चंडीगढ़ की कालोनियों में चल रहे सर्वे को लेकर एडवाइजर से मिलीं पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास

कहा- इस सर्वे से कालोनीवासियों में बने डर और भ्रम की स्थिति को अविलंब दूर करे प्रशासन

CHANDIGARH, 22 AUGUST: चंडीगढ़ की पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में शहर की कालोनियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल से मुलाकात की और कालोनियों में चल रहे मकानों के सर्वे को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को तत्काल दूर करने की मांग की।

पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने एडवाइजर से कहा कि चण्डीगढ़ की कॉलोनियों में मकानों के सर्वे को लेकर लोगों में एक भ्रम बना हुआ है कि कहीं सर्वे के बाद मकान कैंसिल तो नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यह भ्रम इसलिए है, क्योंकि कुछ दिन पहले सेक्टर-25 की कालोनी में कुछ मकान कैंसिल हुए हैं। कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि अगर सर्वे मकान कैंसिल नहीं करने के लिए चल रहा है तो जो मकान कैंसिल हुए हैं, उन्हें बहाल किया जाए और कारण बताओ नोटिस वापस लिए जाएं।

उन्होंने कहा कि कुछ नेता ढोल बजा-बजाकर लडड़ू बाट रहे हैं कि हम गवर्नर से मिले, हम एडवाइजर से भी मिले। कालोनियों में मकानों के निवासियों को मालिकाना हक मिलेगा। यदि ऐसा है तो प्रशासन एक सरकारी नोटिफिकेशन जारी कर क्यों नहीं कहता कि कालोनीवासियों को डरने की जरूरत नहीं। उनका मकान सुरक्षित है और जीपीए वालों के भी मकान उनके नाम किए जाएंगे।

कमलेश बनारसीदास ने कहा कि चंडीगढ़ में कॉलोनियों को बसाने का काम 1976 में हुआ। फिर चंडीगढ़ में पुनर्वास योजना 1979 में शुरू हुई, जो आज तक चल रही है। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने चण्डीगढ़ में सस्ते रेट पर मकान अलाट किए, जिनके पास चंडीगढ़ में मकान नहीं थे। फिर co-operative society के आधार पर भी लोगों को बहुत ही कम दामो पर उनको फ्लैट अलाट किए गए।

इन सबमें एक बात सेम थी कि अलॉटी मकान को बेच नहीं सकते। रेंट पर भी नहीं दे सकते और जीपीए पर भी नहीं बेच सकते परंतु प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड ने हाउसिंग बोर्ड के मकानों और co-operatives society’s के मकानों के आवंटियों को यह हक दे दिया कि नाम ट्रांसफर करने और जीपीए वालों को मालिकाना हक मिलेगा। अब प्रशासन कालोनियों में मकानों का जो सर्वे कर रहा है, उससे लोगो में भ्रम हो रहा है। लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। इसलिए प्रशासन ठीक उसी प्रकार इनका भी बिना सर्वे के जीपीए के आधार पर मकान ट्रांसफर करने की अनुमति दे, जैसे

हाउसिंग बोर्ड के मकानों और co-operatives society’s के मकानों के आवंटियों को दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के साथ सरोज शर्मा, हरिसिंह गोसाई, राम निवास, हरजिंदर सिंह, प्रिंस, मनोज गर्ग आदि मौजूद थे।

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