कहा- कैबिनेट में शमूलियत दस्तखतों से बड़ा सबूत
CHANDIGARH सीनियर कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने हरसिमरत कौर बादल द्वारा खेती कानूनों संबंधी दिए भ्रामक बयान पर बोलते हुए कहा कि अकाली दल और बादल परिवार की बहु काले खेती कानून लाने में अपनी हिस्सेदारी से जितना मर्जी टालमटोल कर ले परन्तु वह किसानी का गला घोटने के लिए अपनी शमूलियत से भाग नहीं सकेंगी।
हरसिमरत बादल द्वारा खेती ऑर्डीनैंसों पर अपने दस्तखत सिद्ध करने की चुनौती को खुलेआम कबूलते हुए स. रंधावा ने कहा कि जब कैबिनेट मीटिंग में समूचा फ़ैसला लिया जाता है तो इसमें शामिल समूह मंत्रियों की सहमति दस्तखतों से बड़ा सबूत होती है। उन्होंने चुटकी लेते हुए हरसिमरत बादल को स्पष्ट करने के लिए कहा कि अपने छह साल केंद्रीय मंत्री के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से किये फ़ैसलों पर किस आधार पर वाह-वाह लूटती रहीं।
उन्होंने साथ ही सलाह दी कि यह बयान देने से पहले अपने ससुर साहिब से पूछ लेना चाहिए था कि कैबिनेट की तरफ से लिए गए फ़ैसलों में मंत्रियों की सहमति होती है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मामले में पाँच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ज़्यादा अच्छी तरह समझा सकते हैं।
सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने हरसिमरत को सवाल करते हुए कहा कि काले खेती ऑर्डीनैंस लाने के बाद इसकी तरफ़दारी के लिए बादल परिवार द्वारा बांधे गए तारीफों के पुलों बारे भी वह अपना स्पष्टीकरण दें। जून 2020 में ऑर्डीनैंस पास करने के बाद हरसिमरत बादल की तरफ से जहाँ इसके हक में इंटरव्यूज़ दिए गए वहीं बड़े बादल से भी इसके हक में बयान दिलाया गया।कांग्रेसी नेता ने कहा कि बादल परिवार काले खेती कानून लाने में अपनी शमूलियत से मुकर नहीं सकता और हरसिमरत का झूठा प्रचार अकाली दल द्वारा किसानों के साथ किए गए विश्वासघात से नहीं बचा सकता।