CHANDIGARH, 16 SEPTEMBER: चरमराती कानून-व्यवस्था, टूटे हुए वादे, बड़े स्तर पर नशे की समस्या, बढ़ता वीआईपी कल्चर और पंजाब के संसाधनों की बर्बादी, पंजाब में आप सरकार के पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल का निचोड़ पेश करती है। यह शब्द भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहे, जिन्होने मान सरकार के कार्यकाल के डेढ़ साल पूरे करने पर आप सरकार पर ‘असंवैधानिक’ तरीके से ‘तानाशाही’ के तौर पर काम करने आरोप लगाया है।
यहां जारी एक बयान में शेरगिल ने कहा कि जहां तक पंजाब में अपराध की बात है, स्थिति दयनीय है। दिनदहाड़े हत्या, जबरन वसूली, लूट और गैंगवार की खबरें एक दिनचर्या बन गई हैं और आम आदमी अपने जीवन और संपत्ति के लिए निरंतर भय में जी रहा है। शेरगिल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक साल से अधिक समय के बाद भी, सिद्धू मूसेवाला के पिता न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
शेरगिल ने टूटे वादों के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए, मान से स्पष्टीकरण मांगा ही कि उनकी सरकार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने के अपने वादे को पूरा क्यों नहीं कर पाई है। बेरोजगारी के अहम मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि पंजाब को भूल जाइए, मान पड़ोसी राज्य हरियाणा में रोजगार देने में व्यस्त हैं। जिन्होने इस संदर्भ हाल ही में पंजाब पुलिस में हरियाणा से 6 सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती का हवाला दिया।
शेरगिल ने बढ़ती नशे की समस्या के लिए मान सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि नशे की ओवरडोज से 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, लेकिन नशे का अभिशाप बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि जब से मान सरकार ने सत्ता संभाली है, नशे की समस्या ने बहुत अधिक चिंताजनक रूप धारण कर लिया है, जो इससे निपटने में सरकार की गंभीरता की कमी को दर्शाता है।
शेरगिल ने आगे कहा कि पंजाब में ‘वीआईपी कल्चर’ इस समय चरम पर है। उन्होने कहा कि पंजाब में आप सरकार को दिल्ली में बैठे एक टोले द्वारा चलाया जा रहा है और मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल किया कि उन्हें अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाले ‘दिल्ली दरबार’ की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पंजाब के संसाधनों का दोहन करके फिजूलखर्ची करने का अधिकार किसने दिया है?
इसी तरह, शेरगिल ने सरकार द्वारा शांतिपूर्वक विरोध कर रहे कर्मचारियों पर बेरहमी से लाठीचार्ज, घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी और अपने कर्मचारियों को वेतन देने में देरी की ओर इशारा करते हुए, इस सरकार की घटिया कार्यप्रणाली का गंभीरतापूर्वक जिक्र किया है।
उन्होने कहा कि पंजाब में बाढ़ से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है, जिससे फसलों और यहां तक कि शहरी बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने इससे भी अधिक दयनीय तथ्य का खुलासा करते हुए कहा है कि जब पंजाब के 23 में से 19 जिले बाढ़ से तबाह हो गए थे, तब मान अपने ‘सुपर बॉस’ अरविंद केजरीवाल के साथ राज्य से बाहर थे। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं।
शेरगिल ने आप सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में सभी पंचायतों को भंग करने का सरकार का हालिया फैसला पूरी तरह से अवैध था, जिसके चलते सरकार को बाद में यू-टर्न लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शेरगिल ने जोर देते हुए कहा कि यह सरकार जो ‘बदलाव’ लेकर आई है, वह यह है कि इसने पंजाब को एक विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में बदल दिया है, जहां कर्मचारियों के विभिन्न वर्ग मान पर उनकी वास्तविक मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए नियमित रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिक चिंता की बात यह है कि जो कोई भी इस अराजकतावादी अहंकारी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसे सरकार के क्रोध का सामना करना पड़ता है।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि आप शासन में राज्य की अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है। शेरगिल ने कहा कि जहां स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र बदतर हालत में हैं, वहीं पर सत्ता मे बैठे लोगों द्वारा लिए जा रहे गलत फैसलों के कारण उद्योग बंद होने की कगार पर हैं। शेरगिल ने वर्तमान सरकार को पूरी तरह से भ्रमित और धोखेबाज करार देते हुए कहा कि कुप्रबंधन, कुशासन और भ्रष्टाचार मान के नेतृत्व वाली आप सरकार की पहचान बन गई है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों का इस ऐशो आराम पार्टी (आप) सरकार से विश्वास पूरी तरह से खत्म हो गया है और मान विज्ञापनों के माध्यम से अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में झूठे दावे करके जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में मान सरकार ने सैकड़ों करोड़ों रुपये बर्बाद किए हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि इस सरकार की नकाबलियत भरी कार्यप्रणाली ने पंजाब को 40 साल पीछे धकेल दिया है।