विजीलैंस ब्यूरो ने वीडियो सबूतों के आधार पर की कार्रवाई
CHANDIGARH: भ्रष्टाचार के दोष में शामिल पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुये पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज वीडियो सबूतों के आधार पर अमृतसर जिले के चाटीविंड थाने के सात पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और अपराधिक साजिश रचने के दोषों के अंतर्गत केस दर्ज किया है और दोषी पुलिस मुलाजिमों में से चार को गिरफ्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह केस अमृतसर रेंज की तरफ से की गई जांच के उपरांत दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि चाटीविंड गाँव के रहने वाले अवतार सिंह और कंवलप्रीत सिंह राज खालसा खेती स्टोर चला रहे हैं और 22 अगस्त, 2018 को इसी गाँव के एक व्यक्ति गुरहरप्रीत सिंह ने उनकी दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को खराब कर दिया था।
इसके बाद कंवलप्रीत सिंह बलदेव सिंह, सुखवंत सिंह आदि दोषी गुरहरप्रीत सिंह के घर के बाहर जा पहुँचे। इसके बाद गुरहरप्रीत सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ कंवलप्रीत सिंह, बलदेव सिंह और सुखवंत सिंह पर हमला कर दिया और उनको जख्मी करके मौके से फरार हो गए।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस केस में पुलिस की तरफ से गुरहरप्रीत और अन्यों खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 323, 324, 427, 148, 149 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था और पड़ताल के दौरान पुलिस की तरफ से उक्त मामले में दोषियों के विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 326 भी जोड़ दी गई।
बाद में यह दोषी पुलिस मुलाजिमों में ए.एस.आई. महिन्दर सिंह, ए.एस.आई. कुलदीप सिंह (अब मृतक), हवलदार पलविन्दर सिंह, हवलदार राम सिंह, सिपाही राजबीर सिंह, सिपाही हरपिन्दर सिंह, सिपाही पलविन्दर सिंह और पंजाब होम गार्ड लाटा सिंह ने शिकायतकर्ता बलदेव के भाई सुखदेव सिंह के पास से विभिन्न मौकों पर 65,000 रुपए की रिश्वत ली थी और उसके पास दोषी पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ वीडियो सबूत हैं।
विजीलैंस ब्यूरो को शिकायतकर्ता की तरफ से शिकायत पर जांच के दौरान उपरोक्त पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ रिश्वत के दोष सही पाये गए और ब्यूरो ने हवलदार राम सिंह, सिपाही पलविन्दर सिंह, सिपाही हरपिन्दर सिंह और पंजाब होम गार्ड के लाटा सिंह को खिलाफ केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया है जबकि बाकी मुलाजिमों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश भी की जायेगी।