कहा- सांसद पद छोड़ें अमित शाह, वरना भाजपा और मोदी लें शाह का इस्तीफा
CHANDIGARH, 18 DECEMBER: चंडीगढ़ की पूर्व मेयर एवं दलित नेता कमलेश बनारसीदास ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अमित शाह ने बाबा साहब का जो अपमान किया है, उसको किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अमित शाह को अपनी टिप्पणी को वापस लेते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने कहा कि बाबा साहब ने कभी भी किसी भी जाति या धर्म में कोई भेदभाव नहीं किया। सभी को समानता का अधिकार दिया, जबकि उनके साथ तथा उनके समाज के साथ सदियों से छुआछूत, अपमान, घृणा होती रही परंतु जब उनको संविधान लिखने का अवसर मिला तो उन्होंने अपने मन में किसी प्रकार का बदला लेने की भावना नहीं रखी और एक ऐसा संविधान बनाया, जिसमें सभी को समान अधिकार दिए। आज उसी अधिकार के तहत कोई भी नेता जब जनप्रतिनिधि चुना जाता है तो इसी संविधान की कसम खाकर और उसी के अनुसार काम करने की शपथ लेता है परंतु केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान करके यह साबित कर दिया है कि वह न तो बाबा साहब डा. अंबेडकर का और न ही संविधान के निर्माता और संविधान का आदर करते हैं। अगर संविधान और बाबा साहब का अपमान करना ही अमित शाह की मानसिकता है तो उनको अपनी लोकसभा सदस्यता को छोड़ देना चाहिए।
कमलेश बनारसीदास ने कहा कि नैतिकता के आधार पर अगर अमित शाह खुद लोकसभा से इस्तीफा नहीं देते तो बीजेपी के नेता तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनसे इस्तीफा लेना चाहिए, क्योंकि जब अमित शाह को संविधान में विश्वास ही नहीं है तो उनका सांसद व मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने एक झटके में ही संविधान को तार-तार कर दिया। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि बाबा साहब ने जो महिलाओं और दलितों के लिए किया है, वह तो भाजपा ने अपने शासन वाले किसी भी राज्य में नहीं किया। भाजपा ने न दलितों को कोई अधिकार दिए और न महिलाओं को अधिकार दिए। बाबा साहब डा. अंबेडकर हमारे भगवान हैं और हमारे भगवान के खिलाफ कुछ बोला जाएगा तो वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि अगर बीजेपी इस मामले में अमित शाह के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लेती तो भाजपा में जितने भी दलित सांसद, विधायक, पार्षद, पंच, सरपंच हैं, सभी को इसका विरोध करना चाहिए, क्योंकि अगर बाबा साहब का बनाया संविधान न होता तो आज वे जिस पद पर बैठे हैं, उस पर न होते।
पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने कहा कि हमारा देश अनेकता में एकता का देश है। इस देश में धर्म, भाषा, वेशभूषा, संस्कृति सब अलग-अलग हैं, फिर भी एक संविधान के माध्यम से ही उनको एक किया हुआ है और विश्व का सबसे सुंदर, सबसे अच्छा, सबसे मजबूत अगर कोई संविधान व लोकतंत्र है तो सिर्फ भारत में है। शिक्षा का अधिकार, बोलने का अधिकार, काम करने का अधिकार, समानता का अधिकार, कहीं भी आने-जाने का अधिकार, कुछ भी काम करने का अधिकार सबकुछ हमें संविधान ने ही दिया है। बाबा साहब का अपमान इस संविधान का भी अपमान है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश इसी संविधान से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं।