CHANDIGARH, 23 JULY: इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी डा. धर्म पाल ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से एमए (पर्यावरण अध्ययन) पाठ्यक्रम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय गिरावट और जलवायु परिवर्तन वैश्विक घटनाएं हैं, जहां दुनिया के एक हिस्से में हुई क्रिया दुनियाभर में पारिस्थितिक तंत्र और आबादी को प्रभावित करती है। प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र का वर्तमान क्षरण पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, संसाधनों की कमी, जैव विविधता हानि, आदि के रूप में देखा जाता है।
डा. धर्म पाल ने कहा कि एमए (पर्यावरण अध्ययन) कार्यक्रम एक बहुआयामी और एक अंतःविषय दृष्टिकोण के साथ विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय चिंताओं पर जागरूकता पैदा करता है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप, कार्यक्रम को मॉड्यूलर दृष्टिकोण के साथ पेश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अध्ययन के प्रथम वर्ष (पाठ्यक्रम) को पूरा करने के बाद शिक्षार्थी पर्यावरण अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त करने के पात्र होंगे। कार्यक्रम पूरा करने के बाद शिक्षार्थी भारत और दुनिया भर में पर्यावरण और वातावरण स्थिरता संबंधी चिंताओं को दूर करने में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय गिरावट के वर्तमान संदर्भ और एसडीजी को पूरा करने के लिए भविष्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं को देखते हुए, इग्नू ने पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं को छूने के लिए एमए (पर्यावरण अध्ययन) पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया इग्नू का कॉमन प्रॉस्पेक्टस देखें जोकि इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध है । प्रवेश लिंक है https://ignouadmission.samarth.edu.in/ इग्नू के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है।