मोदी सरकार ने घटिया जीवन रक्षक दवाएं बेचने की आरोपी फार्मा कंपनियों पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं कीः राजीव शर्मा
CHANDIGARH, 1 MAY: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने कुछ फार्मा कंपनियों द्वारा देश में घटिया जीवन रक्षक दवाएं बेचने पर उनके विरूद्ध कोई कारगर कार्रवाई न किए जाने को लेकर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा चन्द करोड़ रुपयों के चन्दे के लिए देश के लोगों के जीवन और स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में जरा सा भी संकोच नहीं कर रही है।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में पार्टी प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि कम से कम सात बड़ी फार्मा कंपनियों के ख़िलाफ उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, जो घटिया दवाओं के निर्माण के गंभीर आरोपों का सामना कर रही हैं और जिनके कारण उनके विरुद्ध आपराधिक मुकद्दमे दर्ज करने के अलावा उनके दवा निर्माण लाइसेंसों को भी रद्द किया जा सकता था। जिन दवाओं को रद्दी तरीके से बनाने के आरोप थे, उनमें रक्तचाप नियामक और कोविड का इलाज करने वाली रेमडेसिविर जैसी जीवन रक्षक दवाएं भी शामिल हैं। इन कम्पनियों के विरुद्ध औषधि नियंत्रणक प्राधिकरणों द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए, क्योंकि उन्होंने भाजपा को चुनावी बांड के रूप में सैकड़ों करोड़ रुपयों का चन्दा दे दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा को लोगों के जीवन और उनके स्वास्थ्य की बिलकुल भी परवाह नहीं है और अगर दवाएं बनाने वाली कुछ लालची कंपनियां भाजपा को उचित-अनुचित दान देती हैं तो यह पार्टी जनता के जीवन और स्वास्थ्य को जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन की अदालत में बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा हाल में की गई यह स्वीकारोक्ति कि कोविड वैक्सीन कोविशील्ड के कारण कुछ लोगों में समय से पहले दिल का दौरा या ब्रेन स्ट्रोक जैसे गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, यहां के लोगों के लिए एक झटके के समान है। इस खुलासे के बाद हर वह नागरिक, जिसने कोविशील्ड वैक्सीन की खुराकें ली हैं, अपने स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित नजर आ रहा है। राजीव शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने एक प्राइवेट कम्पनी सीरम इन्डिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को बड़े जोर-शोर से प्रचारित किया था और भाजपा द्वारा इस निजी कम्पनी से सैकड़ों करोड़़ रूपयों का चंदा लेने के बाद मोदी सरकार ने हर भारतीय को इस वैक्सीन की दो से तीन खुराक लेने के लिए आधिकारिक रूप से प्रेरित किया, जबकि ब्रिटेन में वैक्सीन के निर्माताओं को पीड़ितों को मुआवजा देना होगा, लेकिन मोदी सरकार के रवैये के चलते भारत में किसी को भी जवाबदेह ठहराए जाने की संभावना न के बराबर है, भले ही भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
कांग्रेस ने स्वास्थ्य अधिकारियों से इस टीके के दुष्प्रभावों के प्रभाव का आकलन करने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनाने का आग्रह किया है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य को होने वाले किसी सम्भावित नुकसान को कम किया जा सके।