चंडीगढ़ मेयर चुनाव: आखिरकार कांग्रेस और AAP ने मिलाया हाथ, भाजपा इस बार मुश्किल में
मेयर सीट पर AAP और सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पदों पर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ेंगे चुनाव
पढ़िए: किस तरह सिरे चढ़ी गठबंधन की कवायद और किसकी रही बड़ी भूमिका
CHANDIGARH, 15 JANUARY: लोकसभा चुनाव-2024 से पहले ही चंडीगढ़ में भाजपा को पटखनी देने की पटकथा विपक्ष ने लिख दी है। कई दिनों की कवायद के बाद आखिरकार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए आज हाथ मिला लिया है। इसके तहत मेयर पद पर आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप सिंह टीटा गठबंधन के उम्मीदवार होंगे, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के प्रत्याशी क्रमशः गुरप्रीत सिंह गाबी और निर्मला देवी चुनाव मैदान में होंगी। मेयर पद से कांग्रेस और सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने आज नामांकन वापस ले लिया।
ANewsOffice.com ने सबसे पहले दी थी खबर
सनद रहे कि गत 13 जनवरी को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा की तरफ से चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो जाने के बाद ANewsOffice.com ने ही सबसे पहले खबर दी थी कि इस चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन के लिए बातचीत टूटी नहीं है और किसी भी समय बड़ी खबर आ सकती है। इसके बाद ANewsOffice.com ने ही ये भी खबर दी थी कि इस गठबंधन के तहत मेयर पद आम आदमी पार्टी को और सीनियर डिप्टी मेयर तथा डिप्टी मेयर पद कांग्रेस को मिल सकता है। आज हुआ भी यही। मेयर पद से कांग्रेस और सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने आज नामांकन वापस ले लिया।
बता दें कि चंडीगढ़ में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हर साल होता है और इस चुनाव में निर्वाचित पार्षद वोट डालते हैं। दिसंबर 2021 में पार्षदों के आम चुनाव के बाद पिछले दो साल से मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा वोटों की जोड़-तोड़ से ये चुनाव जीत रही है। इस बार भी भाजपा ने आम आदमी पार्टी के एक पार्षद को तोड़कर नगर निगम हाउस में अपने पार्षदों की संख्या 15 कर ली थी। भाजपा तीन साल में दूसरे दलों से तीन पार्षद तोड़ चुकी है। सांसद का वोट मिलाकर भाजपा के कुल 16 वोट हो गए थे, जबकि कांग्रेस के पास 7 और आम आदमी पार्टी के पास 12 वोट रह गए थे। एक वोट अकाली दल के पास है लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद भाजपा के 14 और AAP के 13 पार्षद हो गए हैं। इस स्थिति में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन हो जाने से अब गठबंधन के पास 20 और भाजपा के पास सांसद का वोट मिलाकर 15 वोट हैं। अब यदि धनबल या अन्य किसी प्रलोभन के बूते भाजपा के पक्ष में जीत के लायक वोट क्रॉस नहीं हुए तो इस बार मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में विपक्ष के हाथों भाजपा की हार तय है।
कांग्रेस और AAP के बीच समझौते में प्रदीप छाबड़ा की बड़ी भूमिका
चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौते में सबसे बड़ी भूमिका AAP के सह प्रभारी रहे चंडीगढ़ के पूर्व मेयर और पंजाब लार्ज इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन प्रदीप छाबड़ा ने निभाई है। पार्टी प्रत्याशी के चयन में भी प्रदीप छाबड़ा की राय को ही महत्व दिया गया। हालांकि आम आदमी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस से हाथ मिलाने का इच्छुक था लेकिन स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को AAP के समर्थन की शर्त रख दिए जाने के कारण पेंच फंस गया था। इसी पेंच को निकालने के लिए AAP ने प्रदीप छाबड़ा को जिम्मेदारी दी और छाबड़ा अपने राजनीतिक कौशल से इसमें सफल हो गए। इसके बाद गत शुक्रवार को रात में आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के घर जाकर चंडीगढ़ में गठबंधन को लेकर उनके साथ बैठक की और गठबंधन तय हो गया। इसके बाद AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सांसद राघव चड्ढा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ बैठक की थी। अंततः चंडीगढ़ में आज इस गठबंधन का ऐलान कर दिया गया। अब चंडीगढ़ में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन लोकसभा चुनाव तक जाएगा या नहीं, ये दोनों ही पार्टियों ने अभी स्पष्ट नहीं किया है।
छाबड़ा के खास साथी बावा के संग रहा भाजपा पार्षद काला
शनिवार को जो भाजपा पार्षद गुरचरण काला भाजपा को छोड़ कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, उनके बेटे ने शनिवार दोपहर को ही अपने पिता गुरचरण काला की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। उसमें जिस हरजिंद्र सिंह बावा के साथ आखिरी बार काला को देखे जाने की बात लिखी गई, वह प्रदीप छाबड़ा के खास साथी हैं। सूत्र बताते हैं कि दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के पार्षद बिल्लू के भाजपा में शामिल होने के बाद ही छाबड़ा ने भाजपा में ही डोरे डाले और बिल्लू के बदले गुरचरण काला को अपने पाले में कर लिया। काला तभी से छाबड़ा के खास साथी हरजिंद्र सिंह बावा के साथ भूमिगत थे और शनिवार को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद आम आदमी पार्टी ने उनके भाजपा छोड़कर AAP में शामिल होने की घोषणा कर दी। सूत्र बताते हैं कि काला के बेटे ने यदि गुमशुदगी की पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई होती तो काला को चुनाव के ऐन मौके पर आम आदमी पार्टी के साथ खड़ा दिखाने की योजना थी। कहा जा रहा है कि काला की गुमशुदगी की शिकायत भाजपा के दबाव में हुई थी।