CHANDIGARH, 1 APRIL: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने तफ्तीश के दौरान आरोपी सिद्ध होने के बाद नरिन्दर सिंह, ज्वाइंट डायरैक्टर, फैक्टरीज़, श्रम विभाग, एस.ए.एस. नगर मोहाली को गिरफ़्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसने एस.ए.एस. नगर स्थित फिलिप्स फैक्ट्री को अनधिकृत तौर पर डीरजिस्टर कर दिया था, जिस कारण पंजाब सरकार को 600 से 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और अलग-अलग अदालतों में मामलों का सामना करना पड़ा। उक्त मुलजिम को आज एस.ए.एस. नगर की एक अदालत में पेश करके विजीलैंस ब्यूरो ने पांच दिनों का पुलिस रिमांड हासिल किया है।
विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में ब्यूरो की तरफ से मुकदमा नंबर 01 तारीख़ 05- 01- 2023 को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (ए), 13 (2) और आई. पी. सी. की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 201, 120-बी. तहत थाना विजीलैंस ब्यूरो उड़न दस्ता-1 पंजाब, एस. ए. एस. नगर में दर्ज है जिसमें अब तक 9 मुलजिम अधिकारी/कर्मचारी गिरफ़्तार किये जा चुके हैं जो न्यायिक हिरासत अधीन जेल में बंद हैं।
उन्होंने बताया कि इस केस की तफ्तीश के दौरान बीते दिन 31- 03- 2023 को नरिन्दर सिंह, ज्वाइंट डायरैक्टर, निवासी मकान नंबर 1397, सैक्टर 68, एस. ए. एस. नगर को इस मुकदमे में मुलजिम के तौर पर नामज़द करके गिरफ़्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पाया गया कि उक्त अधिकारी ने तारीख़ 28-12-2018 को सुकंतो आइच डायरैक्टर और फिलिप्स कंपनी की तरफ से श्रम कमिशनर पंजाब, चंडीगढ़ को मुखातिब हुये एक दरख़ास्त डाक के द्वारा मोसुल हुई परन्तु नरिन्दर सिंह ने यह दरख़ास्त श्रम कमिशनर पंजाब को भेजे बिना आप ख़ुद ही कार्यवाही शुरू कर दी। उक्त अधिकारी ने अपने पत्र नंबर 19 तारीख़ 10- 01- 2019 के द्वारा बगैर कोई पड़ताल किये या फिलिप्स कंपनी के किसी वर्कर के बयान लिए बिना और श्रम कमिशनर की मंजूरी के बगैर ही उक्त फैक्ट्री डीरजिस्टर कर दी। इसके इलावा फैक्ट्री डीरजिस्टर करने सम्बन्धी अलग-अलग इंडस्ट्रीज, डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ आदि के दफ्तरों की जानकारी हेतु डीरजिस्टर करने के लिए तारीख़ 25- 01- 2019 को जारी पत्र की कॉपी भेजी लिखा है परन्तु यह पत्र किसी भी दफ़्तर में मोसुल नहीं हुआ।
इसके बाद तारीख़ 27-02-2019 को श्रम इंस्पेक्टर, एस. ए. एस. नगर की तरफ से स्थानीय चीफ़ ज्यूडशियल मैजिस्टेट की अदालत में पंजाब सरकार की तरफ़ से औद्योगिक विवाद कानून 1947 की धारा 25 का चालान संकूतो आइच और अमित मित्तल, मैसर्ज फिलिप्स इंडिया लिमिटड फेस-9 एस. ए. एस. नगर के खिलाफ़ दायर कर दिया।
गौरतलब है कि यदि नरिन्दर सिंह इस फैक्ट्री को डीरजिस्टर न करता तो यह फैक्ट्री बंद नहीं की जा सकती थी और औद्योगिक विवाद कानून की धारा 25 के तहत चालान देना ही नहीं बनता था और ऐसा चालान करने से पहले नरिन्दर सिंह को बाकायदा पड़ताल करनी बनती थी जो उसने नहीं की। इसी कारण प्रतिवादियों ने इस मद का फ़ायदा लेकर पंजाब सरकार के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष आज्ञा पटीशन दायर करके तारीख़ 05- 08- 2019 को धारा 25 के अंतर्गत किये चालान के विरुद्ध स्टे हासिल कर लिया था। जांच के दौरान पाया गया कि यदि यह अधिकारी उक्त फैक्ट्री को डीरजिस्टर न करता तो पंजाब सरकार को 600 से 700 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होना था। इस मुकदमे की आगे तफ्तीश जारी है।