टीबी की बीमारी इलाज योग्य है, जागरूकता और लोगों की भागीदारी से लगाई जा सकती है इस बीमारी पर रोक: डॉ. बलबीर सिंह
CHANDIGARH, 24 MARCH: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विश्व तपेदिक (टी.बी.) दिवस के मौके पर पंजाब को 2025 के अंत तक टीबी मुक्त राज्य बनाने का संदेश दिया।
इस मौके पर डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब में समय-समय पर कई जागरूकता गतिविधियां करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चाहे टी. बी एक संक्रमण (छूत) की बीमारी है, परन्तु यदि समय पर इसका पता लग जाये और इलाज किया जाये तो यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों में यह बड़ा और आम भ्रम है कि टीबी मौत का कारण बनती है, परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि समय पर जांच और इलाज से बीमारी आगे फैलने से रुक जाती है।
टीबी को ख़त्म करने के लिए सामूहिक कार्यवाही की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इस साल टी. बी दिवस का विषय ‘येस वी केन एंड टीबी’, है जो टीबी को ख़त्म करने के लिए हमारे सामूहिक यत्नों को दर्शाता है। एक जन आंदोलन की ज़रूरत है, जिसमें सरकार के साथ-साथ आम लोगों का सहयोग ज़रूरी है।
टीबी के ख़ात्मे के लिए किये जा रहे यत्नों के बारे विस्तार के साथ बताते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब के आठ जिलों को केंद्र सरकार की तरफ से नये मामलों का लोड 20 प्रतिशत से अधिक घटाने के लिए ब्रोंज़ सर्टीफीकेशन’ के साथ सम्मानित किया गया है। डॉ. बलबीर सिंह ने आगे बताया कि राष्ट्रीय टीबी ख़ात्मा प्रोग्राम के अंतर्गत साल 2025 तक पंजाब में से टी. बी को जड़ से ख़त्म करने के लिए हर तरह के यत्न किये जा रहे हैं।
‘विश्व टीबी दिवस’ के मौके पर डायरैक्टर स्वास्थ्य पंजाब के दफ़्तर में एक जागरूकता प्रोग्राम भी करवाया गया, जिसमें सचिव स्वास्थ्य-कम-एम. डी. नेशनल हैल्थ मिशन डॉ. अभिनव त्रिखा मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए और डॉ. अमरजीत कौर सीनियर क्षेत्रीय डायरैक्टर एच. एफ. डब्ल्यू चंडीगढ़ ने भी विशेष तौर पर शिरकत की। समागम के दौरान बोलते हुये डॉ. त्रिखा ने इस बीमारी सम्बन्धी समाज में फैली दहशत को ख़त्म करने का न्योता दिया और सभी को टी. बी के मरीज़ के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करने का न्योता दिया।
समागम के दौरान डॉ. रविन्दरपाल कौर डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) ने सभी को टी.बी के ख़ात्मे के लिए किसी भी स्तर पर योगदान डालने का प्रण लेने की अपील की। उन्होंने इस मौके पर करवाए गए क्विज़ और सलोगन लेखन मुकाबले के विजेताओं को इनाम भी वितरित किये।
टीबी चैंपियन वरिन्दर कुमार, जो पहले ही टीबी से ठीक हो चुका है और अब टीबी के ख़ात्मे के लिए विभाग के साथ काम कर रहा है, ने अपने विचार सांझा किये कि कैसे उसने छह महीनों में सरकारी मुफ़्त इलाज के साथ टी. बी को हराया और वह अब पूरी तरह तंदुरुस्त है।
मंत्री ने कम्युनिटी, सिवल सोसायटी संस्थाओं, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और राज्य भागीदारों को ‘‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’’ के बैनर तले एकजुट होने और 2025 तक टीबी के ख़ात्मे के लिए आगे आने की अपील की।