चंडीगढ़ में प्राचीन कला केन्द्र से संबद्ध निरंकारी कला व संगीत संस्थान का उदघाटन 

CHANDIGARH, 23 JULY: सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30-ए चंडीगढ़ में आज सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संचालित निरंकारी इंस्टीट्यूट आफ म्यूजिक एंड आर्ट खोला गया, जिसका उदघाटन सन्त निरंकारी मण्डल के प्रधान सीएल गुलाटी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह संस्थान चण्डीगढ़ के प्राचीन कला केंद्र से संबद्ध है। यहां से किए गए तीन साल के कोर्स की मान्यता स्नातक डिग्री के समान होगी। इस संस्थान में कोई भी सज्जन संगीत सीखने के भाव से या संगीत की डिग्री प्राप्त करने के भाव से केवल 300 रूपए प्रति मास की फीस देकर जितने समय के लिए वह चाहे संगीत सीख सकता है। इस केंद्र में संगीेत के साथ पेंटिंग और अन्य कला भी सिखाई जाएगी।

इस अवसर पर दिल्ली से आए सन्त निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्द्र सुखीजा भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा भारत में स्थित अनेक ब्रान्चों में संगीत संस्थान खोले जा रहे हैं। अब तक खोले गए संगीत संस्थानों में यह दसवां संगीत संस्थान है और निकट भविष्य में राजपुरा में भी एक ऐसा संस्थान वहां स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में खोले जाने की कार्यवाही जारी है।

इससे पहले हुए सत्संग में हजारों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए जोगिन्द्र सुखीजा ने कहा कि आज इन्सान में इन्सान के प्रति प्यार की भावना का खत्म होती जा रही है जिस कारण एक दूसरे का सत्कार भी नहीं हो रहा। सत्कार भाव न होने से इन्सान का एक दूसरे पर विश्वास भी नहीं रहा, तभी आज आपस में नफरत के भाव पैदा हो रहे हैं। आज नफरत को प्यार में बदलने की जरूरत है और इसका समाधान केवल सत्गुरू की शरण में जाकर इस प्रभु परमात्मा की जानकारी करना जरूरी है।

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