पूर्व मुख्यमंत्री बोले- सीईटी, बाढ़, मुआवजा, कानून व्यवस्था, नूंह हिंसा व कलर्कों के वेतन का मुद्दा विधानसभा से उठाएगी कांग्रेस
CHANDIGARH, 18 AUGUST: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। शराब, रजिस्ट्री, भर्ती, सीईटी, अमृत योजना, सफाई ठेकों समेत अनगिनत घोटालों के बाद अब आयुष्मान योजना का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का खुलासा खुद कैग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा में इस योजना के तहत मृत लोगों का इलाज किया गया। अब सरकार का कहना है कि 3 लाख प्रतिवर्ष से कम आय वाले 38 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाया जाएगा। हरियाणा में कुल 55 लाख परिवार हैं। यानी उनमें से 70% परिवार की आय 3 लाख सालाना से कम है। इसका मतलब हुआ कि प्रदेश की 70% आबादी की प्रति व्यक्ति आय ₹60000 से भी कम है। यानी 2014 से पहले पूरे देश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में नंबर रहे हरियाणा को बीजेपी-जेजेपी ने बीमारू राज्यों की कगार पर पहुंचा दिया है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी लगातार गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं पर अंकुश लगा रही है। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले 405 करोड़ रुपए प्रदेश की गठबंधन सरकार खर्च ही नहीं कर पाई। 1,30,879 मकान की ग्रांट को सरकार ने सरेंडर कर दिया। वहीं बीएलसी के तहत केंद्र सरकार द्वारा 47,116 मकान के लिए जो फंड जारी किया गया था, उसमें से सिर्फ 4459 मकान ही बनकर तैयार हो पाए हैं। केंद्र की योजनाओं को सिरे चढ़ाना तो दूर मौजूदा सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान शुरू हुई आवास योजनाओं को भी बंद कर दिया। कांग्रेस ने गरीब परिवारों के लिए सौ-सौ गज के प्लॉट आवंटन और मकान बनाने की योजना शुरू की थी, जिसे बीजेपी ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था। इतना ही गरीब परिवारों को मिलने वाले मकानों के रेट में भी मौजूदा सरकार ने 20% तक की बढ़ोतरी कर दी।
हुड्डा ने बताया कि विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस कानून व्यवस्था व नूंह हिंसा और बाढ़ की वजह से हुए भारी नुकसान के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव दिए हैं। साथ ही बेरोजगारी व सीईटी पर्चे में धांधलियां, सरस्वती नदी की खुदाई करने बारे, परिवार पहचान पत्र की परेशानियां, कर्मचारियों व क्लर्कों के वेतनमान, शिक्षा की चिंताजनक स्थिति, प्रोपर्टी आईडी की धांधली, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाजरे की फसल में नुकसान, बाढ़ का मुआवजा, सहकारी श्रण व खाद्य बिक्री, आयुष्मान योजना की धांधलियों, किसान बीमा की धांधलियों और शामलात व जूमला मालकान आदि जमीन को पंचायतों के नाम करने के मुद्दों पर चर्चा के लिए भी कांग्रेस विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं।