CHANDIGARH: कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन ही भरोसेमंद उपाय है लेकिन अगर बात करें कि वैक्सीन बनने के पीछे किन-किन का हाथ है तो भगवान का रूप माने जाने वाले डॉक्टर तो हैं ही, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब एम्स में स्टेज 3 ट्रायल के लिए वॉलिंटियर्स ही नहीं मिल रहे थे तो ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ने विज्ञापन देकर अपील की थी कि लोग ट्रायल का हिस्सा बनें लेकिन पीजीआई चंडीगढ़ में लगभग 175 लोग स्वेच्छा से वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बने और इन वालंटियर्स ने पर्दे के पीछे रहकर वैक्सीन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एनए कल्चरल सोसायटी का मानना है कि सही मायने में कोरोना योद्धा ये ही माने जाएंगे। इसलिए एनए कल्चरल सोसायटी ने आज सेक्टर-10 में एक कार्यक्रम आयोजित कर इन फ्रंटलाइन वर्कर्स का सम्मान किया।
वाह वोमनिया में 16 वैक्सीन ट्रायल वालंटियर्स के साथ चंडीगढ़ पुलिस की 30 महिला मुलाजिम, 35 पीजीआई व अन्य अस्पतालों की नर्सिंग ऑफिसर व अन्य स्टाफ इस मौके पर उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा, चंडीगढ़ की एएसपी (साउथ)श्रुति अरोड़ा व संजीव जुनेजा थे। उन्होंने एनए कल्चरल सोसायटी की फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्रोत्साहित करने वाले इस प्रयास की सराहना की।
इसी कार्यक्रम में कोरोनाकाल के दौरान समाज के बीच उत्कृष्ट काम करने वालों को भी अवार्ड दिए गए। मेयर ने एनए कल्चरल सोसायटी की निखार व शैली तनेजा को ऐसे सामाजिक उत्थान के प्रयास के लिए धन्यवाद दिया। निखार ने अंत में सभी का धन्यवाद किया व फ्रंट लाइन वर्कर्स और समाजसेवी महिलाओं का आभार व्यक्त किया। सम्मान पाने वाली महिलाओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण दौर के समय जहां तक हो सका उन्होंने जरूरतमंद लोगों की सेवा की। उन्होंने कहा कि उस समय को याद कर आज भी मन पसीज जाता है जब काफी संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती थे और उस समय कोई राह नहीं मिल रही थी लेकिन गाइड लाइन पर काम करते हुए आज कोरोना संक्रमण पर नकेल लग गई है।
पीजीआई व अन्य अस्पतालों की नर्सेज ने कहा कि जिस समय वैक्सीन ट्रायल के लिए वॉलंटियर्स के नाम मांगे गए तो सबसे पहले उन्होंने अपने नाम दिए। एनए कल्चरल सोसायटी की निखार आनंद ने कहा कि उनकी संस्था ने लॉकडाउन के समय भी समाज के बीच अपनी जिम्मेदारी निभाने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आज शहर के अस्पतालों की 35 नर्सेज और चंडीगढ़ पुलिस के 31 जवानों सहित कई और महिलाओं को सम्मानित किया गया है।