हरियाणा में पंचकूला से हुई कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत, जानिए किसे लगा पहला टीका

CHANDIGARH: कोविड-19 महामारी की रोकथाम की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने आज  राज्य भर में 77 टीकाकरण स्थलों पर 5907 लोगों को कोरोना प्रतिरक्षण वैक्सीन का टीका लगाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने की शुरुआत किये जाने के बाद पहले फेज की शुरुआत में यहां पंचकूला के सेक्टर 4 स्थित डिस्पेंसरी में स्वच्छता कर्मी सरोज (45) को सबसे पहले टीका लगाया गया।

77 प्रतिरक्षण स्थलों में से दो स्थलों सिविल डिस्पेंसरी, सेक्टर 4, पंचकूला और सरकारी प्राइमरी स्कूल, वजीराबाद (गुरुग्राम) को प्रधानमंत्री के उदबोधन कार्यक्रम के साथ जोड़ा गया था। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वैक्सीन लगाने का काम सावधानीपूर्वक किया गया। इसके बाद हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एस.बी. कंबोज, एडीजीएचएस डॉ. वीना सिंह, राज्य के टीकाकरण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र अहलावत और एमसीएच और एनएचएम के निदेशक डॉ. वीके बंसल को टीका लगाया गया।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पूरे स्वास्थ्य विभाग को सबसे बड़े वैक्सीन अभियान का संचालन व्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन जाने-माने डॉक्टरों को वैक्सीन दिया जाना यह दर्शाता है कि वैक्सीन सुरक्षित है। राज्य में 67 लाख लोगों को चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन दी जाएगी। इसमें से पहले फेज में 2.25 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी।

पिछले 20 वर्ष से स्वच्छता कर्मी के रूप में कार्य कर रही पंचकूला की सरोज बाला ने यह टीका पहले फेज में लगवाने की इच्छा जताई थी। टीका लगवाने के बाद उसने  बताया कि फ्रंटलाइन कार्यकर्ता होने के नाते वह वैक्सीन लगवाने के लिए उत्साहित थी और टीका लगवाने के बाद उसे कोई परेशानी नहीं हुई।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि जिन्हें वैक्सीन दी गई है, वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिशानिर्देशों के अनुसार टीकाकरण स्थल पर तीन हिस्से बनाये गए हैं। इनमें प्रतीक्षा क्षेत्र, टीकाकरण कक्ष और ऑब्जर्वेशन क्षेत्र बनाया गया है। वैक्सीन लगाने से पहले लाभार्थी की जानकारी कोविन ( CoWIN ) पोर्टल पर अपडेट की जाती है। अरोड़ा ने बताया कि पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के बाद लाभार्थी को टीका लगाया जाता है और उसके बाद उक्त व्यक्ति को कुछ समय के लिए ऑब्जर्वेशन कक्ष में रखा जाता है। इस पूरे अभियान को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए 5000 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें वैक्सीन लगाने वाले और अन्य पैरा मेडिकल कर्मी शामिल हैं। डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीन लगवाये जाने के बाद भी मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानी रखना बेहद जरूरी है।

स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव, प्रभजोत सिंह ने बताया कि दिशा निर्देशों के अनुसार यह टीका गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रूटीन के दिनों में होने वाले टीकाकरण, पल्स पोलियो ड्राइव, सार्वजनिक अवकाश के दिन और आवश्यक स्वास्थ्य गतिविधियों के दौरान कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने के अभियान का संचालन न करने के निर्देश दिए गए हैं।

टीका लगवाने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एस.बी. कंबोज ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित है और इसे काफी शोध के बाद तैयार किया गया है। लोगों को इसे बिना किसी आशंका के लगवाना चाहिए। प्रदेश में तीसरे नम्बर पर टीका लगवाने वाली एडीजीएचएस डॉ. वीना सिंह ने कहा कि विशेषज्ञों ने गहन शोध के बाद वैक्सीन तैयार की है और यह पूरी तरह सुरक्षित है।
वैक्सीन अभियान का विवरण साझा करते हुए हरियाणा के टीकाकरण अधिकारी डॉ. वीरेंद्र अहलावत ने बताया कि भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविड वैक्सीन लगाने का कार्य क्रमिक रूप से स्वास्थ्य कर्मियों से शुरू किया गया है।

टीकाकरण के लिए तीन क्रम बनाये गए हैं। पहले क्रम में हेल्थ केयर वर्कर्स, दूसरे क्रम में नगरपालिका और स्वच्छता कर्मी, राज्य और केंद्रीय पुलिस बल, नागरिक सुरक्षा, सशस्त्र बल, राजस्व कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा। तीसरे क्रम में 50 वर्ष से ऊपर के लोगों और 50 वर्ष से कम आयु के गम्भीर बीमारी से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जाएगा।

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