एमएलएफ लोगों और सुरक्षा बलों के बीच एक सेतुः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने एमएलएफ-2020 का किया उदघाटन, इसे पंजाब द्वारा सुरक्षा बलों के प्रति सार्थक योगदान बताया

कहा- ऐसा कार्यक्रम केवल सॉर्ड आर्म ऑफ इंडिया कहे जाने वाले पंजाब में ही हो सकता है

CHANDIGARH: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उन सभी महान योद्धाओं को मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल (एमएलएफ) 2020 समर्पित किया, जिन्होंने हमारी मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। आज सुबह एक वर्चुअल समारोह के माध्यम से महोत्सव का उद्घाटन करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि एमएलएफ जैसा कार्यक्रम केवल पंजाब में आयोजित किया जा सकता है जो वीर मार्शल परंपराओं की भूमि है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा संस्कृति और परंपराओं के उत्सव का यह त्योहार यदि कहीं भी मनाया जा सकता है, तो वह पंजाब ही है। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि हमारे युवाओं को जो सेना में भर्ती होने की चाह रखते हैं को सेना की संस्कृति की एक झलक पेश करने के लिए यह एक उपयुक्त मंच है।

विस्तारित संसद सत्र के कारण पिछले साल इस कार्यक्रम में भाग लेने में असमर्थ रहने पर खेद व्यक्त जताते हुए, रक्षा मंत्री ने आयोजकों को बधाई दी और मंच के बड़े पैमाने पर हमारी जनता के लिए सैन्य संबंधी अधिक जानकारी हेतु एक स्थिर और सार्थक साधन के रूप में विकसित होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि मैं पिछले साल एमएलएफ में हमारे सैनिकों द्वारा की जा रही पुस्तक चर्चा, पैनल चर्चा और साहसी कारनामों सहित सभी गतिविधियों पर नजऱ रखे हुए था।

एमएलएफ जो कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर और प्रतिष्ठित सैन्य इतिहासकारों सहित पश्चिमी कमान की संयुक्त पहल है, ने 2017 में अपनी शुरूआत के बाद से ही इस क्षेत्र में लगातार ब्रांड के तौर पर एक विशेष नाम कमाया है। वैश्विक परिदृश्य में युद्ध की निरंतर विकसित होती प्रकृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने लोगों को विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि वे जरूरत के समय में एक सुरक्षित ढाल के रूप में कार्य करने के लिए जीवन की रक्षा के तरीकों से खुद को परिचित कराएं। उन्होंने कहा कि आज मोबाइल मिसाइल की तरह ही शक्तिशाली है और हमारे युवाओं को साइबर, जैविक और सूचना क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान द्वारा हमारी सेनाओं का साथ देना चाहिए। 

एमएलएफ 2020 के लिए जय जवान जय किसान, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और बॉलीवुड जैसे चुने गए व्यापक विषयों की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच व्यापक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के लिए सार्थक बातचीत प्रदान करता रहेगा। युवाओं से वीरता, बलिदान और दृढ़ संकल्प के गुणों को अपनाने का आग्रह करते हुए, उन्होंने उनसे हमारे महान सैनिकों के नक्शेकदम पर चलने के लिए कहा, जो राष्ट्र की सेवा हेतु हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

सैनिकों के साथ अपने व्यक्तिगत नाते को दोहराते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार का एमएलएफ और भी विशेष है क्योंकि देश पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाने जा रहा है। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल वीपीएस बदनोर ने कहा कि पंजाब के क्षेत्र की समृद्ध मार्शल परंपराओं को देखते हुए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह क्षेत्र अनादि काल से सैन्य घटनाओं का खजाना रहा है और इस प्रकार यह सैन्य आक्रमणों, अभियानों की असीमित कहानियों सहित युद्ध के मैदानों के शौर्य प्रदर्शनों, बलिदानों और घटनाओं की बहुतायत से भरा पड़ा है जिसने न केवल क्षेत्र, बल्कि पूरे देश को एक सकारात्मक दिशा प्रदान की है।

कार्यक्रम को पंजाब के लोगों के रूप में विशेष मानते हुए बदनौर ने कहा की एमएलएफ जैसे खास आयोजन सैन्य इतिहास, मूल्यों, परंपराओं और लोकाचार को उजागर करते हैं जो जनता को कभी पता नहीं चलेंगे। इन आयोजनों से लोगों से भारी समर्थन मिलता हैं और यह वास्तव में लोगों का कार्यक्रम है जिसका हर साल क्षेत्र के लोगों द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जाता है। राज्यपाल ने कहा की त्योहार का उत्साह ‘चढ़दीकला’ की सच्ची भावना में लोगों के गतिशील और हँसमुख स्वभाव के संबंधित है।

बदनौर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उन सभी का जिन्होंने एमएलएफ 2020 फेस्ट को लगातार सफल बनाया, का धन्यवाद दिया ।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल टी.एस. शेरगिल (सेवामुक्त) ने एमएलएफ के आयोजन में अपार समर्थन प्रदान करने के लिए मुख्यालय पश्चिमी कमान की सराहना की। उन्होंने खेद व्यक्त किया की इस बार उत्सव को खुले में आयोजित नहीं किया जा सकता था क्योंकि वर्तमान वर्ष कोविड -19 महामारी से घिरा हुआ था।

दिवंगत प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए वरिष्ठ सलाहकार ने कहा की पूर्व प्रधानमंत्री ने नया जीवन शुरू किया और ‘जय जवान जय किसान’ नारा के द्वारा किसान और सैनिक दोनों के महत्व पर जोर देकर देश को मजबूत कर दिया।

जनरल शेरगिल ने कहा की देश के रक्षा बलों का सबसे सहनीय पहलू उनका बहु-जातीय और बहु-विश्वास वाला चरित्र है, जिसे पंजाब ने गर्व से जाहिर किया है। एमएलएफ के आयोजन में पंजाब सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए ट्रिब्यून ट्रस्ट के चेयरमेन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एन.एन वोहरा ने क्षेत्रीय अखंडता जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श से कार्यक्रम से बहुत सार्थक उद्देश्य साबित हुआ है।

अतीत के बारे में बताते हुए, पूर्व गवर्नर ने कहा की पहले युद्ध से जुड़े अनुभव और सार्वजनिक चकाचैंध से दूर सैन्य मामलों पर प्रकाश डालने वाले दस्तावेज बनाने जैसे रक्षा संबंधी मामलों में गोपनीयता थी। वोहरा ने कहा, “अब, परिदृश्य एक बदलाव के दौर में से गुजर रहा है और अगर यह जारी रहा, तो युवा पीढ़ी विशेष रूप से सैन्य अकादमियों में कैडेट वास्तव में प्रेरित हो सकते हैं।

नागरिक और सैन्य डोमेन के बीच अधिक से अधिक जुड़ाव की वकालत करते हुए उन्होंने कहा की दोनों के बीच बेहतर सामंजस्य, राष्ट्रीय एकता और देश की संप्रभुता की मजबूती के लिए बेहतर होगा।

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