CHANDIGARH: शहर में पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक के चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश को चुनौती देने वाली क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अब बुधवार को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने पटाखों को लेकर दायर यमुनानगर के कुछ व्यापारियों की याचिका को आज खारिज कर दिया है। इस बीच, आज एनजीटी (NGT) का फैसला भी सामने आ जाने के बाद अब पटाखों के मामले में प्रशासन अपने फैसले पर पुनर्विचार भी कर सकता है। भाजपा भी इसके लिए प्रशासन पर दबाव बनाने में जुट गई है।
गौरतलब है कि क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ ने शहर में पटाखे बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध के चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उम्मीद की जा रही थी कि हाईकोर्ट में पटाखों को लेकर ही यमुुनानगर के कुछ व्यापारियों की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर भी सुनवाई हो सकती है। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने यमुनानगर के व्यापारियों की जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया है, जबकि क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर अब बुधवार को सुनवाई होगी। यह याचिका शहर के सीनियर एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल के जरिए दायर की गई है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को लगाया था प्रतिबंध, अब पुनर्विचार की उम्मीद
गत शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 नवम्बर तक पटाखे बेचने व फोडऩे पर रोक लगा दी थी। इसके लिए कोविड-19 के प्रसार और प्रदूषण का हवाला दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी पटाखे फोडऩे पर रोक लगाने की एडवाइजरी दी थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी (NGT)ने भी 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया था। इनमें चंडीगढ़ भी शामिल है। इसके मद्देनजर एनजीटी (NGT) के फैसले से पहले ही चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से शहर मेंं पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक लगा दी गई। प्रशासन के फैसले के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया था। भाजपा, कांग्रेस, चंडीगढ़ व्यापार मंडल व चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रतिबंध का विरोध करते हुए पटाखा कारोबारियों का समर्थन किया तथा प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। अब आज एनजीटी (NGT) ने भी अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी मॉडरेट या इससे नीचे के लेवल पर है, वहां प्रदूषण रहित पटाखे बेचे जा सकते हैं लेकिन दीवाली, गुरु पर्व, छठ, क्रिसमस, न्यू ईयर जैसे मौकों पर सिर्फ 2 घंटे पटाखे फोड़ने की छूट होगी। जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी ठीक है, वहां पटाखों पर बैन ऑप्शनल होगा लोकल अथॉरिटी चाहे तो अपने हिसाब से गाइडलाइंस तय कर बैन लगा सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन एनजीटी (NGT) के फैसले के मद्देनजर अब अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकता है। आज चंडीगढ़ प्रशासन की कोविड-19 को लेकर वाररूम मीटिंग भी होनी है। इसको देखते हुए भाजपा नेता प्रशासन पर पटाखा बैन को लेकर पुनर्विचार के लिए दबाव बनाने में जुट गए हैंं।
कारोबारियों का करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में: चिराग अग्रवाल
प्रशासन के फैसले से सबसे ज्यादा पटाखा कारोबारी गुस्से में हैं। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन को प्रतिबंध का फैसला पहले करना चाहिए था। शहर में पटाखों की स्टॉल लगाने के लिए आवेदन लेने के बाद ड्रॉ निकालकर नतीजा रोक देना और फिर पटाखों का प्रतिबंध लगा देना कारोबारियों के साथ सरासर धक्का है। चिराग अग्रवाल ने कहा कि पटाखा लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर पटाखा कंपनियों को दे दिए थे। अब कंपनियां कह रही हैं कि अपना माल ले जाओ लेकिन अब कारोबारी क्या करें? उनका करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में आ गया है।
पंजाब पहले ही मना कर चुका, हरियाणा ने भी दी दो घंटे की छूट
दूसरी ओर, पटाखों के मामले में पड़ोसी राज्य हरियाणा एनसीआर में आते अपने शहरों को छोड़कर बाकी शहरों में दो घंटे पटाखे फोड़ने की छूट देने का फैसला कर चुका है तो पंजाब ने एनजीटी (NGT) को भेजे अपने जवाब में कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में पटाखों पर रोक लगाने की जरूरत से इंकार कर दिया था। बताया जाता है कि पंजाब सरकार ने राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी में न होने का हवाला देते हुए कहा था कि वह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाती रही है। दीवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नववर्ष जैसे मौके पर पटाखे न फोडऩे का आदेश वह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से पहले भी जारी कर चुकी है। अब कोविड-19 के मद्देनजर ऐसा कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है। पंजाब का कोई इलाका दिल्ली एनसीआर के दायरे में भी नहीं आता है।