चंडीगढ़ के सियासी अंगना में कंगना का शोर क्यों है, परिणीति से तय हो गई जंग ?

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Neeraj Adhikari

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना चंडीगढ़ के सियासी अंगना में आ रही हैं। ये खबर करीब दो महीने पहले मैंने ए न्यूज ऑफिस के माध्यम से दी थी। तब चंडीगढ़ के राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हुई थी लेकिन दो महीने बाद आज फिर कंगना का नाम चंडीगढ़ की सियासी फिजां में उठने लगा, क्योंकि दिल्ली से प्रकाशित एक बड़े हिंदी अखबार ने इस खबर पर मुहर लगाते हुए यहां तक लिख दिया कि कंगना रणनौत चंडीगढ़ की सियासत में सक्रिय होने के लिए अब अपना मकान भी ले चुकी हैं और यहां तक कि भाजपा भी चंडीगढ़ में एक सर्वे करवा चुकी है, जिसके नतीजे में कंगना को यहां से लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी की जा रही है। इस खबर को चंडीगढ़ के कुछ स्थानीय अखबारों ने भी उठाकर आज कंगना के नाम की हवा को तेज कर दिया। इसके बाद खुद कंगना ने सोशल मीडिया पर इन खबरों पर प्रतिक्रिया दी और इन्हें फिलहाल अटकलबाजी बताया लेकिन उनकी तुरत-फुरत प्रतिक्रिया से चंडीगढ़ की राजनीति में अचानक फिर गर्मी आ गई है।

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3 अक्तूबर 2023 को जिन सूत्रों के हवाले से मैंने पहली खबर दी थी, उन्होंने मुझे जो बताया था, उसके मुताबिक अकेली कंगना रणनौत ही नहीं, बल्कि एक और युवा अभिनेत्री के चंडीगढ़ की सियासत में उतरने की खबर मैंने दी थी और वो हैं परिणिति चोपड़ा। परिणिति हाल ही में पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के साथ विवाह बंधन में बंधी हैं। परिणिति चोपड़ा पंजाबी हिंदू परिवार से संबंध रखती हैं। उनका जन्म चंडीगढ़ से सटे अंबाला में हुआ है। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा भी अंबाला में ही ग्रहण की। मेरे सूत्र बताते हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान भी अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर को बठिंडा से चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं और राघव चड्ढा अपनी पार्टी में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि भगवंत मान की पत्नी बठिंडा से चुनाव लड़ेंगी तो चंडीगढ़ से वह परिणिति चोपड़ा को लोकसभा का चुनाव लड़ाएंगे। हालांकि राघव चड्ढा ने अभी तक साार्वजनिक रूप से परिणिति चोपड़ा के राजनीति में उतरने की पुष्टि नहीं की है। न ही परिणिति चोपड़ा का इस बारे में कोई बयान आया है लेकिन कंगना रणौत जरूर ऐसे संकेत देती रही हैं कि वह चुनावी राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं। इसी नवंबर महीने की शुरुआत में जब कंगना रणनौत गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर पहुंची थीं तो वहां मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर भगवान श्री कृष्ण ने चाहा तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगी।

इससे पहले अपनी फिल्म तेजस की सफलता की कामना लेकर कंगना रणनौत 26 अक्तूबर को रामलला के दर्शन करने अयोध्या भी गई थीं। वहां उन्होंने राम मंदिर का भव्य निर्माण शुरू होने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया था। कंगना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की थी। कंगना ने योगी से मुलाकात भी की थी। यहां तक कि कंगना ने योगी आदित्यनाथ व उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के लिए तेजस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग भी रखी थी, जिसमें योगी भावुक हो गए थे। इसके अलावा भी कई मौकों पर कंगना रणौत का झुकाव भाजपा की तरफ देखा जाता रहा है।

कंगना रणौत चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी या नहीं, ये अभी भाजपा हाईकमान को ही तय करना है लेकिन कंगना चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, ये साफ हो चुका है। वैसे भी चंडीगढ़ लोकसभा सीट बॉलीवुड फ्रैंडली रही है। चंडीगढ़ सीट 2014 से भाजपा के कब्जे में है। बॉलीवुड अभिनेत्री किरण खेर भाजपा के टिकट पर यहां से लगातार दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं। इस लिहाज से चंडीगढ़ सीट पर किसी बॉलीवुड हस्ती का उतरना कोई नई बात नहीं है। 2014 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने बॉलीवुड अभिऩेत्री गुल पनाग को अपना उम्मीदवार बनाया था। उनके मुकाबले के लिए ही भाजपा ने किरण खेर को अपना प्रत्याशी बनाया लेकिन भाजपा की किरण खेर 69,642 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गई थीं।

किरण खेर दूसरी बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चंडीगढ़ से जीतीं लेकिन इस बार खुद उनके बयानों से भी लग रहा है कि वह अब चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के मूड में हैं। किरण खेर चंडीगढ़ में पिछले काफी समय से बहुत सक्रिय भी नहीं हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से उम्मीदवारी के लिए जो स्थानीय दावेदार हैं, उनकी गुटबाजी से भाजपा हाईकमान खुद परेशान है। इसलिए उनके नामों पर शहर में एक सर्वे कराया, जिसका नतीजा भाजपा का ध्यान फिर बॉलीवुड की तरफ ले जा रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि यदि भाजपा ने किरण खेर को चंडीगढ़ से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ाया तो कंगना रणौत भाजपा की नई पसंद बन सकती हैं। कंगना रणौत मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और चंडीगढ़ में हिमाचली मूल के वोटरों की संख्या भी खासी है। पंजाबी जट्ट सिख परिवार की किरण खेर भी चंडीगढ़ में ही पली-बढ़ी थीं और उनके पति अनुपम खेर मूल रूप से हिमाचल के हैं। भाजपा को चंडीगढ़ सीट पर किरण खेर को उम्मीदवार बनाने से इसका भी फायदा हुआ था। अब चंडीगढ़ के लिए ये देखना दिलचस्प हो गया है कि क्या एक बार फिर यहां लोकसभा चुनाव में दो बॉलीवुड अभिनेत्रियों के बीच सीधा मुकाबला होगा। हमारी भी नजर इससे जुड़े हर घटनाक्रम पर रहेगी।

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