विजीलैंस ने राज्यभर में सरकारी अस्पतालों की चैकिंग के दौरान डोप टैस्ट की प्रक्रिया में पाई खामियां
विजीलैंस टीमों ने डोप टैस्ट के लिए आए व्यक्तियों की प्रक्रिया और दस्तावेज़ों की बारीकी से की जांच
CHANDIGARH, 25 JULY: राज्य में किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का प्रयोग करने वाले या किसी अयोग्य व्यक्ति को हथियार लाइसैंस जारी न किए जाने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज सरकारी अस्पतालों, जहाँ हथियार लाइसैंस जारी करने या रिन्यू करने से पहले डोप टैस्ट किए जाते हैं, की अचानक चैकिंग की।
बता दें कि जो व्यक्ति हथियारों का लाइसैंस बनवाना या इसको रिन्यू करवाना चाहते हैं, उनके लिए डोप टैस्ट करवाना अनिर्वाय है। डोप टैस्ट का उदेश्य व्यक्ति के बायलौजीकल स्पैसीमन (नमूनों) में नशीले पदार्थों की मौजूदगी की जांच करना है।
राज्य भर की विजीलैंस की पुलिस टीमों ने सरकारी अस्पतालों की अचानक चैकिंग की, जिस दौरान डोप टैस्ट के लिए आए कम से कम 51 व्यक्तियों के डोप टैस्ट की प्रक्रिया और दस्तावेज़ों की बारीकी के साथ जांच की गई।
इस बारे में जानकारी देते विजीलैंस ब्यूरो के वक्ता ने बताया कि चैकिंग दौरान इस प्रक्रिया में कुछ खामियां पाई गई, जिसके लिए पंजाब के स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों ( डीसी) के साथ विचार-विर्मश के बाद उचित कार्यवाही की जा रही है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि किसी भी अनअधिकारित या अयोग्य व्यक्ति को हथियार लायसैंस जारी न किया जाए और हथियारों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
इस टैस्ट का उदेश्य हथियार लायसैंस के लिए अप्लाई करने वाले व्यक्तियों में से नशीले पदार्थों का प्रयोग करने वाले अयोग्य व्यक्तियों की पहचान करना है। नशीले पदार्थों और दस नशीली दवाओं मोरफिन, कोडीन, डी- प्रोपोकसीफीन, बैंजोडायआजीपाईनस, कैनाबिनोल, बारबीटूरेटस, कोकीन, एमफेटामाईनज़, बुप्रेनोरफाईन और ट्रामाडोल की जांच के लिए कम्पैकट मल्टी किटों का प्रयोग किया जा रहा है।