पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेक्नोलॉजी की उपयोगिता पर सीएमईपी आयोजित
CHANDIGARH, 23 MARCH: पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेक्नोलॉजी पर आयोजित एक कॉन्टिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम (सीएमईपी) में चंडीगढ़ ट्राईसिटी के लगभग 50 से अधिक डॉक्टर्स ने भाग लिया।
उपस्थित चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए डॉ. विजय मल्होत्रा ने पीसीआर की कार्यप्रणाली व इसके तकनीकी पक्षों की जानकारी देते हुए बताया कि पॉलीमरेज चेन रिएक्शन एक इन-विट्रो डीएनए प्रवर्धन तकनीक है। इसके अंतर्गत विशिष्ट डीएनए पॉलीमरेज़ एंज़ाइम का प्रयोग करके डीएनए या जीन के किसी विशेष खंड की लाखों प्रवर्धित प्रतियाँ तैयार की जाती हैं। डॉ. सिंड्रेला दास ने वायरसों के साथ-साथ बैक्टीरियों के जरिए फैलने वाले संक्रामक रोगों की रोकथाम में पीसीआर टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर प्रकाश डाला। जीएमसीएच-32 के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर व प्रमुख डॉ. जगदीश चंद्र ने कॉमन फंगल इन्फेक्शन्स के निदान में पीसीआर प्रणाली की उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक विवरण दिया। सीएमईपी का आयोजन मल्होत्रा मेडिकल लैबोरेट्रीज़ व मोल्बियो डॉयोग्नॉस्टिक्स द्वारा किया गया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में बताया कि पीसीआर टेक्नोलॉजी मनुष्यों के लिए तकलीफदेह विभिन्न कॉमन व अनकॉमन इन्फेक्शन्स को डॉयोग्नॉज़ करने की नवीनतम तकनीक है जिससे मरीज बेहद लाभान्वित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सीपीआर का प्रयोग जैव चिकित्सा अनुसंधान, आपराधिक जाँच तथा विषाणुजनित (कोरोना व अन्य), जीवाणुजनित व आनुवंशिक रोगों की जाँच हेतु भी किया जाता है।