विश्व का पहला शिक्षा महाकुंभ जालंधर में 9 से 11 जून तक होगा।
CHANDIGARH, 8 APRIL: एनआईटी जालंधर में 9-11 जून को होने जा रहे विश्व के पहले शिक्षा महाकुंभ की तैयारियों के सिलसिले में इस शिक्षा महाकुंभ की आयोजन समिति के सदस्य और भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय में नैशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन के स्वतंत्र निदेशक व प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. (प्रो.) अमित कांसल इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के निदेशक डॉ. धर्मपाल और क्षेत्र की अन्य प्रमुख शख्सियतों को इसका निमंत्रण देने विशेष रूप से पहुंचे। इस दौरान डॉ. अमित कांसल ने पत्रकारों के साथ वार्ता में बताया कि शिक्षा का यह महाकुंभ अपने आप में एक अनूठी पहल है सब के सहयोग से यह एक जन आंदोलन बनेगा और इतिहास रचेगा।
डॉ. कांसल ने कहा कि शिक्षा महाकुंभ के चिंतन-मंथन के प्रमुख पाँच बिंदु होंगे- क्या स्कूल की शिक्षा राष्ट्रीय विषय होना चाहिए? क्या देश की शिक्षा के चिंतन मंथन के लिए वार्षिक स्तर पर महाकुंभ लगना चाहिए? क्या गुरुकुल पद्धति को जीवंत कर आधुनिक शिक्षा से जोड़ना चाहिए? क्या कौशल विकास स्कूल की शिक्षा का मूलभूत विषय होना चाहिए? क्या देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने आसपास के विद्यालयों को साथ लेकर चलना चाहिए? इन सभी विषयों पर इस शिक्षा महाकुंभ में संपूर्ण देश से प्रतिभागी शिक्षाविद उद्योगपति, राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक और समाज के लगभग प्रत्येक क्षेत्र से प्रमुख व्यक्ति चिंतन मंथन करेंगे।
प्रो. कांसल ने जानकारी दी कि अनुमानित है कि इस महाकुंभ में पूरे देश से 5-6 लाख शिक्षक, अभिभावक, शिक्षार्थी, उद्योगपति, वैज्ञानिक आदि ऑनलाइन मोड़ में जुड़ेंगे और 15000 के लगभगऑफ़्लाइन मोड़ में भाग लेंगे।
शिक्षा महाकुंभ में कोई भी व्यक्ति और संस्थान भाग या सहयोग कर सकते हैं।वे शिक्षा महाकुंभ के 22 विषयों पर शोध पत्र लिखकर लेखक के रूप में भाग ले सकते है। वे सिर्फ़ दर्शक के नाते महाकुंभ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते है। वॉलनटियर के नाते इसमें भाग ले सकते है।आर्थिक रूप से इसमें सहयोग दे सकते है या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार कर सकते हैं। स्कूल के बच्चे किसी भी अपनी विधा एवं कौशल को इस महाकुंभ में प्रदर्शित कर सकते है।
डॉ. (प्रो.)अमित कांसल ने बताया कि इस महाकुंभ के पहले पाँच संस्करण पंजाब की पावन धरती को समर्पित हैं शिक्षा महाकुंभ एक वार्षिक उत्सव होगा। इस बंदी आगामी 4 वर्षों के लिए पूरी योजना बना ली गई है।शिक्षा महाकुंभ 2024 – आईआईटी, रोपड़,
शिक्षा महाकुंभ 2025 – नितर चंडीगढ़, शिक्षा महाकुंभ 2026 – एम्स बठिंडा और शिक्षा महाकुंभ 2027 – आईआईएम अमृतसर में होगा।
उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में प्रांत का हर स्कूल एवं संस्थान भाग ले इसके लिए ज़िले अनुसार 25-30 टीमें बनाई गयी है जो व्यक्तिगत रूप से जाकर सभी संस्थानों को निमंत्रण देंगी और प्रत्येक गांव तक पहुंच करेंगी जिससे कि समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति का विचार भी इस महाकुंभ तक पहुंच सके। जिससे कि यह महाकुंभ नए भारत की नयी शिक्षा का इतिहास की रचना करेगा। ग़ौरतलब हो कि इस समागम में भारत के सबसे बड़े गैर सरकारी शैक्षणिक संगठन विद्या भारती के अलावा आधे दर्जन से ज़्यादा संगठन एवं संस्थान सहयोग कर रहे हैं।