईकमान ने भी अब यह स्वीकार कर लिया है कि चंडीगढ़ में पार्टी को मजबूत करने के लिए नगर निगम चुनाव लडऩा जरूरी है। क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे वाले इस शहर में नगर निगम चुनाव लोकसभा चुनाव से भी बड़ा हो चला है। नगर निगम में निर्वाचन वाली फिलहाल 26 सीटें हैं, जो कि अगले साल होने चुनाव में और बढऩे वाली हैं। लोकसभा की यहां केवल एक सीट है। लिहाजा, आप नेता अब मान गए हैं कि इस एक सीट को कब्जाने के लिए निगम की सभी सीटों पर चुनाव लड़कर सक्रिय होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ ही लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ सीट पर लगातार हार का संदेश भी पंजाब में गलत जा रहा है और चंडीगढ़ में आप दो बार से केवल एक चुनाव लड़ रही है। ऐसे में अब जब आप ने नगर निगम चुनाव में इस बार पूरे दमखम से उतरने का मन बना लिया है तो वह चुनाव में बहुमत न मिलने की स्थिति में कम से कम उसी दो नंबर की पोजीशन को हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जो उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार उतरकर बनाई थी। पहले नंबर पर पुन: भाजपा होगी या कांग्रेस? यह तो अगले साल चुनाव का परिणाम ही बताएगा लेकिन आप ने अपनी रणनीति का जो बड़ा पत्ता अभी खोला है, उसको देखकर तो यही माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव-2021 में आप के निशाने पर कांग्रेस है और भाजपा के शासन में होने वाले इस निगम चुनाव में यह टारगेट सॉफ्ट भी है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं चंद्रमुखी शर्मा
सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल होकर चंडीगढ़ के सियासी गलियारों को चौंका चुके चंद्रमुखी शर्मा शहर में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। 40 साल के अपने राजनीतिक सफर में सियासत की शुरुआत ही उन्होंने चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस से की थी। चंद्रमुखी शर्मा कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के अध्यक्ष, प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और लगातार दो बार पार्षद रहे हैं। उन्होंने सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेशनल ऑर्गेनाइजेशन बिल्डिंग टीम इंचार्ज और केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य दुर्गेश पाठक से मुलाकात की और आप की सदस्यता ग्रहण की। चंद्रमुखी शर्मा की छवि ईमानदार व कर्मठ नेता की रही है। निगम में पार्षद रहते हुए उन्होंने कई घपलों पर चोट की लेकिन सांसद मनीष तिवारी के नजदीकी होने के कारण वह हमेशा पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल व उनके गुट के नेताओं के निशाने पर रहे। बंसल और मनीष तिवारी का छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक के साथ चंद्रमुखी शर्मा।

मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, आप की जीत का परचम लहराना ही लक्ष्य: चंद्रमुखी शर्मा
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से बातचीत में चंद्रमुखी शर्मा ने बताया कि आम आदमी पार्टी हाईकमान ने उन्हें चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए शहर में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है। अब हर वार्ड में बूथ स्तर तक आम आदमी पार्टी की इकाइयां गठित करके चंडीगढ़ में पार्टी को न केवल खड़ा किया जाएगा, बल्कि संगठन को इतना मजबूत किया जाएगा कि निगम चुनाव में आप धमाकेदार जीत दर्ज कर बहुमत हासिल करेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका मकसद खुद चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत का परचम लहराना उनका एक मात्र उद्देश्य है। अगर वह खुद चुनाव लड़ते हैं तो इस लक्ष्य पर असर पड़ेगा, जबकि उनकी प्राथमिकता इस टारगेट को अचीव करना है। इसके लिए वक्त भी बहुत कम मिल रहा है। इस थोड़े वक्त में ही संगठन को तैयार करके स्वच्छ छवि वाले ईमानदार और जिताऊ उम्मीदवार भी चुनने हैं तथा निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को भाजपा व कांग्रेस के ठोस विकल्प के रूप में पेश करना है।

कांग्रेस में कई नेता अपनी उपेक्षा से त्रस्त
एक अन्य सवाल पर चंद्रमुखी शर्मा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को अपने जीवन के 40 साल दिए लेकिन चंडीगढ़ में जिस तरह कांग्रेस को एक व्यक्ति के परिवार की पार्टी बना दिया गया है, उसमें कर्मठ, पार्टी के प्रति समर्पित, ईमानदार और काम करने वालों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नए-पुराने कर्मठ नेता पार्टी में अपनी उपेक्षा से त्रस्त हैं। उनका भी पार्टी में दम घुट रहा है लेकिन उनके पास अभी तक कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने बाहर निकलने की शुरुआत की है। संभवत: आने वाले वक्त में कुछ और भी ऐसे कदम उठाएं। बता दें कि चंद्रमुखी शर्मा को कांग्रेस ने 2016 के नगर निगम चुनाव के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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