श्री अकाल तख़्त साहब की सरपरस्ती व शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल, इंटरनेशनल सिख फोरम व शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से होगा आयोजन
CHANDIGARH, 1 APRIL: सिख कौम के महान जरनैल बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की 300वीं जन्म शताब्दी 5 मई को आ रही है जिसे बड़े स्तर पर श्री अकाल तख़्त साहेब की सरपरस्ती व शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल (पंजवा तख़्त) के मुखिया बाबा बलबीर सिंह व समस्त निहंग सिंह जत्थेबंदियों के नेतृत्व में मनाया जा रहा है। मुख्य कार्यक्रम में क़ौम के नाम संदेश देने के लिए श्री अकाल तख़्त साहेब के जत्थेदार सिंह साहेब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को विशेष निमंत्रण दिया गया है। इन समागमों के लिए विशेष रूप से गठित बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया जन्म शताब्दी कमेटी में इंटरनेशनल सिख फोरम व शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मुख्य भूमिका निभाई जा रही है, जबकि हरियाणा, पंजाब व दिल्ली की अलग-अलग पंथक जत्थेबंदियाँ व रामगढ़िया सभाएँ मिलकर शताब्दी समारोह की सफलता के लिये काम कर रही हैं। पद्मश्री से सम्मानित जगजीत सिंह दरदी को आयोजन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु व शिरोमणि गतका फेडरेशन आफ इंडिया के प्रधान गुरतेज सिंह खालसा पूरे समारोह का संयोजन करेंगे।
आज यहां चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के मुखी बाबा बलबीर सिंह, पद्मश्री जगजीत सिंह दरदी, बाबा सुखा सिंह कार सेवा, बाबा गुरमीत सिंह, गुरुद्वारा राज करेगा खालसा डाचर, बाबा जोगा सिंह, गुरुद्वारा माता साहेब कौर, नानकसर, करनाल, बाबा दलविंदर सिंह खालसा, इसराना साहेब, इंटरनेशनल सिख फोरम के महा सचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु व शिरोमणि गतका फेडरेशन आफ इंडिया के प्रधान गुरतेज सिंह खालसा ने इस महान शताब्दी समारोह के पोस्टर जारी किए।
29 अप्रैल से शुरू होकर पूरा साल चलने वाले शताब्दी समारोहों की श्रंखला में 29 अप्रैल को शिरोमणि सिख संगत सभा विष्णु गार्डन, हरि नगर, पश्चिम विहार दिल्ली की सभी गुरुद्वारा कमेटियों के सहयोग से पश्चिमी दिल्ली में गुरमत समागम आयोजित किया जाएगा। 30 अप्रैल को दिल्ली से खालसा फ़तह मार्च शुरू होगा जो सोनीपत, पानीपत व करनाल के विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ 3 मई को करनाल में समाप्त होगा। यह खालसा फ़तह मार्च पुरातन सिख मर्यादा के अनुसार पूरे जाहो जलाल से निकाला जाएगा। मुख्य समागम 7 मई को करनाल की नई अनाज मंडी में होगा जिसमें देश विदेश से हज़ारों की तादाद में संगत भाग लेगी। इस के बाद पूरा वर्ष हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व देश के अन्य हिस्सों में जहाँ गुरमत समागम व खालसा फ़तह मार्च का आयोजन किया जाएगा वहीं विशेष रूप से तैयार किए जा रहे लाईट एंड साउंड ड्रामा द्वारा रामगढ़िया मिसल के संस्थापक बाबा ज़स्सा सिंह रामगढ़िया के जीवन इतिहास से संगत विशेष रूप से युवा पीढ़ी को अवगत करवाया जाएगा। इन समागमों के दौरान जहाँ सिख शस्त्र विद्या गतका के राष्ट्रीय मुक़ाबले करवाये जाएँगे वहीं दस्तार बंदी मुक़ाबले ओर सिख नौजवानो को नशे व पतितपुणे से दूर रहकर अमृत छकने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इन सभी समागमों में सिख क़ौम की प्रमुख जत्थेबंदियों के मुखी, पंथ प्रसिद्ध रागी, ढाडी, प्रचारक शामिल हो रहे हैं जिनमे ज्ञानी गुरदेव सिंह ऑस्ट्रेलिया, सचखंड श्री हरमंदर साहेब के हजूरी रागी भई शौक़ीन सिंह, भाई शुभदीप सिंह, ढाडी जत्था भाई गुरप्रताप सिंह सुग्गा, प्रसिद्ध इतिहासकार सुखप्रीत सिंह उधोके, कथावाचक ज्ञानी शेर सिंह अंबाला, ज्ञानी कुलवंत सिंह लुधियाना। रागी भाई जगमोहन सिंह पटियाला, व अन्य पंथक शख़्सियते शामिल होंगी। इन समागमों के दौरान विश्व स्तर पर अपने कार्यों से सिख क़ौम का नाम रोशन करने वाली हस्तियों को बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया अवार्ड से भी नवाज़ा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया ने 1783 ईसवी में बाबा जस्सा सिंह आहलूवालिया व बाबा बघेल सिंह के साथ मिलकर दिल्ली को फतह किया था व लाल क़िले की प्राचीर पर खालसाई निशान साहेब लहराया था। जीत की निशानी के तौर पर मुगलिया शान के प्रतीक तख्त ए ताऊस, जिस पर बैठ कर औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को शहीद करने का हुक्म सुनाया था, को तोड़ कर उसके पत्थर (सिल) को दिल्ली से श्री अमृतसर ले आये थे। यह सिल आज भी श्री दरबार साहेब की परिक्रमा के साथ बने रामगढ़िया बुनगे में मौजूद है। उस समय के अन्य सिख जरनैलों के साथ मिलकर अब्दाली के क़ब्जे से हिन्दोस्तान की हज़ारों बेटियों को छुड़वाने वाले, रामगढ़ सहित 362 छोटे बड़े क़िले बनवाने वाले ऐसे महान योद्धा जिसको कभी युद्ध के मैदान में हराया नहीं गया, की तीसरी जन्म शताब्दी को पूरी शान से मनाने के लिए बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया जनम शताब्दी कमेटी की और से गुरमत समागम व खालसा फ़तह मार्च का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इस समागमों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, समूह निहंग जत्थेबंदियों, कार सेवा व नानकसर संप्रदाय सहित विभिन्न गुरुद्वारा कमेटियों का सहयोग लिया जा रहा है।
18वी सदी का इतिहास सिख मिसलों का इतिहास है। सिख 12 मिसलों में बँटे हुए थे। आपसी वैचारिक मतभेद के बावजूद सब मिसलें पंथक कार्य मिलकर करते थे। सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया की जनम शताब्दी सिख क़ौम की समूह जत्थेबंदियों को आपसी मतभेद भुलाकर एक होकर खालसा पंथ की चढ़दी कलां के लिए कार्य करने की प्रेरणा देगी।