गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक

पार्षद गुरबख्श रावत और विक्रम बिष्ट ने ज्यादा से ज्यादा उत्तराखंडी लोगों को इस मुहिम से जोड़ने पर दिया जोर

CHANDIGARH, 9 SEPTEMBER: उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच की ओर से आज यहां गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा के प्रचार के लिए गढ़वाल भवन सेक्टर-29 में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के प्रधान विक्रम बिष्ट की अध्यक्षता में कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की। बैठक का मुख्य मुद्दा गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाना था।

बैठक में चंडीगढ़ की पार्षद गुरबख्श रावत ने उत्तराखंड के लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि सभी को अपनी गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा में ही बात करना व इन भाषाओं को लिखना और पढ़ना चाहिए। साथ ही इन भाषाओं का नई पीढ़ी में प्रचार-प्रसार और व्यवहार तथा पढ़ाई-लिखाई में प्रयोग करने के बारे में ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई विद्वान लोगों का मानना है कि गढ़वाली और कुमाऊंनी समेत दर्जनों भाषाओं पर आज संकट छाया हुआ है, जिनका बोलना, लिखना-पढ़ना दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। अगर यही हालात रहे तो एक दिन हमारी यह भाषा कोई नहीं बोलेगा और पूर्वजों की धरोहर यह भाषा हमारी लापरवाही के कारण विलुप्त हो सकती है,l। इसे बचाने के हर संभव प्रयास करने होंगे। हमारी संस्कृति रीति-रिवाज और पहचान को बनाए रखने पर विचार किया जाना चाहिए।

बैठक में उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य एवं दिल्ली मंच के प्रतिनिधि दिनेश ध्यानी ने कहा कि मंच 2012 से गढ़वाली भाषा में महाकवि कान्हैयालाल डंडरियाल के नाम पर साहित्य सम्मान एवं भाषा सेमिनारों का आयोजन करता आ रहा है। तब से मंच लगातार इन भाषाओं को बचाने के लिए और इन भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह दिलाने के लिए भी प्रयास करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाता है तो इससे केंद्र सरकार के माध्यम से हमारी भाषा के विकास की खातिर कई नई योजनाएं बनाई जाएंगी तथा भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार आर्थिक सहयोग भी देगी। एनसीईआरटी में हमारी भाषा को बच्चों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा, जिससे बच्चों को उत्तराखंडी भाषा का ज्ञान होगा, भाषा प्रचार में भी वृद्धि होगी।

पार्षद गुरबख्श रावत और विक्रम बिष्ट ने आए हुए गणमान्य लोगों से चंडीगढ़ के उत्तराखंडी लोगों को इस मुहिम से जोड़ने व ज्यादा से ज्यादा समर्थन देने की अपील की। बैठक में मंच के सलाहकार एवं संरक्षक जयपाल सिंह रावत, संयोजक दिनेश ध्यानी, जगमोहन सिंह रावत, रायसिंह बिष्ट -महासचिव टिहरी गढ़वाल विकास परिषद, धीरेन्द्र सिंह रावत -प्रधान ताडकेश्वर कला एवं सांस्कृतिक मंडल,चंडीगढ़, पौड़ी गढ़वाल एकता मंच से महिंद्र रावत, शक्ति प्रकाश देवशाली-पूर्व पार्षद नगर निगम चंडीगढ़, धन सिंह चौहान-प्रधान राठ त्रिपाठी विकास समिति चंडीगढ़ सहित कई लोगों ने शिरकत की।

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