2006 में हुई थी लापता, झारखंड में ढूंढा क्राइम ब्रांच ने परिवार
CHANDIGARH, 20 FEB: स्टेट क्राइम ब्रांच (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) पंचकूला यूनिट ने जिला गुमला झारखंड से गुमशुदा लडक़ी लालमणि को 16 वर्ष बाद परिवार से मिलवाया।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि माह सितम्बर 2022 को खुद दिल्ली में शिक्षक के तौर पर कार्यरत 24 वर्षीय लालमणि ने स्टेट क्राइम ब्रांच की पंचकूला यूनिट से संपर्क किया कि मेरे परिवार की तलाश करने में मदद की जाए। स्टेट क्राइम ब्रांच के उच्चाधिकारियों द्वारा इस केस की जिम्मेदारी एएसआई राजेश कुमार को दी गई। जिस पर उन्होंने शिक्षिका लालमणि के परिवार को झारखण्ड में ढूंढ निकाला।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एएसआई राजेश कुमार ने गुमशुदा लडक़ी लालमणि की काउंसलिंग शुरू की। लालमणि ने बताया कि उसके परिवार को अब तक कोई ढूंढ नहीं पाया है। मुझे नहीं लगता कि इस जन्म में अपने मां बाप से मिल पाऊंगी । उन्होंने लालमणि से वादा किया कि बेटा आप चिंता मत करो, हम आपके माता-पिता तलाश करके ज़रूर लाएंगे। बातचीत में लालमणि ने अपने माता पिता और भाई का नाम बताया। इसके अलावा, लालमणि ने बताया कि उसके पापा मिस्त्री थे। उसके घर के पास इमली का पेड़ और तालाब था और उसके घर के सामने से पहाड़ दिखते हैं । काउंसलिंग के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि लालमणि की माँ की ऊँगली कटी हुई थी। उन्होंने बताया कि 2006 में दिल्ली पुलिस की टीम ने रेस्क्यू किया था। इसके बाद लालमणि दिल्ली के अलग-अलग निजी आश्रम में रही।
कड़ी से कड़ी जोड़कर ढूंढा परिवार
प्रवक्ता ने बताया कि लालमणि ने निजी आश्रम में रहते हुए ही अपनी पढ़ाई पूरी की और एनटीटी कोर्स बतौर शिक्षक काम कर रही है। अनुसंधान अधिकारी एएसआई राजेश ने परिवार को ढूँढना शुरू किया। लालमणि से दिन में कई बार काउंसलिंग की गई जिसमें बारीक से बारीक जानकारी पूछी जाती थी। इसके अलावा लालमणि को अलग अलग राज्यों की वीडियो दिखाई गई ताकि लालमणि को कुछ याद आ सके। निजी सूत्रों से राजेश कुमार को झारखंड का लिंक मिला। इसी तफ्तीश को आगे बढ़ाते हुए झारखण्ड पुलिस संपर्क किया गया और पता किया गया कि ऐसे लोग कहां कहां रहते हैं, जहाँ से जानकारी मिली कि इस प्रकार के लोग और लोहार जाति के लोग गुमला जिला या खूंटी जिला में हो सकते हैं । इसके अतिरिक्त यह भी जानकारी मिली कि लालमणि का सम्बन्ध लोहे का कार्य करने वाले परिवार से हो सकता है, जिस आधार पर पता चला कि डुमरी प्रखंड गांव के मुखिया का संपर्क नंबर लिया गया। वहां बातचीत से पता चला कि उनके गाँव डूंगरी से एक लडक़ी 2005 में अपनी माँ के साथ दिल्ली गई थी और वहां गुम हो गई थी। उक्त सूचना के आधार पर स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला ने फोन के माध्यम से लालमणि के भाई से संपर्क किया और लालमणि के परिवार की पुष्टि कर परिवार को दिल्ली बुलवाया और लडक़ी को परिवार से मिलवाया गया।
बोलने सुनने में असमर्थ बच्चे को स्टेट क्राइम ब्रांच ने परिवार से मिलवाया
प्रवक्ता ने बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला ने 6 वर्ष से गुमशुदा बच्चे को उसके परिवार से मिलवाया। यह मिलान इसीलिए भी ख़ास था कि बच्चा बोलने और सुनने में असमर्थ था जिसके कारण कॉउन्सिलिंग में और बच्चे से बातचीत करने में दिक्कत आ रही थी। उन्होंने बताया कि यह नाबालिग बच्चा प्रदेश के यमुनानगर जिले से वर्ष 2017 से लापता हो गया था। स्टेट क्राइम ब्रांच ने अलग अलग जगहों पर फोटो भेज कर व थानों से पता लगवाया। गुमशुदा बच्चा घुमन्तु परिवार से सम्बंधित था और वर्ष 2017 में बच्चे का परिवार काम के लिए यमुनानगर जिले में आया हुआ था जहाँ से बच्चा लापता हो गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसआई राजेश ने परिवार को उत्तर प्रदेश में ढूंढा व औपचारिकताएं पूरी कर परिवार के सुपुर्द किया।