पंजाब के स्कूल प्रिंसिपलों का दूसरा बैच ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर रवाना

कोई सिफारिश नहीं, मेरिट के आधार पर हो रहा है ट्रेनिंग के लिए चयन: मुख्यमंत्री

CHANDIGARH, 3 MARCH: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि राज्य शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी तबदीली का गवाह बनेगा जिससे विद्यार्थी अपने उज्जवल भविष्य की सृजना कर सकेंगे।

यहाँ मैगसीपा में अध्यापकों के दूसरे बैच को सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए हरी झंडी दिखा कर रवाना करने के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान इन अध्यापकों को विदेशों में प्रचलित आधुनिक अध्यापन अभ्यासों की ट्रेनिंग दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वापसी के बाद यह अध्यापक विद्यार्थियों और अपने साथी अध्यापकों के साथ इन अभ्यासों को सांझा करेंगे और यह यकीनी बनाऐंगे कि विद्यार्थी विदेशों में पढ़ाई के पैटर्न से अवगत हो सकें। भगवंत मान ने कल्पना की कि इससे राज्य के विद्यार्थी विदेशों में पढ़े-लिखे अपने साथियों का मुकाबला करने के योग्य होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है जो विद्यार्थियों की भलाई के लिए राज्य की समूची शिक्षा प्रणाली को बड़े स्तर पर मज़बूती देगा। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव वाली बात है क्योंकि यह अध्यापक आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के एजेंट के तौर पर काम करेंगे। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि इससे विद्यार्थियों को बहुत फ़ायदा होगा और राज्य की शिक्षा प्रणाली में अपेक्षित गुणात्मक तबदीली आयेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गौरव और संतोष वाली बात है कि इनमें से ज़्यादातर अध्यापक राज्य या राष्ट्रीय पुरस्कार ऐवार्डी हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग स्थान बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों का चयन करने का एकमात्र मापदंड मेरिट है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि वह शिक्षा सुधार में अग्रणी भूमिका निभाएं। भगवंत मान ने कहा कि ट्रेनिंग के बाद उनको राज्य  भर के किसी भी स्कूल में तैनात करने के लिए उनके साथ पहले ही समझौता किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी ही एक पहलकदमी जो शिक्षा के सुधार के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगी, वह है स्कूल आफ एमिनेंस। उन्होंने कहा कि यह स्कूल भावी मुकाबलों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए और ज्यादा सहायक सिद्ध होंगे। भगवंत मान ने कल्पना की कि यह स्कूल दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेंगे जिसको देश भर में अपनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी यत्नों का एकमात्र उद्देश्य नौजवानों को राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय हिस्सेदार बना कर हुनर के पलायल के रुझान को पलटना है। उन्होंने कहा कि पंजाबी नौजवानों में बड़ा सामर्थ्य है जिस कारण विश्व प्रसिद्ध आई. टी कंपनियाँ और यूनिवर्सिटियाँ राज्य के साथ ज्ञान सांझा करने सम्बन्धी समझौता करना चाहती हैं। भगवंत मान ने कहा कि वास्तव में पंजाब देश भर में मानक शिक्षा के मॉडल के तौर पर उभरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगापुर का दौरा शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापकों के पेशेवर ज्ञान और महारत में विस्तार करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से अपनी किस्म की यह पहली पहलकदमी अध्यापकों की विदेश जाकर ट्रेनिंग के लिए राज्य योजना का हिस्सा है, जिसको मंत्री मंडल की तरफ से मंज़ूरी दी गई है और इसका उद्देश्य यह यकीनी बनाना है कि अध्यापकों के पेशेवर हुनर में विस्तार हो जिससे वह विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें। भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का एकमात्र उद्देश्य सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा यकीनी बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ट्रेनिंग अध्यापकों को पढ़ाने के अत्याधुनिक ढंगों, लीडरशिप के हुनर, अध्यापन-ट्रेनिंग सामग्री तैयार करने और महामारी के बाद की दुनिया में आडियो- विजुअल टैकनोलोजी के बारे जानने का मौका, असैंशियलज़ आफ स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, स्कूल के माहौल में बदलाव, बिल्डिंग टीचर्ज प्रोफेशनल कैपिटल, कोर्स सम्बन्धी लीडरशिप, मैंटरिंग एंड लैसन अबजरवेशन सकिल्लज़, अध्यापन और सीखने में नविनता और प्रभावी संचार के साथ लैस करके उनके तजुर्बे को और विशाल करने में और ज्यादा सहायक सिद्ध होगी।

उन्होंने कल्पना की कि यह पहलकदमी राज्य में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिए एक मील पत्थर साबित होगी। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इन यत्नों स्वरूप पंजाब जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन कर उभरेगा।

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