छोटा मनी ने 2017 में गैंगस्टर दीपक टीनू के फरार होने में भी की थी मदद : डीजीपी गौरव यादव
CHANDIGARH, 3 FEBRUARY: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.) ने लारेंस बिश्नोई के करीबी मनदीप सिंह उर्फ छोटा मनी निवासी चंडीगढ़, जिसने सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में शामिल मुलजिमों को ठिकाने मुहैया करवाने और 2017 में गैंगस्टर दीपक टीनू की भागने में मदद की थी, को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
उन्होंने बताया कि मुलजिम छोटा मनी को उसके साथी समेत गिरफ़्तार किया गया है, जिसकी पहचान जतिन्दर सिंह निवासी मोहल्ला गोबिन्दपुरा, मनीमाजरा के तौर पर हुई है। पुलिस टीमों ने इनके पास से दो .32 कैलीबर पिस्तौल के साथ-साथ 12 जिंदा कारतूस भी बरामद किये हैं। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि ज़ीरकपुर के क्षेत्र में छोटा मनी की मौजूदगी के बारे विश्वसनीय सूत्रों से मिली सूचना के बाद, ए.डी.जी.पी. प्रमोद बाण के नेतृत्व वाली ए.जी.टी.एफ. और ए.आई.जी. सन्दीप गोयल की निगरानी और डी.एस.पी. बिक्रम बराड़ के नेतृत्व अधीन पुलिस टीमों ने मुलजिमों के ठिकानो का पता लगाने में सफलता प्राप्त की और उसे उसके साथी समेत गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि दोनों मुलजिम लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के लिए सक्रियता से काम कर रहे थे और दोनों आपराधिक पृष्टभूमि वाले हैं, जिनके विरुद्ध इरादातन कत्ल, जबरन वसूली, डकैती और हथियार एक्ट के अंतर्गत चंडीगढ़ और हरियाणा में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि काबू किये गए मुलजिमों को उनके विदेशी हैंडलरें द्वारा विरोधी गैंगस्टरों का सुनियोजित कत्ल करने सम्बन्धी वारदातों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था।
एआईजी सन्दीप गोयल ने बताया कि साल 2022 में, दोषी छोटा मनी को उसके अन्य साथियों सचिन थापन, दीपक मुंडी और जोगिन्द्र जोग्गा- सभी शूटर और सिद्धू मूसेवाला कत्ल में शामिल मुलजिमों को विदेशी हैंडलरों के कहने के मुताबिक अयोध्या आधारित राजनेता विकास सिंह के इशारे पर सनसनीखेज़ अपराध करने के लिए कहा गया था। ज़िक्रयोग्य है कि बाद में विकास सिंह को नवंबर 2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( ऐनआईए) द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया था।
उन्होंने बताया कि लारेंस बिश्नोई छोटा मनी को विदेश में बसाना चाहता था और उसे यूरोप में सुरक्षित प्रवेश के लिए तीन बार दुबई भी भेजा गया, परन्तु असफल रहने के कारण बाद में उसे वापस भारत लौटना पड़ा। इस सम्बन्धी पुलिस थाना स्टेट क्राइम, एस.ए.एस. नगर में हथियार एक्ट की धारा 25 के अधीन मामला दर्ज किया गया है।