मोदी सरकार की नीति और नीयत में बहुत फर्क है, लोग इसे लोकसभा चुनाव में उखाड़ फेंकें: हरमेल केसरी
CHANDIGARH, 11, FEBRUARY: चंडीगढ़ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज अर्धनग्न होकर और अपनी पीठ पर ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ लिखकर भाजपा, केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ सेक्टर-19 में प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर चंडीगढ़ कांग्रेस के नेता एवं प्रदेश यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हरमेल केसरी ने कहा कि पिछली 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम में जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या हुई और भाजपा के कार्यकर्ता अनिल मसीह ने 8 वोट को निरस्त करके चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर भाजपा के उम्मीदवार को घोषित किया, उसे किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह सीधे शब्दों में लोकतंत्र की हत्या है।
हरमेल केसरी ने कहा कि पिछले दिनों भारत रत्न देश के तीन महान लोगों को देने का फैसला किया गया, यह तीनों ही हमारे लिए सम्मानित, महान हस्तियां हैं, लेकिन मोदी सरकार की नीति और नीयत में कितना फर्क है, ये इससे पता लगता है कि एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देकर सम्मानित कर रहे हैं, जबकि 2 साल पहले देश के किसानों के खिलाफ तीन ऐसे काले कानून पास किए, जिनके खिलाफ किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ धरना लगाया और 700 से अधिक किसान शहीद हो गए।
केसरी ने कहा कि दूसरे महान व्यक्ति स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया जा रहा है, जिनकी सबसे बड़ी इच्छा किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर देने की थी लेकिन मोदी सरकार ने अपने 2014 और 2019 के चुनाव में किए गए इस वायदे को भी पूरा नहीं किया और आज स्वामीनाथन को भारत रत्न देकर सम्मानित कर रहे हैं लेकिन उनकी इच्छा को पूरे करने का प्रयास यह सरकार नहीं कर रही। उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का फैसला लिया गया। नरसिम्हा राव को आर्थिक सुधारों का जनक देश में कहा जाता है लेकिन उनकी आर्थिक नीतियों को मोदी सरकार अपनाने का काम नहीं कर रही है और नरसिम्हा राव के आदर्श रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के ऊपर लगातार यह सरकार कीचड़ उछलने का काम कर रही है।
हरमेल केसरी ने कहा कि देश की जनता अपने क्षेत्र के सांसद को वोट इसलिए देती है, ताकि वह संसद में बैठकर देश के गरीब लोगों के लिए और देश के जनता के लिए अच्छे कानून और अच्छी नीतियां बना सके लेकिन पिछले 5 साल में संसद केवल 274 दिन चली है। इसका मतलब एक साल के अंदर करीब 54 या 55 दिन यह संसद चली है, जो 1947 के बाद सबसे कम समय है। केसरी ने कहा कि जब यह सरकार संसद में बैठकर गरीबों के लिए फायदेमंद कानून और नीतियां नहीं बना सकती तो वह भारत की जनता से अपील करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को वोट देने का काम न करे और मोदी सरकार को उखाड़ फेंके।