CHANDIGARH, 28 JUNE: फेडरेशन आफ ऑटोमोबाइल डीलर्स आफ चंडीगढ़ के पदाधिकारियों ने आज चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के साथ मीटिंग की। इस दौरान फेडरेशन ने हैरानी जताई कि ‘चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी’ योजना के तहत यूटी प्रशासन ने कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने हेतु शहर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति लागू तो कर दी है, लेकिन बड़ा सवाल है कि इस योजना को लागू करने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है ही नहीं। इसके साथ ही प्रशासन ने बिना कोई तैयारी किये जल्दबाजी में ईवी पॉलिसी लागू कर शहरवासियों के लिए समस्या खड़ी कर दी है।
फेडरेशन के प्रेसिडेंट रंजीव दहूजा ने प्रशासन के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि शहर में अन्य राज्यों से पेट्रोल और डीजल के वाहन बदस्तूर आते रहे तो चंडीगढ़ कार्बन न्यूट्रल सिटी किस प्रकार हो पाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की तर्ज पर अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर लगाम नहीं लगती, तब तक यह समस्या हल नहीं होगी, वैसे भी अभी शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर इसके लिए तैयार नहीं है व सारे भारत में कहीं भी और इस तर्ज पर ईवी पालिसी लागू नहीं हुई तो फिर चंडीगढ़ के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है।
फेडरेशन की मांग है कि
- सभी श्रेणियों के वाहनों के पंजीकरण के लिए कैपिंग हटाई जाये।
- प्रोत्साहन और सकारात्मक जागरूकता के माध्यम से ईवी को बढ़ावा दें, न कि एकतरफा मनाही और जबरदस्ती के तरीकों से।
- ईवी पालिसी में वाहनों के यदि कोई टारगेट हों तो वे सांकेतिक हों और राष्ट्रीय टारगेट के अनुरूप हों ।
अरुण सूद ने कहा कि वह पहले ही इस मुद्दे को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व चंडीगढ़ के प्रशासक के समक्ष रख चुके हैं और उम्मीद करते हैं कि ईवी के लिए उपयुक्त माहौल व इंफ्रास्ट्रक्चर बनने तक इस पॉलिसी को जल्द ही रिस्ट्रक्चर किया जाएगा , ताकि ऑटो डीलर व उन पर आश्रित 10 हजार परिवार प्रभावित न हों। अरुण सूद ने कहा कि वह जल्द ही प्रशासक से मिलकर इस ज्वलंत मुद्दे को सुलझाने का प्रयत्न करेंगे। आज की मीटिंग में ऑटोमोबाइल फेडरेशन की ओर से रंजीव दहूजा, राम कुमार गर्ग, बलविंदर सिंह, नितिन गुप्ता व आशीष गुप्ता मौजूद रहे।