• पंचकूला में शहीद मदन लाल ढींगरा पंजाबी भवन के उद्घाटन के अवसर पर पंजाबी मिलन समारोह में बोले राज्यसभा सांसद
• कहा- हमारा परिवार पंजाबी समुदाय के बीच रहा, मेरा जन्म रोहतक में हुआ, जहां सबसे ज्यादा है पंजाबी समुदाय की जनसंख्या
PANCHKULA, 14 MAY: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि देश और प्रदेश के विकास में पंजाबी समुदाय का अहम योगदान है। दीपेंद्र हुड्डा रविवार को पंचकूला के सेक्टर-15 में शहीद मदन लाल ढींगरा पंजाबी भवन के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित पंजाबी मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन पंजाबी एकता मंच के प्रधान रविंद्र रावल और गवर्निंग बॉडी ने किया था।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वे पंजाबी एकता मंच और पूरे पंजाबी समुदाय को बधाई देते हैं कि इतना भव्य समारोह आयोजित किया। उन्होंने कहा कि पंचकूला में पूरे पंजाबी समुदाय समेत अन्य के लिए जो भव्य भवन बनाया है, इसके लिए भी पंजाबी एकता मंच को बधाई देते हैं। हुड्डा ने कहा कि यह पूरे हिंदुस्तान में मिसाल है कि आजादी के समय पंजाबी समुदाय को बहुत बड़ी पीड़ा झेलनी पड़ी। इतनी ज्यादा संख्या में परिवारों को अपने घरों से विस्थापित होकर उस पीड़ा के माध्यम से कितना नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसी पीड़ा के बाद यह वह समाज (पंजाबी समुदाय) है, आपके पूर्वज, आपके बड़े जब आए तो उन्होंने जमीन से शुरुआत की, धरातल से शुरुआत हुई। अपनी मेहनत, अपनी ईमानदारी से न केवल हरियाणा को हिंदुस्तान को बुलंदी पर ले जाने में जो योगदान दिया, उसका उदाहरण इतिहास में कहीं और नहीं है।
हुड्डा ने कहा कि मुझे इस बात का भी गर्व है कि हरियाणा के साथ देश के विकास की गवाही अगर कोई दे सकता है तो वह हरियाणा प्रदेश है। क्योंकि हम लोगों ने अपने जीवन में देखा है। मेरा जन्म ऐसे शहर में हुआ, रोहतक शहर में सबसे ज्यादा आबादी पंजाबी समुदाय की दिल्ली को छोड़कर रोहतक में सबसे ज्यादा होगी। मेरे दादा जी के समय से लेकर मेरा पूरा परिवार पंजाबी समुदाय के हर संघर्ष में हमेशा साथ रहा है। उन्होंने कहा कि विभाजन से पहले अगर हम देखें तो दिल्ली तक पूरा पंजाब एक था। यह पंजाब सूबा था पेशावर तक। उस समय भी हम एक देश के थे। मैं हुड्डा साहब (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) और अपने बारे (दीपेंद्र सिंह हुड्डा) में कह सकता हूं कि जन्म और पड़ोसी का चयन नहीं किया जा सकता मगर जो दोस्त होते हैं, उनका चयन हो सकता है। इसलिए मुझे गर्व है कि हुड्डा साहब के सबसे नजदीकी दोस्त और मेरे सबसे नजदीकी दोस्त पंजाबी समुदाय से हैं। मेरा जन्म रोहतक में हुआ, पढ़ाई रोहतक में की तो मेरे दोस्त भी पंजाबी समुदाय के रहे हैं। हमारी जो संस्कृति है, उसकी मिसाल पूरे देश में दी जानी चाहिए। पंजाबी समुदाय का पुरुषार्थ, संयम, धैर्य और देश भक्ति की मिसाल आज पूरे देश के कोने-कोने में दी जाती है।
हुड्डा ने कहा कि जब विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कमेटी बनी तो उसमें मेरे दादा चौधरी रणबीर सिंह खुद कहकर बने कि जो विस्थापित होकर हमारे भाई आए हैं, उनका ठीक से पुनर्वास हो सके। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज राजनीति में जहां हमारा परिवार है, उसमें पंजाबी समुदाय का बहुत बड़ा आशीर्वाद है। जब हुड्डा साहब 1991 में चौधरी देवीलाल के मुकाबले रोहतक संसदीय क्षेत्र से जीते थे तो उसमें सबसे बड़ा सहयोग रोहतक विधानसभा क्षेत्र से मिला था और उसमें पंजाबी समुदाय का सबसे ज्यादा था। पहले भी हमें जो जिम्मेवारी मिली थी या आगे जो जिम्मेवारी लगाएंगे, मैं समझता हूं कि जितना हो सकेगा, पंजाबी समुदाय के लिए करेंगे।
देश प्रेम के कारण पंजाबी समुदाय हिंदुस्तान आया था: शादी लाल बतरा
पंजाबी एकता मंच के मुख्य संरक्षक और पूर्व राज्यसभा सांसद शादी लाल बतरा ने कहा कि देश प्रेम के कारण पंजाबी समुदाय हिंदुस्तान आया था। यहां आकर समाज ने फिर अपने आपको स्थापित किया। उन्होंने कहा कि वे चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पंजाबी भाषा को दूसरे दर्जे की भाषा का दर्जा दिया। इसके बाद पंजाबी समुदाय के बच्चे पंजाबी पढ़ने लगे थे और टीचर बनने लगे थे। पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि विस्थापित होने के बाद पंजाबी समुदाय उस त्रासदी को भूला और आगे बढ़े। जहां देश भक्ति की मिसाल दी, वहां हरियाणा की प्रगति में सबसे बड़ा योगदान दिया। उन्होंने कहा कि जहां भी जाते थे तो लोग कहते थे कि पंजाबी मुख्यमंत्री होना चाहिए। वर्ष 2014 में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने मगर मुख्यमंत्री बने तो कह दिया कि वे पंजाबी नहीं हैं, खट्टर शब्द लिखना बंद कर दिया। मगर ये ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनके राज में प्रदेश में जातीय दंगे हुए। हरियाणा प्रदेश का भाईचारा माना जाता था परंतु इन्होंने उस भाईचारे को भी तोड़ने का काम किया मगर प्रदेश की जनता को बधाई देते हैं कि उसने इनके मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की 36 बिरादरी वैसे ही मिलकर रह रही है, जैसे पहले रहती थी। विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि पंजाबी समुदाय ने विस्थापित होकर यहां आकर कोई आरक्षण नहीं मांगा, नौकरी के लिए स्पेशल स्टेटस नहीं मांगा। अपने बलबूते पर, काबलियित पर आगे बढ़े। पंजाबी कौम के दो-दो प्रधानमंत्री रहे। पंजाबी समाज ने कोई भिक्षा नहीं मांगी। चाहे उसने रिक्शा चलाई, चाहे कोई और काम किया। हमारे पूर्वज बहुत बड़े पुरुषार्थी थे। उन्होंने कहा कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे तो राज्यसभा सदस्य शादी लाल बत्तरा थे। एचपीएससी के चेयरमैन भारत भूषण बतरा थे, एचएसएससी के चेयरमैन विजय कुमार चुघ थे।
बतरा ने कहा कि अगर पंजाबी कौम का भविष्य सबसे ज्यादा बढ़िया है तो वह कांग्रेस में है। जब चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम थे, तब मिलने के लिए खुले दरवाजे रहते थे, मगर अब नहीं। पंचनंद के लिए कुछ नहीं किया। बतरा ने कहा कि आज 36 बिरादरी एक है, कोई हमारा भेदभाव नहीं है, अच्छा भाईचारा है। मुख्यमंत्री जी ने पिछले दिनों बोल दिया, उन्हें 70 साल के बाद विभाजन विभिषिका याद आती है। बड़ी अजीब बात थी। जो जुल्म हमारे पूर्वज सहकर आए थे, जिनको हमने भुला दिया। तीसरी पीढ़ी हमारी यहां आ गई। उसके जख्मों के कुरेदने का काम किया। पंजाबी कौम की आज हरियाणा में अपनी पहचान है।
रावल ने दीपेंद्र हुड्डा का जताया आभार
पंजाबी एकता मंच के प्रधान रविंद्र रावल ने कहा कि पंचकूला में पंजाबी समुदाय के 52000 वोटर हैं मगर पंचकूला में अभी तक पंजाबी भवन नहीं था। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसके लिए सेक्टर-15 पंचकूला में प्लाट दिया। शिलान्यास पर 11 लाख रुपए दिए। शादी लाल बतरा ने 51 लाख रुपए दिए। इस भवन पर लगभग 6 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। रावल ने कहा कि यह भी इतिहास में दर्ज हो गया है कि जिस भवन का शिलान्यास पिता (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) ने किया हो, उसका उद्घाटन पुत्र (दीपेंद्र सिंह हुड्डा) ने किया है। रावल ने कहा कि हुड्डा परिवार ने हमेशा पंजाबी समुदाय को मान-सम्मान देकर रखा है। रावल ने मुख्य अतिथि सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अति विशिष्ट अतिथियों शादी लाल बतरा, अशोक अरोड़ा, भारत भूषण बतरा, विधायक वरुण चौधरी, पूर्व विधायक भीमसेन मेहता, सोनीपत मेयर निखिल मदान और अन्य आए हुए अतिथियों का आभार जताया। इस अवसर पर ओमप्रकाश तनेजा, सुभाष बतरा, कैलाश सरदाना, वीके सरीन, बीडी जुनेजा, टीके चावला, डीके कत्याल, नरेश रावल और पंजाबी एकता मंच के सदस्य उपस्थित रहे।