चंडीगढ़ के दोनों डिप्टी मेयरों के चुनाव को भी चुनौती, हाईकोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर जारी किया नोटिस

मेयर चुनाव के खिलाफ दायर याचिका के साथ हाईकोर्ट 26 फरवरी को इस पर भी सुनवाई करेगा

CHANDIGARH, 9 FEBRUARY: कांग्रेस के वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए उम्मीदवार रहे क्रमशः गुरप्रीत सिंह और निर्मला देवी की ओर से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर एक सिविल रिट याचिका आज न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगी। इस याचिका में 30 जनवरी को हुए चण्डीगढ़ नगर निगम के इन दोनों पदों के चुनाव को चुनौती दी गई है।

कांग्रेस की तरफ से अधिवक्ताओं राजीव शर्मा, करणबीर सिंह और मंजोत गुजराल द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ नगर निगम में 30 जनवरी को गैरकानूनी ढंग से निर्वाचित महापौर ने पीठासीन प्राधिकारी के रूप में वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के चुनाव करवाए गए, जो कि रद्द किए जाने चाहिए, क्योंकि अमान्य और कानूनी प्रक्रियाओं के उल्लंघन करते हुए चुने गए मेयर द्वारा पीठासीन प्राधिकारी के रूप में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को मान्यता नहीं दी जा सकती।

याचिका में यह प्रार्थना भी की गई कि उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में निर्धारित कानून और नियमों के अनुसार पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से नए चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए, क्योंकि दिनांक 30.01.2024 के चुनाव मतपत्रों में जालसाजी एवं कानून, नियमों और नैचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए कराए गए हैं।

याचिका में प्रार्थना की गई कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई धोखाधड़ी की जांच शुरू करने का आदेश भी पारित किया जाए। इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन, चुनाव प्राधिकारी विनय प्रताप सिंह और पीठासीन प्राधिकारी अनिल मसीह को उन कारणों का खुलासा करने के निर्देश जारी किए जाएं जिसके तहत चुनाव प्रक्रिया के दौरान आठ वोटों को अवैध घोषित किया गया। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के तहत चंडीगढ़ मेयर चुनाव से संबंधित सभी रिकॉर्ड पहले ही जब्त कर लिए गए हैं और नगर निगम की अगली बैठक पर रोक लगा दी गई है।

उच्च न्यायालय में दायर याचिका में एक अहम सवाल उठाया गया है कि क्या चुनाव प्राधिकारी विनय प्रताप सिंह, नगर निगम आयुक्त और पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह अदालत की अवमानना अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दोषी हैं, क्योंकि दिनांक 30.01.2024 को उच्च न्यायालय के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के निर्देशों के बावजूद इन प्रतिवादियों द्वारा कानून सम्मत चुनावी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिया है। प्रतिवादी 26.02.2024 से पहले याचिका का जवाब दाखिल कर सकते हैं। 36 फरवरी को यह याचिका आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार की एक अलग लंबित याचिका के साथ अगली सुनवाई के लिए फ़िर से आएगी।

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