अपनी रक्षा अब तुमको खुद ही करनी होगी, अपनी आंखों में स्वयं तुम्हें ज्वाला अग्नि भरनी होगी…

उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने किया नारी सुरक्षा पर जागरूकता चर्चा व काव्य गोष्ठी का आयोजन

PANCHKULA, 2 SEPTEMBER: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने नारी सुरक्षा को लेकर एक जागरूकता चर्चा व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। मंच की फाउंडर एवं प्रख्यात कवियत्री श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि यह कार्यक्रम ऑनलाइन किया गया, जिसमें कई संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने अपने विचार सांझा किए और रचना पाठ किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नारनौल से डॉक्टर कृष्ण आर्य, पानीपत से सुधा बत्रा, ऑस्ट्रेलिया से कुसुम धीमान, चंडीगढ़ से श्रीमती नीरजा शर्मा, समाजसेवी बेनू राव, दीपा कौशिक, रंजना चौहान, नीरू गोयल, सरोज चोपड़ा, श्रीमती उषा गर्ग, दर्शना सुभाष पाहवा, सीता श्याम, सुनीता शर्मा आदि ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में नीलम त्रिखा ने अपनी रचना में कहा-
उठो नारी, जगो नारी,
अपनी रक्षा अब तुमको खुद ही करनी होगी,
अपनी आंखों में स्वयं तुम्हें ज्वाला अग्नि भरनी होगी।

नारनौल से डॉक्टर कृष्णा आर्या ने कहा-
एक नया इतिहास निशदिन गढ़ रही हैं बेटियां,
रोज संघर्षों के पथ पर बढ़ रही हैं बेटियां।

पानीपत से सुधा बत्रा ने कहा-

अगर इन्सानियत को इन्सानियत से होता प्यार,
तो यूँ ना लुटते आज भरे बाजार।


दर्शना सुभाष पाहवा ने कहा-
जीवन घट से आयु रिसती जा रही,
इस रिसाव से कोई न बच पाता आजकल।

कुसुम धीमान के कहा-
पापी कर व्यवहार बुरा तब, पैसे का रौब दिखाता।
बच जाता सब की नजरों से, निष्कलंक वह हो जाता॥
होती जब नारी उत्पीड़ित, दोषी को सजा दिलाओ।
कन्याएं बलि चढ़ती जाती, प्रभु आकर लाज बचाओ॥

सीता श्याम ने अपनी रचना में कहा-
आओ कृष्ण उठाओ चक्र, आज फिर लुटी इक नारी है,
तुम बिन अब कौन सहारा, तुम से ही आस हमारी है।

सरोज चोपड़ा ‘पद्म’ पंचकूला ने नारी सम्मान में कहा-
नारी को सम्मान दो, समझो जानो उसकी प्रीत,
तन- मन देती वार है, सदा निभाती जग की रीत।

रंजना चौहान ने कहा-
करो नारी का सम्माान , सबके मुख पर है विराजमान,
लेकिन इज्जत को तार -तार करते थकते नहीं वो बईमान।

श्रीमती नीरजा शर्मा ने कहा-
एक और आह्वान जरूरत है आज ऐसे कानून की जो कुकर्म करने वालों को मौत दे,
मौत भी ऐसी कि कोई दूसरा दौबारा ऐसा कुकर्म करने की ज़ुर्रत न करे।

कार्यक्रम में सभी ने समाज से अपील की कि महिला सुरक्षा हर नागरिक की जिम्मेवारी हैष अपना कर्तव्य समझकर इसमें सभी अपना सहयोग दें और अपने समाज को खुशहाल बनाएं। श्रीमती नीलम त्रिखा ने महिला सुरक्षा के बारे में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। महिलाएं अक्सर घर, कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थानों पर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जो उनके जीवन को प्रभावित करता है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। लोगों को महिलाओं के प्रति अपनी सोच और दृष्टिकोण को बदलना होगा और उन्हें समाज की एक समान और महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में देखना होगा। सभी ने उमंग अभिव्यक्ति मंच के इस कार्यक्रम के लिए मंच को धन्यवाद दिया।

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