राज्य के लोगों से अपील की: अपने घरों में रुके हुए पानी को हटाएं और पानी की टंकियां, वाटर कूलरों इत्यादि जगहों को साफ रखें
CHANDIGARH, 23 AUGUST: हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में फीवर कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे ताकि वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम की जा सके। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य के प्रत्येक गांव और शहरी क्षेत्र में भी प्रत्येक वार्ड हेतु एक – एक फागिंग मशीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में व्हीकल माउंटेड मशीन भी होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में जहां-जहां भी पानी खड़ा है वहां-वहां पर इंसेंटिसाइड (कीटनाशक) और तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि लार्वा पनप न सके।
विज आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग और शहरी स्थानीय निकाय के अलावा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ वेक्टर जनित बीमारियों के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
विज ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने घरों में रुके हुए पानी को हटाए और और पानी की टंकियां, वाटर कुलरों इत्यादि जगहों को साफ रखें ताकि डेंगू जैसी बीमारी ना उत्पन्न हो सके। श्री विज ने संबंधित अधिकारियों व सभी जिला के सिविल सर्जनों को निर्देश देते हुए कहा कि वह अपने-अपने जिले में इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी करें और इस बारे में जागरूकता भी दी जाए। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों के सिविल सर्जन अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की टीमें में बनाकर लोगों को जागृत करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान भी चलाया जाए।
निजी अस्पतालों तथा निजी प्रयोगशालाओं द्वारा डेंगू के केस रिपोर्ट न करने के संबंध में विज ने सख्त लहजे में कहा कि सिविल सर्जन अधिकारियों को टीम बनाकर समय-समय पर इन निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं को चेक करना होगा क्योंकि यह एक नोटिफाई बीमारी है। उन्होंने कहा कि जो अस्पताल और प्रयोगशाला इन केसों को रिपोर्ट नहीं करेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिनके घरों में लारवा पाया जाता है, उन्हें नोटिस और चालान भी जारी किए जाएं। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा अब तक 65711 नोटिस ऐसे लोगों को जारी किए जा चुके हैं। विज ने कहा कि राज्य के जितने भी जलाशय हैं उनमें गैंबुजिया मछली को छोड़ा जाए ताकि वह लार्वा पनपने न दे। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक लगभग 8050 चिन्हित जलाशयों में गैंबुजिया मछली को छोड़ा गया है। श्री विज ने कहा कि डेंगू के लक्षणों के संबंध में जानकारी भी जारी की जाने वाली एडवाइजरी के बीच में भी शामिल की जानी चाहिए ताकि लोग ऐसे लक्षण होने पर अपना टेस्ट करवा सकें। इस पर, अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में डेंगू का टेस्ट फ्री है जबकि निशुल्क तौर पर प्लेटलेट्स भी चढ़ाए जाते हैं।
अब तक डेंगू के 772 मामले सामने आए
बैठक के दौरान विज को अवगत कराया गया कि राज्य में चिकनगुनिया के अब तक 43 मामले सामने आए हैं जबकि मलेरिया के 35 मामले आए हैं। इसी प्रकार, अब तक डेंगू के 772 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब तक 23128 डेंगू के सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 630 पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि निजी अस्पतालो 4578 सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 142 पॉजिटिव पाए गए। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री को बताया गया कि राज्य में 27 डेंगू की टेस्टिंग लैब संचालित है और सभी सिविल अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में सैंपल लिए जा रहे हैं। मंत्री को अवगत कराया गया कि डेंगू का टेस्ट 600 रुपए में निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सुविधा राज्य के साथ स्थानों गुरुग्राम, करनाल, पंचकुला, रोहतक, सोनीपत, फरीदाबाद और हिसार पर मुहैया करवाई जा रही है।