CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पनपा असंतोष अभी भी थम नहीं रहा है। हालांकि नए प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चावला नाराज कांग्रेसजनों को मनाने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन पार्टी में नाराजगी का आलम अब इस्तीफे के रूप में भी सामने आने लगा है। प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन पर भारी निराशा जताते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया सैल के अध्यक्ष डॉ. मयंक पुरी ने आज अपनी पूरी टीम के साथ पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम ने पार्टी को चौंका दिया है। पार्टी हाईकमान तक इस इस्तीफे की आवाज पहुंच चुकी है।
अभी तक बयानबाजी तक सीमित था विरोध
गौरतलब है कि गत मंगलवार को ही चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में पार्टी हाईकमान ने अचानक नेतृत्व परिवर्तन करते हुए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा को हटाकर चंडीगढ़ के पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष चावला को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। इसको लेकर पार्टी में घमासान की स्थिति मची हुई है। पार्टी छाबड़ा और चावला समर्थकों में बंट गई है। प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही पार्टी में विरोध के सुर भी उठने लगे। हालांकि अभी तक प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन का विरोध कांग्रेस में सिर्फ बयानबाजी तक सीमित था लेकिन आज नौबत इस्तीफे तक आ गई है।
कांग्रेस सोशल मीडिया सैल को मजबूत करने में डॉ. मयंक पुरी की भूमिका रही अहम
निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के नेतृत्व में पार्टी के प्रदेश सोशल मीडिया सैल को इसके अध्यक्ष के रूप में संभालने वाले डॉ. मयंक पुरी का इस्तीफा पार्टी में असंतोष की लहर का बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया सैल को मजबूत करने में डॉ. मयंक पुरी की भूमिका को हमेशा सराहा गया था। उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के नाम लिखा अपना इस्तीफा चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत समेत सभी संबंधित केंद्रीय नेताओं को भेजा है। माना जा रहा है कि 21 फरवरी को होने वाली नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला की ताजपोशी को भव्य बनाने की तैयारियों के बीच असंतोष का यह ताजा घटनाक्रम नेतृत्व परिवर्तन के विरोध की नई होड़ शुरू कर सकता है।
ये है डॉ. मयंक पुरी का इस्तीफा
सेवा,
श्रीमती सोनिया गांधी,
अध्यक्ष, एआईसीसी।
नई दिल्ली।
विषय: चंडीगढ़ कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा।
आदरणीय मैडम,
मैं औपचारिक रूप से चंडीगढ़ कांग्रेस से 2015 से जुड़ा हुआ हूं और मैं तीसरी पीढ़ी का कांग्रेसी हूं। मैंने 2015 में चंडीगढ़ प्रादेशिक कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया विभाग में एक स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत की और वर्तमान में चंडीगढ़ कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के लिए अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा रहा हूँ। चंडीगढ़ राज्य स्तर पर पार्टी के हालिया घटनाक्रम के साथ, राज्य पार्टी कैडर की भारी संख्या और मैं जिस तरह से कुछ फैसले लिए गए हैं और उन्हें लागू किया गया है, उसे से अत्यधिक मायूसी व निराशाजनक महसूस कर रहे है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, आप उन फैसलों को लेने के हकदार हैं, जो आप पार्टी के लिए के लिए सही हो सकते हैं और हम आपके हर फैसलों व कार्यों को हमेशा निष्ठावान कांग्रेस के सिपाहियों की तरह आपके साथ है लेकिन मैं यह बताना चाहूंगा कि 2015 के बाद से, मैंने और चंडीगढ़ कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं ने हमारे राज्य के पार्टी अध्यक्ष श्री प्रदीप छाबड़ा ने एक मजबूत बीजेपी और मोदी लहर के समय पार्टी के लिए दिन रात काम किया ओर उनका डट कर सामना किया जैसा कि कोई अन्य राज्य के कांग्रेस के नेता नहीं कर सके थे। इन तानाशाही के समय में जब विपक्ष पर राज्य के अधिकारियों द्वारा अत्याचार और धक्केशाही हमले उच्चतम स्तर पर थे जिसका हमने सामना किया। अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के नेतृत्व में सबसे आगे विरोध प्रदर्शनों में यहां तक कि लाठी, डंडे खाये,और वाटर कैनन की बौछार सहन की आम कार्यकर्ता के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज तक भी की गई। अगर चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रदीप छाबड़ा के रिकॉर्ड को देखा जाए तो पार्टी को शहर में जबरदस्त मजबूती मिली है बल्कि आप ये भी पाएंगे कि शहर में बाहरी और आंतरिक ताकतों द्वारा लगाए जा रहे सभी बाधाओं के बावजूद पार्टी मजबूत हो रही है।
मैं उपरोक्त सभी बातों के मद्देनजर यह बताना चाहूंगा कि जब श्री प्रदीप छाबड़ा को अचानक स्टेट अध्यक्ष के रूप में हटा दिया गया था, विशेष रूप से 2 दिन पहले एक महत्वपूर्ण कांग्रेस ज्वाइन सोशल मीडिया अभियान के लिए, जिसके लिए कई अन्य व्यवस्थाओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई गई थी, उस से हमारा सबका मनोबल बहुत बुरी तक टूटा। मुझे लगता है कि अध्यक्ष पद से हटाने के इस निर्णय पर पहुंचने से पहले आपको सही रिपोर्ट या सुझाव नहीं दिए गए हैं। मैं एक निष्ठावान कांग्रेसी के रूप में आपके निर्णय का कभी विरोध नहीं करूंगा, और कांग्रेस पार्टी या विचारधारा को कभी नहीं छोड़ूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इस तरह के फैसले को देखते हुए अपने पद पर बने रहने में असमर्थ हूं।
मैडम, में एक आम कार्यकर्ता और कांग्रेस के सदस्य होने के नाते मेरे डीएन में पार्टी की विचारधारा हैं। जिस तरह से यह निर्णय लागू किया गया है, विशेष रूप से एमसी चुनावों से कुछ महीने पहले, इस से हम बहुत आहत है।
इस प्रकार, भारी मन से, मैंने अपनी टीम के साथ, चंडीगढ़ कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के राज्य अध्यक्ष अपने पदाधिकारियों सहित पद से इस्तीफा दे दिया।
मैं एक बात और दोहराना चाहूंगा कि आपके और राहुल गांधी जी का नेतृत्व, मैं पार्टी के लिए आम कार्यकर्ताओं की तरह काम करता रहूंगा और मोदी सरकार और भाजपा की फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ता और लिखता रहूंगा।
सादर प्रणाम,
डॉ। मयंक पुरी,
अध्यक्ष,
चंडीगढ़ कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग।
सी / सी:
- श्री राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
- श्री के.सी. वेणुगोपाल, महासचिव (संगठन), एआईसीसी
- श्री हरीश रावत, महासचिव प्रभारी – चंडीगढ़, एआईसीसी
- श्री रोहन गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष, AICC सोशल मीडिया विभाग
- श्री सरल पटेल, राष्ट्रीय समन्वयक, AICC सोशल मीडिया विभाग