जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में GST समन्वय समिति का भी किया जाए गठनः हरीश गर्ग
GST completes 6 years CHANDIGARH, 1 JULY: देश में जीएसटी (GST) लागू होने के आज 6 वर्ष पूर्ण होने को एक बड़ी सफलता बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद दिया और कहा कि एक देश-एक कर की उनकी अवधारणा को देशभर में व्यापक सफलता मिली है, जो इस बात से साबित होता है कि जीएसटी (GST) का राजस्व अब लगभग 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए प्रति माह हो गया है। यह एक बड़ा कीर्तिमान है, जिससे केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों के राजस्व में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कैट का कहना है कि इस वृद्धि में देशभर के व्यापारी वर्ग का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। जीएसटी (GST) में लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष कर एवं लगभग 13 प्रकार के सेस समाहित होने से व्यापारी वर्ग को अनेक प्रकार के सरकारी विभागों से मुक्ति मिली है किंतु अभी भी जीएसटी (GST) प्रणाली को अत्यधिक सरल करने की जरूरत है।
कैट के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को जीएसटी (GST) की सफलता पर बधाई देते हुए उनसे आग्रह किया है कि जीएसटी कर प्रणाली को स्थायी बनाने तथा वर्तमान में विद्यमान विसंगतियों को दूर कर एक अधिक सरल कर प्रणाली बनाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अलावा व्यापारी एवं उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हों। हरीश गर्ग ने कहा कि यह टास्क फोर्स जहां जीएसटी कर प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने तथा व्यापारियों पर कानून एवं नियमों की बहुतायत पालना को कम करने के लिए सुझाव देगी, वहीं कर का दायरा कैसे अधिक विकसित हो, फर्जी बिलिंग तथा गलत इनपुट लेने को रोकने के बारे में भी सुझाव देगी।
हरीश गर्ग ने कहा कि देश में पिछले 6 वर्षों से लागू जीएसटी कर प्रणाली को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों तथा व्यापारियों को अनेक प्रकार के अनुभव हुए हैं और उन्हीं अनुभवों के आधार पर इस कर प्रणाली की नए सिरे से समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के विजन के आधार पर जीएसटी (GST) को एक ऐसी सरल एवं सुविधायुक्त कर प्रणाली के रूप में विकसित किया जाए, जिसका पालन एक आम व्यापारी भी आसानी से कर सके। हरीश गर्ग ने यह भी सुझाव दिया कि देश में प्रत्येक जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जीएसटी (GST) समन्वय समिति का भी गठन किया जाए, जिसमें स्थानीय कर एवं अन्य संबंधित अधिकारी तथा स्थानीय व्यापारी संगठनों के लोग शामिल हों।