चंडीगढ़ कांग्रेस ने पानी के बिलों, स्टाम्प पेपरों और प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान पर मनमानी वसूली को लेकर नगर निगम को घेरा

भाजपा शासित नगर निगम आम जनता की जेब से आखिरी पैसा तक निकालने पर आमादा: राजीव शर्मा

CHANDIGARH, 14 NOVEMBER: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने पानी के बिलों, नान जुडीशियल स्टाम्प पेपरों और कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान पर चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा पिछले कुछ महीनों से कथित मनमाने ढंग से लगाए जा रहे सुविधा या वसूली शुल्क को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने वास्तविक बिलों का भुगतान करते समय अतिरिक्त वसूली शुल्क लगाए जाने को भाजपा नीत नगर निगम की खुली लूट करार देते हुए कहा कि नगर निगम चण्डीगढ़ की आम जनता की जेब से आखिरी पैसा तक भी निकालने पर आमादा हो चुका है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पिछले 3-4 वर्षों में निगम ने स्थानीय करों में भारी वृद्धि की है और यहां तक कि इस दौरान जल शुल्क में 300% से भी अधिक की अभूतपूर्व बढ़ौतरी कर दी गई है। अब टैक्सों को इतना बढ़ाने के बाद अब कुछ समय से बिल राशि के अलावा सुविधा या वसूली शुल्क भी चार्ज किया जा रहा है, जो लोगों की परेशानियां को और बढ़ा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस हमेशा भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम और प्रशासन द्वारा पानी, सीवरेज और कचरा संग्रहण जैसी नागरिक सुविधाओं पर लगाए गए कमर तोड़ करों को वापस लेने के लिए स्थानीय निवासियों की आवाज़ उठाती रही है, खासकर तब जब कि टैक्सों में व्यापक वृद्धि के बावजूद लोगों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में सुधार न के बराबर है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने दुपहिया वाहनों पर पार्किंग शुल्क वापस लेने के निगम के फैसले को सही दिशा में पर देर से लिया गया कदम बताते हुए फिर से यह सवाल उठाया है कि इसके साथ साथ कारों के लिए चार्ज किया जा रहा 14 रुपये पार्किंग शुल्क क्यों नहीं घटाया गया। इसके अलावा, कांग्रेस प्रवक्ता ने निगम से 10 मिनट मुफ्त पार्किंग नियम लागू करने और ईंधन बचाने के लिए पार्किंग शुल्क का कलैक्शन टाइम कम करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा से अपने फिजूल खर्चों को पूरा करने के लिए शहर के लोगों पर किसी न किसी मद में नया कर लगाने और या फिर पहले से लगाए गए करों में बार-बार वृद्धि करने की अपनी आदत को जनहित में छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि आठ साल पहले जब कांग्रेस को हरा कर यह भगवा पार्टी नगर निगम में सत्ता में आई थी, तब निगम के पास लगभग 500 करोड़ रुपये का एक बैंक फिक्सड डिपाजिट था, जो पिछले वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम के भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन की भेंट चढ़ चुका है।

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