चंडीगढ़ में बिजली की दरें बढ़वा कर प्रतिशोध की राजनीति कर रही है भाजपाः कांग्रेस

भाजपा लोकसभा चुनाव में अपनी हार को अभी तक पचा नहीं पा रहीः राजीव शर्मा

CHANDIGARH, 28 JULY: चण्डीगढ़ में बिजली की दरों में 9.4% की बढ़ोतरी के फ़रमान को चंडीगढ़ के लोगों के खिलाफ भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति का एक ताजा उदाहरण बताते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने बिजली की दरें न बढ़ाने को लेकर उठाई गई अपनी आपत्तियों को सिरे से खारिज करने के लिए संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) की कड़ी आलोचना की है।

बिजली की दरों में वृद्धि पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ के लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने का यह निर्णय भाजपा के दबाव में लिया गया है, जो शहर में अपनी हालिया लोकसभा चुनावी हार को भूल नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि बिजली महंगी करने का यह दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय उन सभी लोगों पर और अतिरिक्त बोझ डालेगा, जो पहले से ही देश में चल रही अभूतपूर्व महंगाई से जूझ रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जेईआरसी को केवल बिजली विभाग द्वारा तैयार खातों पर भरोसा कर बिजली दरें नहीं बढ़ानी चाहिए थीं क्योंकि इन खातों का किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा आडिट नहीं कराया गया था. इस हिसाब से इन खातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता था. बिजली विभाग के बाबुओं तैयार इन्ही अनआडिटिड खातों को बिजली दरों में 19.44% की वृद्धि की मांग करने वाली उनकी याचिका के साथ संलग्न किया गया था। और तो और यह याचिका भी किसी बड़े दबाव में बड़ी जल्दबाजी में लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के केवल दो दिन बाद ही दायर कर दी गई थी।

संसदीय चुनाव के दौरान समाज के आर्थिक रुप कमजोर सभी वर्गों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे को दोहराते हुए पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस इस वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और लाखों शहरवासियों को यह राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रशासन और भाजपा द्वारा यूटी के बिजली विभाग का निजीकरण कर इसे अपने मित्रों को सौंपने के सभी प्रयासों का भी विरोध करना जारी रखेगी। यह बताते हुए कि चंडीगढ़ का बिजली विभाग अब तक अपनी कार्यकुशलता और लाभकारी वित्तीय प्रबंधन के लिए सारे देश में जाना जाता रहा है, कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा को चेतावनी दी कि उनके इशारे पर बिजली विभाग के कामकाज को पटरी से उतारने और इसके निजीकरण की कोशिशों को सही ठहराने का कोई भी प्रयास चंडीगढ़ के लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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