भाजपा पर राज्यपाल कार्यालय के दुरुपयोग का लगाया आरोप
कहा- यदि पंजाब में बीजेपी विरोधी घटनाओं के पीछे सत्ताधारी कांग्रेस का हाथ है तो फिर हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कौन जिम्मेदार है?
CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को भाजपा की पंजाब लीडरशिप को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिन राज्यों में वह विरोधी पक्ष में है वहां वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराने पर तत्पर हैं।
भाजपा के प्रांतीय यूनिट की तरफ से उन पर (मुख्यमंत्री) पंजाब को एक और पश्चिम बंगाल बनाने के लगाए दोषों सम्बन्धी किये हालिया ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्ता की भूखी भाजपा है जो अपने संकुचित हितों के लिए राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘यह पश्चिमी बंगाल में घट रहा है, यह महाराष्ट्र में घटा और अब यह सब कुछ पंजाब में करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने भाजपा की ऐसी शर्मनाक कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि वह ऐसे राज्य में सत्ता में आने के लिए हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं जहाँ वह सत्ता में नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा योजनाबन्द तरीके से सभी लोकतंत्रीय और संवैधानिक संस्थाओं को कुचल रही है और राज्यपाल के दफ़्तर को भी नहीं बख़्शा। उन्होंने कहा, ‘‘ये प्रयास ऐसी पार्टी को शोभा नहीं देते जो केंद्र में सत्ताधारी होकर इन संस्थाओं की संरक्षक हो।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भाजपा पर चुटकी लेते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद वह संवैधानिक परंपराओं जिसके अनुसार राज्यपाल राज्य का संरक्षक होता है परन्तु सभी प्रशासकीय अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं, से पूरी तरह अनजान लगती है। उन्होंने पूछा,‘‘क्या भाजपा नेता नहीं जानते कि मेरे राज्य में कानून व्यवस्था की जि़म्मेदारी अकेले मुख्यमंत्री के नाते ही नहीं बल्कि गृह मंत्री के नाते भी मेरी ही बनती है?’’ उन्होंने भाजपा नेता को कहा कि संवैधानिक मामले पर अपना मुँह खोलने से पहले वह भारतीय संविधान की ए.बी.सी. पढ़ लिया करें।
भाजपा की तरफ से किसान आंदोलन का सियासीकरण करने कि की जा रही बार-बार कोशिशों पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शर्मनाक तरीके से अपने राजनैतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए स्थिति का दुरूपयोग करती हुई लगातार झूठ प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह उनके पंजाब के अमन-कानून की स्थिति के तौर पर किसानों के असली गुस्से को पेश करने की बोली से स्पष्ट था।
भाजपा शासित राज्यों हरियाणा और उतर प्रदेश में किसानों के गुस्सा का सामना करने वाले भाजपा नेताओं की घटनाओं की खबरों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यही मापदंड इन राज्यों में भी कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगडऩे बारे ईस्तेमाल करने चाहिएं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि पंजाब में भाजपा के नेताओं पर किसानों के गुस्से को भडक़ाने की घटनाएँ यहाँ की सत्ताधारी कांग्रेस के इशारे पर घटी हैं, जैसे कि वह इल्ज़ाम लगा रहे हैं, तो इसी तर्क के साथ हरियाणा और उतर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा को वहां घटी घटनाओं के लिए जि़म्मेदार ठहराना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने भाजपा की तरफ से पंजाब कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के विरुद्ध एफ.आई.आर. न किये जाने पर उनके घर का घेराओ करने की धमकी देने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह न सिफऱ् हास्यप्रद है बल्कि भाजपा की एक और ओछा और बेतुका उदाहरण लगता है क्योंकि दिल्ली पुलिस की तरफ से पहले ही बिट्टू के खि़लाफ़ ग़ैर समझदारी (नॉन-काग्निज़ेबल) अपराध के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस समय जब पिछले लगभग 40 दिनों से कड़ाके की ठंड में किसान दिल्ली की सरहदों पर रोष प्रदर्शन करते हुए हर रोज़ अपनी जानें गंवा रहे हैं ऐसे में भाजपा की तरफ से संकुचित राजनीति की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि झूठ और राजनैतिक हथकंडे अपनाने की जगह यदि भाजपा किसानों की माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक ग़ौर करे तो अपने राजनैतिक सिद्धांतों और राजनैतिक धरातल को और ज्यादा मज़बूत कर सकती है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को किसानों की जानों के साथ खेलना बंद कर देना चाहिए और काले खेती कानून रद्द कर देने चाहिएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का नेतृत्व करने वाली पार्टी को छोडक़र सारा देश किसानों का दर्द महसूस कर रहा है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अपना खोखला अहंकार छोडक़र किसानी संकट को सहानुभूतिूपर्वक समाप्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अब भी समय है सब कुछ ठीक करने का नहीं तो एक बार समय निकल गया तो यह भारत के हितों के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और विनाशकारी होगा।